Friday, May 31, 2019

The Devious Daughter Saga (Tessa’s Dilemma)

It’s been three days since the “incident” at Kaley’s apartment. Tessa and Camille had seldom gone a day without at least talking on the phone once a day. But Tessa has been in self isolation. Feigning illness as to not raise her husband’s suspicions, Tessa has remained in her bedroom. Her thoughts are awash with … Continue reading The Devious Daughter Saga (Tessa’s Dilemma)

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Took virginity of Rani

Hi guys.. Thank you for the comments for my previous story. I’m writing the story which incident took place in my native. Coming to the Rani she is 16yrs old girl.. She is my cousin.. @ Age of 16 she was looking damn sexy her boobs were the centre of attraction 32D was her bra … Continue reading Took virginity of Rani

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Dost Ke Mom Ki Dekh Ke Uski Komal Stan Khada Hua Humare Lund

Hi guys main mere dost ka story apke samne pesh karna chahta hu. Ye story 3yr pehle ki hai aur mera ek dost tha jiska name fredi hai aur is story me hum uske mom ke sath bistar garam karne ka chance milne par humne aisa mauka na gawa ke sari raat enjoy kiya. Fredi … Continue reading Dost Ke Mom Ki Dekh Ke Uski Komal Stan Khada Hua Humare Lund

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Stormy Weather

The small country village was quiet, the weather had been baking hot for three weeks, the villagers were not used to the very hot weather and most stayed in side their houses sitting in front of fans with most wearing as little clothing as they possibly could, to help keep cool nearly all of the … Continue reading Stormy Weather

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मै बांहो में महफूज थी

Antarvasna, hindi chudai ki kahani: कॉलेज के बाहर खड़ी होकर मैं ऑटो का वेट कर रही थी तभी राहुल ने मुझे देखा और कहने लगा कि माधुरी मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूं। मैंने राहुल को कहा नहीं राहुल मैं घर चली जाऊंगी लेकिन राहुल ने मुझसे जिद की तो मैंने उसे कहा ठीक है तुम मुझे घर छोड़ दो। राहुल हमारे साथ हमारी क्लास में ही पड़ता है राहुल ने जब मुझे घर छोड़ा तो मैंने राहुल को कहा कि आओ मैं तुम्हें अपने मम्मी पापा से मिलवाती हूं। राहुल कहने लगा कि कभी और आ जाऊंगा और फिर राहुल चला गया अगले दिन जब मैं क्लास में बैठी हुई थी तो अंशिका मेरे पास आई और कहने लगी कि आजकल तुम राहुल के साथ बड़े गुल खिला रही हो। मैंने अंशिका को कहा अंशिका लगता है तुम्हें कुछ गलतफहमी हुई है परंतु अंशिका कहां अपनी गलती मानने वाली थी वह तो मुझसे तू तू मैं मैं में उतर चुकी थी और मैं भी गुस्से में आग बबूला हो चुकी थी।

मैंने उससे कहा तुम अपने दिमाग का जाकर इलाज करवा लो तभी राहुल भी आया राहुल ने अंशिका को कहा अंशिका क्या बात हुई है तुम बेवजह ही माधुरी के ऊपर क्यों इतना चिल्ला रही हो। अंशिका ने उससे कहा तुम भी चुप रहो क्योंकि मुझे मालूम है कि तुम दोनों के बीच में क्या चल रहा है राहुल उसे कहने लगा लगता है अंशिका तुम आज बहुत गुस्से में हो अंशिका कहने लगी गुस्सा तो मैं होंगी ही ना जब तुम माधुरी के साथ में होंगे। राहुल उसे समझाने की बहुत कोशिश कर रहा था लेकिन अंशिका किसी भी बात को समझने को तैयार ना थी वह सिर्फ राहुल पर ही दोष मरे जा रही थी लेकिन राहुल भी उसकी बात को ज्यादा देर तक नहीं सुन पाया और कहने लगा कि अंशिका हम लोग इस बारे में बाद में बात करेंगे तुम बेवजह ही माधुरी को बीच में मत घसीटो लेकिन अंशिका कहां किसी की बात सुनने वाली थी वह तो गुस्से में आग बबूला हो चुकी थी और बड़ बडाते हुए क्लास से ही बाहर चली गई। राहुल ने मुझे कहा कि माधुरी मैं तुमसे अंशिका के बर्ताव के लिए माफी मांगता हूं मैंने राहुल को कहा राहुल कोई बात नहीं शायद अंशिका को कोई गलतफहमी हो गई थी जिसकी वजह से वह मुझ पर इतना ज्यादा भड़क रही थी। मैंने भी आंशिक से इस बारे में बात करने की कोशिश की लेकिन अंशिका तो मुझसे बात करने को ही तैयार नहीं थी वह मुझे कहने लगी कि मुझे तुमसे कोई बात ही नहीं करनी है।

