Tuesday, August 27, 2019

गीले बालों की ठंडक को महसूस कर रहा था

Antarvasna, desi sex kahani: मैं दिल्ली से मुंबई जा रहा था मैंने जिस ट्रेन में रिजर्वेशन करवाया था वह ट्रेन बिल्कुल सही समय पर थी और जब मैं स्टेशन पहुंचा तो स्टेशन पहुंचते ही मैंने ट्रेन में अपना सामान रख दिया। मेरे पापा मुझे छोड़ने के लिए आए हुए थे और उन्होंने मुझे कहा कि शैलेश बेटा जब तुम मुंबई पहुंच जाओ तो मुझे फोन करना उन्होंने मुझे साफ तौर पर कहा कि बेटा तुम अपने खाने का भी ध्यान रखना क्योंकि मैं काफी दुबला पतला हो गया था। मैं अब ट्रेन में बैठ चुका था और ट्रेन थोड़ी देर बाद चलने वाली थी कुछ समय घर पर रहने के बाद मुझे अच्छा लगा और अब मैं मुंबई वापस लौट चुका था। मैं जब अगले दिन मुंबई पहुंचा तो मैंने पापा को फोन कर दिया था और जब मैंने पापा को फोन किया तो उन्होंने मुझे कहा कि बेटा तुम अपना ध्यान रखना। पापा उस वक्त ऑफिस में थे इसलिए वह मेरे साथ ज्यादा देर तक बात नहीं कर पाये और उसके बाद मैंने अपनी मां को भी फोन कर दिया था।

उस दिन मैं घर पर ही था तो उस रात मेरे घर पर मेरा दोस्त विवेक आ गया जब विवेक आया तो विवेक कहने लगा कि शैलेश आज मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो सोचा तुम से मिल लेता हूं और तुम भी बिल्कुल सही समय पर यहां पहुंचे हो। मैंने विवेक से कहा विवेक मैं आज ही तो सुबह पहुंचा था। मैं जिस फ्लैट में रहता था उसके दो बिल्डिंग छोड़कर ही विवेक रहता था और वह मेरे पास आया था तो मैंने उससे कहा कि विवेक तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो वह मुझे कहने लगा कि मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है लेकिन तुम यह बताओ तुम इतने दिनों तक घर पर थे तो घर पर तुम्हें कैसा लगा। मैंने उसे कहा घर पर मुझे अच्छा लगा उसके बाद मैं और विवेक साथ में हीं बैठे हुए थे तो मैंने उसे कहा कि मुझे काफी भूख लग रही है।

