Wednesday, May 29, 2019

पल्लू सरक गया तो मैने साडी ही ऊठा दी

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Pallu sarak gaya to maine saari hi utha di कार में बैठे हुए सज्जन मुझे कहने लगे कि भैया आप हमें यहीं उतार दीजिए मैंने उन्हें वहीं उतार दिया और उन्होंने मुझसे पूछा कितने रुपए हुए तो मैंने उन्हें कहा साहब आप से ऑफिस में तो बात हो ही गई थी और आपको मालूम है कि मैंने आपसे हजार रुपए के लिए कहा था। वह सज्जन कहने लगे कि भैया थोड़ा सा तो कम कर लीजिए मैंने उन्हें कहा नहीं सर यदि आप पहले ही मुझे कह देते तो शायद उस वक्त मैं कम कर देता लेकिन हमारी बात हजार में हो चुकी थी तो आप मुझे हजार रुपए दे दीजिए। उन्होंने मुझे हजार रुपए दिए और वह चले गए मैं अब अपने घर पहुंचा घर पहुंचते ही मुझे थकान बहुत ज्यादा महसूस हो रही थी मैंने अपनी बूढ़ी मां से कहा मां मेरे लिए कुछ ठंडा बना दो। मां कहने लगी कि बेटा अभी तुम्हारे लिए मैं लस्सी बना देती हूं मैंने मां को कहा हां मां आप मेरे लिए लस्सी बना दीजिए मां ने मेरे लिए लस्सी बना दी और उसके बाद मैं कुछ देर अपने कमरे में आराम करने लगा।

मैंने कूलर के बटन को ऑन किया और कूलर बड़ी तेजी से चलने लगा मेरी आंख लगने लगी थी कि तभी मेरी मां आई और कहने लगी कि मोहन बेटा कुछ खा लो। मैंने मां से कहा नहीं मां मेरा खाने का मन नहीं हो रहा है तो मां कहने लगी कि क्या तुमने बाहर कुछ खा लिया था मैंने मां को कहा नहीं मां मैंने बाहर कुछ भी नहीं खाया था। मां ने मुझे कहा कि देखो बेटा मैंने तुम्हारे लिए खाना बना दिया है अब तुम आकर खाना खा लो मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं खाना खा लेता हूं। मैं और मां साथ में बैठकर खाना खाने लगे मां मुझे कहने लगी कि बेटा आज तुम्हारे भैया का मुझे फोन आया था मैंने मां से कहा अब भैया क्या कह रहे थे। मां कहने लगी कि वह मुझे कह रहा था कि कुछ दिनों के लिए तुम मेरे पास आ जाओ लेकिन मैंने उसे मना कर दिया। मेरे भैया, भाभी के घर पर ही रहते हैं जब से उनकी शादी हुई है तब से वह भाभी के घर पर ही रहते हैं और कभी कबार हमसे मिलने के लिए आ जाया करते हैं।