उस दिन के बाद से अंशिका का रवैया मेरे प्रति पूरी तरीके से बदल गया हमारी क्लास में कोई भी ऐसा नहीं था जिससे कि मैं अच्छे से बात नहीं करती थी मेरा व्यवहार सब लोगों के साथ समान था परंतु अंशिका ने मुझसे जिस प्रकार का व्यवहार किया उसके बावजूद भी मैंने अंशिका को माफ कर दिया था परंतु अंशिका तो एक ही बात को अपने दिमाग में लेकर घूम रही थी कि मेरे और राहुल के बीच कुछ चल रहा है। मैंने राहुल के बारे में कभी ऐसा कुछ सोचा ही नहीं था राहुल हमारे क्लास में पढ़ता है और सिर्फ हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती ही थी इससे अधिक हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं था लेकिन अंशिका को कौन यह बात समझाता। राहुल को भी अंशिका की बात बहुत बुरी लगी और राहुल ने अंशिका से अपना रिलेशन ही खत्म कर लिया राहुल और अंशिका के रिलेशन के खत्म होने के बाद अंशिका मुझे ही अपने और राहुल के बीच हुए झगड़े का जिम्मेदार ठहराने लगी लेकिन उसके बाद मैंने अंशिका को कई बार इस बारे में समझाया लेकिन वह मुझसे बात ही नहीं करती थी। मैंने भी अंशिका से अब बात करना ही बंद कर दिया था हम लोग कभी भी आपस में बात नहीं करते थे राहुल मुझसे अभी भी वैसे ही बात करता था जैसे कि पहले बात किया करता था। राहुल को जब भी कुछ मदद की आवश्यकता होती तो मैं उसकी जरूर मदद कर दिया करती थी वहीं अंशिका तो मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं करती थी। मैंने अंशिका को कई बार समझाने की भी कोशिश की लेकिन अब समझाने का कोई फायदा ही नहीं रह गया था अंशिका मेरी किसी भी बात को सुनने और समझने के लिए तैयार ही नहीं थी। मुझे इस बात का बहुत ही गुस्सा था कि मेरी वजह से राहुल और अंशिका के बीच में दरार पैदा हुई। एक दिन राहुल मुझे कहने लगा कि माधुरी मुझे कुछ नोट्स की जरूरत थी क्या तुम मेरी मदद कर दोगी तो मैंने राहुल को कहा हां राहुल मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगी।

मैंने राहुल की मदद की मैंने राहुल की मदद की तो राहुल मुझे कहने लगा माधुरी कहीं तुम्हें अंशिका की बात का बुरा तो नहीं लगा। मैंने राहुल को कहा राहुल अंशिका और मेरे बीच हुए झगड़े को काफी समय हो चुका है अब इस बारे में बात हम लोग ना ही करें तो ज्यादा बेहतर होगा। राहुल मुझे कहने लगा मैंने अंशिका को उसके बाद भी काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात समझने को तैयार ही नहीं है और हमेशा ही मुझसे बहुत लड़ती रहती थी इसलिए मैंने उससे अलग होने का फैसला कर लिया। राहुल और अंशिका का प्यार कॉलेज में ही पनपना शुरू हुआ था उन दोनों का प्यार ज्यादा समय तक नहीं चल सका राहुल अभी मेरा अच्छा दोस्त है और अंशिका से भी मुझे कोई बैर नहीं है लेकिन अंशिका के दिल में ही ना जाने किस बात को लेकर गुस्सा है मैं यह समझ ही नहीं पाई। वह हमेशा ही मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करती रहती एक दिन तो उसने मुझे गिराने की भी कोशिश की वह तो अच्छा हुआ कि राहुल आगे से खड़ा था तो मैं गिरते-गिरते बची राहुल ने मुझे अपना सहारा दिया। अंशिका को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी जब भी मैं राहुल के साथ या उसके करीब होती तो वह हमेशा ही मेरी तरफ बड़े ही घूरकर देखती थी।