वह कहने लगा कि चलो हम लोग बाहर से कुछ ले आते हैं मैंने उसे कहा कि हम लोग बाहर ही खाना खा लेते हैं और उस दिन हम लोग बाहर ही डिनर करने के लिए चले गए। मैंने अपने कपड़े चेंज किए उसके बाद मैं और विवेक बाहर डिनर करने के लिए चले गए और जब हम लोग घर वापस लौटे तो उस वक्त काफी ज्यादा देर हो चुकी थी। अगले दिन मुझे अपने ऑफिस जाना था तो मैं जल्दी सुबह उठकर अपने ऑफिस चला गया। मैं अपने खाने का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखता था जिस वजह से मैं काफी ज्यादा कमजोर भी हो गया था लेकिन अब पापा और मां के कहने पर मैंने एक टिफिन सर्विस वाले को फोन किया और उससे मैंने टिफिन लगवा दिया वह समय पर टिफिन ले आता था और मैं अब अपने खाने पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा था। हमारे ऑफिस में एक नया लड़का कुछ समय पहले ही जॉब करने के लिए आया था वह चेन्नई से था तो उसे रहने के लिए बहुत प्रॉब्लम हो रही थी जिस वजह से उसने मुझे कहा कि सर क्या मैं आपके साथ रह सकता हूं? मैंने भी उसे मना नहीं किया और कहा कि जब तक तुम्हारी रहने की व्यवस्था नही हो जाती तब तक तुम मेरे साथ रह सकते हो। वह कहने लगा की ठीक है सर और फिर वह मेरे साथ रहने लगा उसका नाम चंदन है। चंदन मेरे साथ रहने लगा था और हम दोनों सुबह साथ में ही ऑफिस जाया करते थे हमारे घर के बाहर ही बस स्टॉप था तो हम दोनों बस से ही अपने ऑफिस जाया करते थे। यदि बस में कभी ज्यादा भीड़ होती तो हम लोग ऑटो से ही चले जाया करते लेकिन मुंबई के ट्रैफिक का हाल काफी बुरा है जिस वजह से हम दोनों को सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता था। थोड़े समय बाद ही चंदन ने अपने लिए एक फ्लैट देख लिया था और वह उस फ्लैट में शिफ्ट हो गया था। मैंने चंदन को कहा भी था कि यदि तुम्हें कोई परेशानी नहीं है तो तुम मेरे साथ रह सकते हो लेकिन चंदन मुझे कहने लगा कि सर नहीं मैं अपने लिए फ्लैट देख चुका हूं और मेरा रहने का भी बंदोबस्त हो चुका है। वह अब अलग रहने के लिए चला गया विवेक अक्सर मेरे पास आता रहता था और जब भी वह आता तो कई बार वह मेरे साथ ही रुक जाया करता था। एक दिन विवेक मुझे कहने लगा कि शैलेश मेरा बर्थडे है आज हम लोग कहीं बाहर चलते हैं।

उस दिन हम लोग एक बार में चले गए और वहां पर हम लोगों ने विवेक का बर्थडे सेलिब्रेट किया विवेक के कुछ दोस्त भी आए हुए थे लेकिन वह जल्दी चले गए थे। विवेक और मैं देर रात घर लौटे मैं काफी नशे में था इसलिए मुझे नींद आ गई और अगले दिन मैं अपने ऑफिस नहीं जा पाया तो ऑफिस से मैंने छुट्टी ले ली थी क्योंकि मेरा ऑफिस जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था। उसके बाद मैं फ्रेश हुआ तो थोड़ी देर बाद ही टिफिन वाला टिफिन ले आया था मैंने नाश्ता किया, नाश्ता करने के बाद मैं घर पर ही था मैंने सोचा कि पापा को फोन कर देता हूं। मैंने पापा को फोन किया और उनसे मैंने काफी देर तक बात की पापा के साथ मेरी काफी अच्छी बनती है इसलिए मैं पापा के साथ बात करने लगा। उस दिन जब मैं उनसे बात कर रहा था तो उन्होंने मुझे बताया कि मेरी बहन के लिए उन्होंने एक लड़का देखा है और जल्द ही वह उसकी सगाई उससे करवाने वाले हैं। पापा ने कहा कि शैलेश बेटा तुम्हें भी कुछ दिनों के लिए दिल्ली आना पड़ेगा मैंने पापा से कहा पापा ठीक है मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली आ जाऊंगा। मैंने उनसे करीब 10 मिनट तक की और बात करने के बाद मैंने फोन रख दिया था।