भैया ने पैसों के लालच के चलते भाभी से शादी कर ली भाभी का व्यवहार मां के प्रति बिल्कुल भी अच्छा नहीं है और वह मां को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती इसी वजह से वह लोग कभी भी घर नहीं आते हैं। भैया कभी कबार हमसे मिलने के लिए आ जाते हैं मां को भैया की बहुत याद आती है मैं अभी भी टैक्सी चला कर ही अपना गुजारा कर रहा हूं क्योंकि मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था इसलिए मैंने टैक्सी चलाने का फैसला किया। कुछ वर्षों तक तो मैं सरदार जी के पास टैक्सी चलाता रहा लेकिन फिर मैंने वहां से काम छोड़ कर अपनी ही एक टैक्सी खरीदी और अब मैं खुद ही अपनी कार चलाया करता हूं जिससे कि मेरा और मेरी मां का घर का खर्चा चल जाता है। मां मुझे कहने लगी कि बेटा कल क्या तुम घर जल्दी आ जाओगे मैंने मां को कहा मां क्या कोई जरूरी काम था तो मां कहने लगी कि बेटा मुझे आजकल कुछ अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा है। मैंने मां को कहा मां मैं तुम्हारी आंखों का चेकअप करवा देता हूं तो मां कहने लगी ठीक है बेटा कल तुम मेरी आंखों का चेकअप करवा देना। अगले दिन मैं सुबह घर से जल्दी निकल चुका था और जब मैं वापस घर लौटा तो मैंने मां को कहा मां मैं आपको चेकअप के लिए ले चलता हूं और मैं मां को चेकअप के लिए ले गया। जब मैं उन्हें आंखों के डॉक्टर के पास ले गया तो उन्होंने मां की आंखों को जांचा तो पता चला कि मां की आंखों में मोतियाबिंद हो गया है डॉक्टर कहने लगे हमें आपकी मां की आंखों का इलाज करना होगा। मैंने डॉक्टर से कहा साहब लेकिन कब तक यह इलाज हो पाएगा तो वह कहने लगे कि यदि तुम कहो तो आज ही मैं उनका इलाज कर देता हूं। मैंने भी सोचा कि लगे हाथ मां का इलाज करवा ही देता हूं और उसी वक्त मैंने मां का इलाज करवा दिया मां की आंखों का कुछ देर तक ऑपरेशन चला और उसके बाद डॉक्टर ने कहा कि आप इन्हें आज यहीं रहने दीजिए। मैंने उस दिन मां को अस्पताल में ही रखा और मैं मां के साथ ही था अगले दिन हम लोग घर लौट आए मां की देखभाल के लिए ही मुझे कुछ दिनों तक घर पर रहना पड़ा। भैया को जब यह बात पता चली तो भैया मां से मिलने के लिए आए भैया की भी कुछ जिम्मेदारी थी लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों से मुंह फेरे हुए हैं और हम से मिलने के लिए बहुत कम ही वह आया करते थे मुझे इस बात से बहुत ही नाराजगी थी।

मैंने भैया को कहा कि भैया आप मां को देखने के लिए भी नहीं आ पाए तो वह कहने लगे कि मैं कुछ जरूरी काम में उलझा हुआ था इसलिए मां को देखने के लिए नहीं आ पाया लेकिन मैं समझ रहा था कि उनकी मजबूरी सिर्फ और सिर्फ भाभी की वजह से है ना जाने उन्होंने मां से क्यों अपना मुंह फेर लिया। भैया उसी दिन लौट गए और रात के वक्त मैं खाना बनाने लगा मैंने जब मां को कहा कि मैं खाना बना देता हूं तो मां कहने लगी कि बेटा तुम रहने दो लेकिन मैंने रात का खाना बनाया और कुछ दिनों तक मां की सेवा करता रहा। मां अब ठीक होने लगी थी तो मैं भी अपने काम पर लौट गया। मैं जब अपने काम पर लौटा तो उस दिन सुबह से ही मेरा मूड कुछ ठीक नहीं था क्योंकि सुबह के वक्त ही मेरा एक कस्टमर के साथ झगड़ा हो गया था और मैं काफी गुस्से में था। मैं सोचने लगा कि आज सुबह से ही दिन खराब है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था मैं शायद अपनी मां की आंखों की वजह से ज्यादा टेंशन में था।