वह चाहती थी कि हमेशा मेरे साथ कुछ ना कुछ गलत ही होता रहे लेकिन हर बार उसी के साथ कुछ ना कुछ गलत हो जाया करता था। कुछ समय से अंशिका मुझसे बड़े अच्छे से बात कर रही थी मुझे जरूर इसमें कुछ ना कुछ गड़बड़ लग रही थी। मैंने अंशिका को कहा कि तुम मुझसे कुछ दिनों से बड़े अच्छे से बात कर रही हो और मुझसे दोस्ती करने की भी कोशिश कर रही हो। अंशिका के पास मेरी बात का जवाब नहीं था वह मुझे कहने लगी कि बस ऐसे ही मैं तुमसे बात कर रही हूं क्या हम लोग एक साथ नहीं पढ़ते हैं। मैंने अंशिका को कहा मुझे मालूम है कि हम लोग एक ही क्लास में हैं और एक साथ हम लोग पढ़ते हैं परंतु तुम्हारा रवैया मुझे लेकर कभी ठीक ही नहीं रहा है तुम हमेशा ही मुझे राहुल और अपने बीच की दीवार मानती हो और तुम्हें यह लगता है कि मेरी वजह से ही राहुल ने तुम्हें छोड़ा है लेकिन उसमें मेरी कुछ भी गलती नहीं है यदि तुम्हें हमेशा ही ऐसा लगता रहेगा तो मुझे नहीं लगता कि हम लोग एक अच्छे दोस्त बन सकते हैं। मैं अंशिका से दूरी ही बना कर रखती थी लेकिन अंशिका के मन में कुछ ना कुछ तो चल रहा था वह चाहती थी कि मेरे साथ जरूर कुछ ना कुछ गलत हो परंतु हर बार उसके मंसूबे नाकामयाब हो जाया करते थे। राहुल हमेशा ही मुझसे कहता रहता कि तुम अंशिका की बातों को दिल पर मत लिया करो एक दिन अंशिका ने मुझे क्लास रूम में ही बंद कर दिया। उस वक्त क्लास खत्म हो चुकी थी और क्लास में कोई भी नहीं था यह तो अच्छा हुआ कि यह बात राहुल को पता चल गई और राहुल ने जब दरवाजा खोला तो मैंने राहुल को गले लगा लिया। राहुल ने भी मुझे गले लगा लिया था वह कहने लगा क्या हुआ तो मैंने राहुल को कहा मैं बहुत ज्यादा डर गई थी और यह सब अंशिका ने जानबूझकर किया है।

राहुल बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो गया था वह कहने लगा कि अंशिका को मैं कभी भी माफ नहीं कर सकता। मैंने राहुल को कहा फिलहाल तो तुम इस बारे में छोड़ दो राहुल और मैं अब भी एक दूसरे के गले मिल रहे थे लेकिन जब मैं राहुल की बाहों में थी तो मेरे शरीर से एक अलग ही करंट सा दौड़ने लगा था। जब राहुल ने मेरे होठों को चूम लिया तो मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू ना कर सका मुझे ऐसा लगा जैसे राहुल ने मेरे बदन को अपना बना लिया हो। राहुल ने जब मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया और उसने मेरे कपड़े उतारकर मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया तो मैं रह नहीं पाई। राहुल ने मुझे बेंच पर लेटाते हुए मेरे सलवार और मेरी पैंटी को उतार दिया उसने जब मेरी चूत को चाटा तो मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे थे मैं इतनी ज्यादा गरम हो गई कि मैंने राहुल के लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया जैसे ही राहुल का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मैं चिल्लाने लगी। वह मुझे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था जिस प्रकार से वह मुझे धक्के मारता उससे मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी।