एक दिन मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था तो मैंने देखा एक लड़की अपना सामान शिफ्ट कर रही थी वह मेरे सामने वाले फ्लैट में रहने के लिए आई थी। उसे देख कर तो मैं खुश हो गया था मेरी जिंदगी में जैसे बाहर आ गई थी मैंने उसे कहा मेरा नाम शैलेश है क्या मैं आपकी कुछ मदद कर दूं? उसने मुझे कहा हां आप मेरी मदद कर दीजिए मैंने उसका सामान रखने में उसकी मदद की जब हम लोग पूरा सामान रख चुके थे तो मैंने उससे हाथ मिलाते हुए कहा मेरा नाम शैलेश है। वह कहने लगी मेरा नाम अंजली है और मेरी कुछ समय पहले ही यहा जॉब लगी है मैंने उससे कहा चलिए यह तो बड़ी अच्छी बात है। मैंने उससे कहा क्या आप अकेली ही रहेगी? उसने कहा हां मैं अब दिल ही दिल खुश हो गया था और उसकी चेहरे की तरफ मैं बड़े ध्यान से देख रहा था मुझे अच्छा भी लग रहा था। अब मैंने उस से कहा अभी मैं चलता हूं मैं आपसे दोबारा मिलूंगा। वह कहने लगी ठीक है उसके बाद जब भी अंजली को जरूरत होती तो वह मुझे कह दिया करती क्योंकि वह अभी आसपास मे किसी को जानती नहीं थी इसलिए मुझसे ही वह मदद मांग लिया करती। मैं भी हमेशा अंजली की मदद कर देता। रविवार का दिन था और मैं अपने घर में मूवी देख रहा था तभी फ्लैट की डोर बेल बजी और मैंने तुरंत दरवाजा खोला मैंने देखा दरवाजे पर अंजली खड़ी है मैंने अंजली से कहां कुछ काम था? अंजली कहने लगी शैलेश मुझे तुमसे कुछ काम था तो मैंने उससे कहा कहो ना तुम्हें क्या काम था उसने मुझे कहा मेरे बाथरूम मे पानी नहीं आ रहा है तो मैं सोच रही हूं क्या तुम्हारे बाथरूम को यूज कर लूं। मैंने उसे कहा क्यों नहीं और वह अपने कपड़े ले आई और उसके बाद वह मेरे बाथरूम मे नहाने लगी मैं अपने दिमाग में अंजली के बदन की कल्पना कर के खुश हो रहा था और मेरे लंड से पानी बाहर निकलने लगा था। जब वह नहाकर बाहर आई तो मेरे साथ बैठकर वह मूवी देखने लगी और मुझे कहने लगी तुम कौन सी मूवी देख रहे हो।

मैंने उसे कहा बस ऐसे ही टाइम पास के लिए मूवी देख रहा था वह मेरे पास ही बैठे हुई थी उसके बाल गिले थे तो मेरे अंदर एक अलग ही ठंडक पैदा कर रही थी। मैंने जब उसकी जांघ पर हाथ रखकर सहलना शुरू कर दिया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब मैंने भी उसकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डालने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत में उंगली नहीं घुस रही थी। मैंने उसे वहीं जमीन पर लेटा दिया था अब वह भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुकी थी मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह भी उत्तेजित होकर मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे होठों को चूसने में मजा आ रहा है। मैं उसके होठों को बड़े अच्छे से चूस रहा था और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा था मैंने काफी देर तक उसके होठों का रसपान किया।

जब मैं उसके होठों को चूमता तो मेरा लंड भी तनकर खड़ा होने लगा था मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना है वह भी मेरे लंड को लेने के लिए तड़प रही थी मैंने उसके कपड़े उतारकर उसकी पिंक पैंटी को उतारा तो उसकी चूत को मैं चाटने लगा उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी चूत बहुत ही मुलायम लग रही थी। अब उसकी गर्मी बढ़ चुकी थी मैंने भी अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डालते हुए एक जोरदार झटका मारा जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मुझे मजा आ गया और वह कहने लगी आज तो बहुत ही ज्यादा मजा आ गया। अब वह मेरा साथ देने लगी थी मैंने उसके पैरों को खोल लिया था और जब मैं उसे चोद रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। काफी देर तक मैंने उसे धक्के दिए और उसकी गर्मी को बढ़ा दिया था लेकिन जैसे ही मेरा माल उसकी चूत के अंदर गिरा तो मैं खुश हो गया और वह भी खुश थी उसके बाद तो अंजली और मेरे बीच अक्सर सेक्स संबध बनने लगे।



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