उस दिन मुझे एक बुकिंग मिली वह महिला बड़ी जल्दी में थी उसके हाव भाव देखकर मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। मैंने उस महिला से कहा मैडम आप इतनी घबराई हुई क्यों है? वह कहने लगी कुछ नहीं तुम गाड़ी चलाते रहो। मैंने उसके बाद उससे कुछ नहीं पूछा लेकिन जब मैंने उसे उसके स्थान पर पहुंचा दिया तो मैंने उससे कहा मैडम पैसे। वह कहने लगी पैसे तो मेरे पास नहीं है। मैंने उससे कहा मुझे तो पैसे चाहिए वह मुझे कहने लगी चलो तुम मेरे साथ घर पर चलो। वह मुझे अपने घर में ले गई उसका घर काफी बड़ा था मैंने उसके घर को देखा और कहा मैडम आप तो अच्छे घराने से हैं। वह मुझे कहने लगी तुम्हें इससे कोई भी लेना देना नहीं है तुम पैसे लो और यहां से चले जाओ। मैंने उससे कहा ठीक है आप मुझे पैसे दे दीजिए मैं यहां से चला जाता हूं। उसने मुझे पैसे दिए जब मैं दरवाजे पर पहुंचा तो उस महिला ने मुझे रोकते हुए कहा सुनो मुझे तुमसे कुछ काम था। उसने मुझे अपने पास बुलाया और अचानक से ही उसका पूरा रवैया बदल चुका था। मैंने उससे कहा मैडम क्या हुआ अभी तो आप बड़ी गर्मी में बात कर रही थी लेकिन अचानक से आप मुझसे अच्छे से बात करने लगी। उन्होंने मुझे अपने पास बैठने को कहा और कहा मै परेशान थी। मैंने उनसे उनकी परेशानी का कारण पूछा तो पता चला कि वह अपने प्रेमी से मिल कर आई थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि उनके सेक्स की इच्छा पूरी नहीं हो पाई थी इसलिए उन्होंने मुझे रोक लिया। जब वह मेरी तरफ देखने लगी और अपने पल्लू को रसकाने लगी तो मैं भी अपने लंड को संभाल ना सका, मेरा लंड हिलोरे मारने लगा। मैं अब पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मैं चाहता था कि उनकी चूत का भोसडा बना दूं। उन्होंने मेरे होठों को चूमा तो मैंने उन्हें सोफे पर लेटा दिया मैंने जब उनको सोफे पर लेटाया तो मै उनके होठों का रसपान करने लगा। उनके होठों को चूमने में मजा आ रहा था और उन्हें भी बहुत अच्छा लग रहा था काफी देर तक वह मेरे होठों का रसपान करती रही। जब मैंने उनके बदन से कपड़े उतारे और उनकी लाल रंग की ब्रा को उतार फेंका तो मैंने उन्हें कहा आपका बदन तो बड़ा ही मस्त है।

मै उनके बड़े और भारी भरकम स्तनों का रसपान कर रहा था तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैंने काफी देर तक उनके स्तनों का रसपान किया। जब उनकी चूत से पानी बाहर निकालने लगा तो उन्होने अपने पैरो को खोला और मुझे अपनी और बुलाया। मैंने उनकी चूत को चाटना जारी रखा मैने उनको उत्तेजित कर लिया उन्होंने बताया कि उनका प्रेमी आज उनकी इच्छा पूरी नहीं कर पाया तो इसलिए उन्होने मुझे रोक लिया। मै उनके गोरे बदन को देखकर पूरी तरीके से जोश मे आ चुका था। मैंने जैसे ही उनकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर लंड को करना शुरू किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी। मैं लगातार तेजी से उनको धक्के मारे जा रहा था करीब 5 मिनट तक मैंने उनकी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया था।

अब मैंने उन्हें उल्टा लेटा कर उनकी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को घुसाया तो उनके मुंह से मादक आवाज निकलने लगी मैं बहुत तेजी से उनकी चूतड़ों पर प्रहार कर रहा था। मुझे बहुत मजा आता जिस प्रकार से मैं उनके चूतड़ों पर प्रहार करता जा रहा था मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुका था और वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी लेकिन जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड के अंदर प्रवेश करवाया तो वो चिल्ला उठी। अब मैं लगातार तेजी से उनकी गांड मारे जा रहा था वह पूरी तरीके से जोश मे आ चुका था। उन्होंने मेरा साथ बडे ही अच्छे तरीके से दिया और मेरी तारीफ भी की वह कहने लगी तुम बड़े अच्छे तरीके से मेरे गांड के मजे ले रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैं खुश हो गया मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि इतनी माल भाभी को मैं चोद भी पाऊंगा। उनके साथ सेक्स कर के मैं बहुत ज्यादा खुश था और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना मेरे लिए बहुत ही सुखद एहसास था। उसके बाद वह मुझे कभी नहीं मिली लेकिन उस दिन मेरा मूड ठीक हो चुका था मैं जब घर पहुंचा तो मुझे उस दिन बहुत अच्छी नींद आई।



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