कुछ देर बाद उसने मेरी चूतड़ों को अपनी तरफ किया और मेरी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मुझे और भी मजा आने लगा मैं राहुल का के धक्को को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रही थी क्योंकि मेरे दिल में भी उस वक्त राहुल के साथ सेक्स करने के बारे में ही चल रहा था। राहुल मेरे चूतड़ों पर बहुत तेजी से प्रहार कर रहा था मेरी चूतडो का रंग लाल होने लगा था मेरी योनि से भी खून लगातार तेजी से बह रहा था। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से राहुल ने मुझे धक्के दिए उससे मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। राहुल ने मुझे कहा माधुरी आज तुम्हारे साथ संभोग कर के मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है यह कहते ही राहुल कहने लगा कि मेरा वीर्य गिरने वाला है। मैंने उसे कहा तुम अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर ही गिरा दो मैंने अपने मुंह को खोल लिया हो। राहुल ने जब अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर गिराया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा मैंने राहुल के वीर्य को अपने अंदर ही समा लिया था और उसके लंड को मैं तब तक चूसती रही जब तक उसका लंड पूरी तरीके से मैने चूस नहीं लिया। मैंने और राहुल ने अपने कपड़े पहने और हम दोनों अपने अपने घर चले गए।



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Bete Ke Samne Gair Mard Se Chudi

Is story me aapko pata chalega kaise maine ek salesman ke sath chudai ki jab ki mera beta ghar per tha aur uske ankho ke samne wo meri chut ka bosda bana gaya.

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Ek Raat Randiyo Ki Hui Ghapa Ghap Chudai

Yeh story sirf madarchod logo ke liye hai, jinko bas chut se pyaar hai chahe woh kisi ki bhi ho, chahe wo fir behan, maa ya bua ho chudai to chudai hai.

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சவுக்கத்தோப்பில் பயங்கரம்

என் பள்ளி படிப்பு முடிந்ததும் சவுக்கத்தோப்பில் இரண்டு இளமையான வாலிபர்களுடன் இரவில் உல்லாசமாக இரண்டு சுன்னிகளை ஒரே நேரத்தில் சூத்து மற்றும் கூதியில்...

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Pehli Chudai Ke Baad Guddi Bani Meri Deewani

गुड्डी और मैं एक दुसरे के दीवाने हो चुके थे, मुझे अब चूत की जरूरत थी और मेरी बहन गुड्डी को मेरे लंड की, इसलिए हम दोनों ने मिल कर चुदाई का एक प्लान बनाया।

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Nakhra Chadhti Jawani Ka – Episode 66

Sukh ghar aa kar apni garmi shant karne ke liye apni pati Harpal se ghar aate hi ek baar chud jati hai. Fir Sonu Deep gher jakar uski bhabhi Kewal par fida ho jata hai.

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Thursday, May 30, 2019

Maayer Jouno Vromon – Part 6

এইসব আলোচনা হতে হতেই হঠাৎ পাশের ঘর থেকে হৈচৈ এর আওয়াজ পেয়ে আমরা সবাই মিলে গিয়ে দেখি মামনি ঘরের মাঝখানে হাঁটু গেড়ে বাসা আর মামনিকে ঘিরে চারজন বেশ তাগড়াই চেহারার লোক দাঁড়িয়ে… তাদের ধোন গুলো বেশ বড়ো…. মামনি মাথা ঘুরিয়ে ঘুরিয়ে এক একজনের ধোন  মুখে নিচ্ছে আর সে দুহাতে মামনির মাথা চেপে ধরে নিজের ধোন … Continue reading Maayer Jouno Vromon – Part 6

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माझ्या वहिनी सोबत फोरप्ले भाग – २

नमस्कार माझ्या लाडक्या मित्रानो मी तुमचा लाडका सुमेध परत आलो आहे पुढचा भाग घेऊन पण त्याआधी मला तुम्हाला सर्वाना खूप धन्यवाद द्यायचे आहे कारण ह्या वेबसाईट वरील जास्त रिस्पॉन्स आलेली स्टोरी माझी आधीची स्टोरी आहे… अर्थात ह्यात तुमचं श्रेय आहे… तर करूया सुरुवात…. आता आधीसारखं काही इन्ट्रो द्यायची गरज नाय आणि गरज असेल तर आधीची … Continue reading माझ्या वहिनी सोबत फोरप्ले भाग – २

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Me and my Benny

My name is Olivia, and this is the story of me and my dog, Benny. I was 16. I had always been a good kid; obeyed my parents, got good grades, done my homework, so my parents decided to take a vacation and leave me home with Benny. I was to take care of him … Continue reading Me and my Benny

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Son mom and dad

Hey.. My name is Sami.. I am a 21 year old kid.. But my story is from when I was about 16.. I live with my parents.. I have no brother or sister.. One day I went out to play with my friends.. My dad was at his office and mom was home alone.. Dad … Continue reading Son mom and dad

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Son mom and dad

Hey.. My name is Sami.. I am a 21 year old kid.. But my story is from when I was about 16.. I live with my parents.. I have no brother or sister.. One day I went out to play with my friends.. My dad was at his office and mom was home alone.. Dad … Continue reading Son mom and dad

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जब बुलाऊँ तो आना मुझे चोदने को

Antarvasna, kamukta: मैं अपने घर के काम से फुर्सत निकालकर अपनी सहेली के साथ मॉल में चली गई वहां पर हम लोग शॉपिंग करने लगे काफी समय से मैंने भी शॉपिंग नहीं की थी तो मैं और मेरी सहेली शॉपिंग कर रहे थे। मेरी शादी को 3 वर्ष हो चुके हैं और इन 3 वर्षों में मेरे जीवन में बहुत परिवर्तन आया है मैं पहले जॉब किया करती थी लेकिन अब मैंने अपनी शादी के बाद जॉब छोड़ दी है। मैं अपने पति के साथ बहुत खुश हूं और मैं अपने पति से इसलिए खुश हूं क्योंकि वह मुझे पूरा समय देते हैं। हम लोग अब मॉल में अकेले शॉपिंग कर रहे थे मैंने अपनी सहेली को पूछा क्या यह सूट मुझ पर अच्छा लगेगा तो वह कहने लगी कि अनीता तुम एक काम करो इसे ट्रायल रूम में ट्राई करके देखो। जब मेरी सहेली ने मुझे उसे ट्राई करने को कहा तो मैंने भी सोचा कि क्यों ना सूट को ट्राई कर लिया जाए अब मैं सूट को ट्राई करने लगी तो वह सूट मुझ पर ठीक आया और मैंने सूट ले लिया साथ में मैंने कुछ और कपड़े भी ले लिए।

मैं और मेरी सहेली अब घर लौट चुके थे हम लोग जब घर लौटे तो मेरी सासू मां मुझे कहने लगी कि अनीता बेटा तुमने शॉपिंग कर ली तो मैंने उन्हें कहा हां मैंने शॉपिंग कर ली। वह मुझसे ना जाने कितने ही तरह के सवाल करती हैं लेकिन मैं उनके हर एक सवाल का जवाब दे देती हूं। थोड़ी ही देर बाद मेरे पति सुशील भी आ गए जब सुशील आये तो वह मुझे कहने लगे अनीता आज तुम शॉपिंग करने के लिए गई थी तो मैंने सुशील को बोला तुम्हें कैसे पता चला। सुशील मुझे कहने लगे कि लगता है तुम्हारी याददाश्त कमजोर होने लगी है मैंने सुशील को कहा लेकिन मैंने तो तुम्हें इस बारे में नहीं बताया था मुझे सुशील कहने लगे कि अब तुम भूल जाती हो तो मैं क्या करूं। मैंने सुशील को कहा मैंने तुमसे इस बारे में बिल्कुल भी बात नहीं की थी और मुझे अच्छी तरीके से याद है कि मैंने तुमसे इस बारे में कुछ नहीं कहा था। सुशील मुझे कहने लगे कि हां नहीं कहा था तुमने मुझे कुछ नहीं कहा था तो मैंने सुशील को कहा यदि मैंने तुम्हें कुछ नहीं कहा तो तुमने कैसे इस बात का पता कर लिया कि मैं शॉपिंग करने के लिए गई हुई थी। सुशील मुझे कहने लगे कि मैंने तुम्हारी सहेली पायल के फेसबुक अकाउंट में देख लिया था मैंने सुशील को कहा आप तो बड़ी पहुंची हुई चीज है आप सब चीज बता सकते हैं।

सुशील मुझे कहने लगे कि नहीं बाबा ऐसा कुछ नहीं है मैं तुम्हारी हर एक चीज पर नजर नहीं रखता लेकिन मुझे लगा कि तुमने शॉपिंग की है तो तुमसे इस बारे में बात करूं। जब मैंने सुशील को कहा कि हां मैंने शॉपिंग कर ली थी तो सुशील कहने लगे कि जरा हमें तो दिखाओ तुमने क्या खरीदारी की है। मैंने सुशील को अपने कपड़े दिखाये वह कहने लगे कि चलो तुमने अच्छा किया मैंने सुशील को कहा कुछ दिनों से तुम कुछ ज्यादा ही बिजी चल रहे हो सुशील मुझे कहने लगे कि आज कल ऑफिस में एक नया प्रोजेक्ट चल रहा है उसी की वजह से मैं थोड़ा बिजी हूं और शायद इसीलिए मैं तुम्हें समय नहीं दे पा रहा हूं। मैंने सुशील को कहा कोई बात नहीं यदि आप बिजी हैं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं तो आपके साथ सिर्फ मजाक कर रही थी। सुशील मुझे कहने लगे कि ऐसा मजाक तुम मुझसे बार-बार मत किया करो मैंने सुशील को कहा ठीक है बाबा मैं तुमसे आइंदा से ऐसा मजाक नहीं करूंगी। रात के वक्त हम लोगों ने साथ में डिनर किया और उसके बाद सुशील मुझसे कहने लगे कि मैं सोच रहा हूं कि कुछ दिनों के लिए कहीं घूमने के लिए चलें। मैंने सुशील को कहा यदि आप ऐसा प्लान बना लोगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा सुशील कहने लगे कि ठीक है हम लोग कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं लेकिन पहले मुझे अपने ऑफिस के प्रोजेक्ट को पूरा कर लेने दो। मैंने सुशील को कहा हां आप अपने प्रोजेक्ट पर पूरा ध्यान दीजिए वह मुझे कहने लगे कि मैं अपने प्रोजेक्ट पर तो पूरा ध्यान दे रहा हूं और मुझे लग रहा है कि मेरा प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा जैसे ही प्रोजेक्ट पूरा होगा वैसे ही मैं ऑफिस में छुट्टी के लिए अप्लाई कर दूंगा तब तक तुम भी सोचना कि हम लोगों को कहां घूमने के लिए जाना चाहिए। मैंने सुशील को कहा ठीक है मैं भी इस बारे में सोचूंगी कि हम लोगों को कहां घूमने जाना चाहिए और हम लोग इस बारे में सोचने लगे कि हम लोगों को कहां जाना चाहिए। मैंने जब सुशील को कहा कि क्यों ना हम कुछ दिनों के लिए माउंट आबू चलें तो सुशील कहने लगे कि हां हम लोग कुछ दिनों के लिए माउंट आबू भी जा सकते हैं क्योंकि अहमदाबाद से माउंट आबू जाना ज्यादा ठीक था इसलिए हम लोगों ने माउंट आबू जाने का फैसला कर लिया।

हम लोग माउंट आबू जाने की तैयारी करने लगे मैंने सुशील को कहा इतने समय बाद हम दोनों साथ में कहीं घूमने के लिए जाएंगे। सुशील कहने लगे कि मैं तो कब से सोच रहा था कि तुम्हें कहीं घुमाने के लिए लेकर जाऊं लेकिन समय के अभाव में हम लोग कहीं जा ना पाए। सुशील चाहते थे कि वह अपने ऑफिस के प्रोजेक्ट को जल्द ही पूरा कर ले और उसके बाद हम लोग घूमने के लिए जाएं जब सुशील का प्रोजेक्ट पूरा हो गया तो हम लोगों ने माउंट आबू जाने का फैसला कर लिया था। सुशील ने अहमदाबाद से ट्रेन की टिकट भी बुक करवा ली थी और हम लोग अब माउंट आबू जाने की पूरी तैयारी करने लगे। मुझे इस बात की खुशी थी कि हम लोग माउंट आबू घूमने के लिए जाने वाले हैं काफी समय बाद मैं सुशील के साथ कहीं अकेले में घूमने के लिए जा रही थी तो मैं बहुत ज्यादा खुश थी। जब हम लोग माउंट आबू पहुंचे तो वहां पर मौसम काफी अच्छा था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था सुशील मुझसे कहने लगे कि क्या तुम कुछ खाओगी। मैंने सुशील को कहा मुझे तो बिल्कुल भी भूख नहीं लग रही है सुशील मुझे कहने लगे कि लेकिन मुझे बहुत तेज भूख लग रही है मैंने सुशील को कहा ठीक है तो तुम अपने लिए कुछ मंगा लो।

सुशील ने अपने लिए खाना ऑर्डर करवा लिया लेकिन मैंने सुशील को मना कर दिया था और कहा कि तुम मेरे लिए कुछ भी मत मंगवाना मेरे खाने की बिल्कुल भी इच्छा नहीं थी। थोड़ी ही देर बाद सुशील ने जो आर्डर करवाया था वह ऑर्डर रूम में आ चुका था सुशील और मैं साथ में बैठे हुए थे सुशील ने अपना खाना पूरा कर लिया था और हम दोनों आपस में बात कर रहे थे। हालांकि अहमदाबाद से माउंट आबू की दूरी कुछ घंटों की है लेकिन उसके बावजूद भी मैं माउंट आबू पहली बार ही आ पाई थी इससे पहले माउंट आबू आने का कभी भी हम लोगों का प्लान नहीं बन पाया था। शादी से पहले भी मैं माउंट आबू नहीं आ पाई थी हम दोनों माउंट आबू में एंजॉय कर रहे थे।  सुशील के साथ उस दिन मैंने सेक्स का मजा लिया लेकिन सुशील ने मेरे अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से मिटाए नहीं था। मैंने सुशील को कितनी बार कहा था मुझे पूरी तरीके से संतुष्ट किया करो लेकिन वह हमेशा ही मुझे आधे में छोड़ कर चले जाते थे। सुशील मुझे कहने लगे मैं अभी बाहर से टहल कर आता हूं जब वह टहलने के लिए गए तो उसी वक्त दरवाजा किसी ने खटखटाया मैंने सिर्फ अपने अंतर्वस्त्र ही पहने हुए थे मैंने अपने बदन को चादर से ढक लिया। जब मैंने दरवाजा खोला तो सामने होटल में काम करने वाला लड़का था वह मेरी तरफ देखने लगा वह मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देख रहा था। मेरी चूत की इच्छा पूरी नहीं हो पाई थी मैंने सोच उस लड़के से अपनी चूत मरवा लू मैंने अपने बदन से चादर को हटाया तो वह मेरी तरफ देखने लगा। जब उसने मेरी ब्रा को उतारकर मेरे अंदर की गर्मी को बढाया तो मै उत्तेजित हो गई वह मेरी गर्मी को पूरी तरीके से मिटा कर रख देना चाहता था।

उसने मेरे स्तनों को ऐसे चूसा जैसे कि वह कई दिनों से भूखा बैठा हो वह मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे से करने लगा उसने मेरे स्तनों से दूध बाहर निकाल दिया था। मैंने उसे कहा आज तो तुमने मुझे पूरा मजा दिलवा दिया उसने मेरी पैंटी को उतार कर मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा जब वह मेरी चूत को चाट रहा था तो मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी मैं और भी ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी। मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी मेरा शरीर अब इतना ज्यादा गर्म होने लगा कि मैंने उस नौजवान युवक से कहा कि तुम आज अपने अंदर की गर्मी को मेरे अंदर डाल दो। उसने भी अपने लंड को मेरी चूत पर लगाया और धीरे धीरे अंदर की तरफ घुसाना शुरू किया धीरे-धीरे उसका लंड मेरी चूत के अंदर तक जा चुका था जब उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मैंने उसे कहा आज तो मुझे मजा ही आ गया।

वह मेरे दोनों पैरों को खोल कर मुझे तेजी से धक्के मारने लगा मैं भी अपने पैरों को खोलने लगी ताकि उसका लंड आसानी से मेरी चूत में जा सके मेरी चूत से लगातार पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था और जिस प्रकार से वह मुझे धक्के मार रहा था उससे उसका लंड पूरी तरीके से चिकना हो चुका था। मेरी मादक आवाज मैं अभी भी कोई कमी नहीं आई थी और ना ही उसके तेज धक्को में कोई कमी आई थी उसने मेरे बदन के हर हिस्से को हिला कर रख दिया था। जब उसने मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया तो वह मेरे  दूध को बाहर निकाल कर ही छोड़ेता। उसने मेरी गर्मी को बाहर निकाल लिया और मुझे उसने बहुत ही अच्छे से चोदा। उसने मेरे अंदर की सारी गर्मी को बुझा दिया था मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी लेकिन जैसे ही उसने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर गिराया तो मैंने उसे कहा आज तो मजा ही आ गया। मैंने उसे कुछ पैसे दिया और कहा मैं जब तुम्हें बुलाऊंगा तो तुम आ जाना वह कहने लगा हां मेम साहब जब आप बुलाएंगे तो मैं जरूर आ जाऊंगा। वह जैसे ही गया तो वैसे ही मेरे पति भी आ चुके थे।



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Tasveer Ka Rahasya – Episode 9

Paraag aur naina ke beech shararati baaton ka daur jaari tha aur bahut jaldi in sharaarato ne ek bade khel ka roop le liya. Isi khel ki aad me parag ko mauka mila naina ka faayda uthhaane ka.

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Meri Maa Ki Lund Lene Ki Pyaas

Main apni maa ke nange boobs dekh kar pagal ho rha tha, aur meri maa meri nikar me khada lund dekh kar mujhe smile pass kar rhi thi.

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பக்கத்து வீடு மாமி அஞ்சுதம்

பக்கத்து வீட்டு மாமி வீட்டிற்குச் சென்று அவளின் முலையைப் பிடித்துப் பிசைந்து படுக்கை அறையில் சுண்ணியை வாயில் விட்டு கஞ்சைக் கொடுத்து புண்டையை நக்கி ஓத்து கஞ்சு வடியவைத்தேன்.

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Surprise Visit Par Surprise Chudai – Part 4

Puri raat chudai karne ke baad maine Ayesha ki choot puri tarah se sujha kar rkhi thi. Isliye maine uski full body malish karni shuru kar di.

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Nakhra Chadhti Jawani Ka – Episode 65

Reet aaj subah teyar ho kar mall me chali jati hai. Aur waha wo Jyoti se apna badala use Harry se range hath nangi pakdwa kar leti hai.

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Hostel Me Simran Ke Sath Lesbian Sex

Jab maine Simran ko dekha, toh wo bahot hi hot aur sexy thi. Fir ek subah hum dono late ho rhi thi, isliye mujhe uske sath bathroom me nahane ka moka mil gya.

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Tasveer Ka Rahasya – Episode 8

Parag ko apni padosan naina ke bedroom me jaakar uski tasveer dekhne ka mauka mil gaya, aur phir dono ki sharaarati baaton ke baad unhone ek baar phir akele time spent karne ka plan kiya.

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Wednesday, May 29, 2019

கன்னி புண்டை திவ்யா

ஹாய் நண்பர்களே எல்லோருக்கும் வணக்கம் இது என்னோட இன்னொரு கதை நான் ராஜா 28 yrs ஆண், சேலம், எல்லோரும் கதை படிச்சு ஆதரவு கொடுங்க, உங்கள் குறை நிறைகள் சொல்லுங்க, இப்போ கதைக்கு போகலாம் திவ்யா வயது 22 கல்லூரி பெண், நான் வேலை பார்க்கும் ஆபீஸ் இருக்கும் வழியாக தான் தினமும் கல்லூரி க்கு செல்வால், நான் தினமும் endhikka late ஆகும் என்பதால் அவளை பார்த்தது இல்லை, ஒரு நாள் எதற்காக vo … Continue reading கன்னி புண்டை திவ்யா

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Haryali aur Raasta – Part II

“Bhaiya main samaya mai peeche ja kar aapke liye wo 16 sal wali kunwari Rachna ka sharir to nahi sounp sakti aapko magar aap ki Rachna aapse wada karti hai ki aap ko sood samet sab kuch wapas karungi” Apne pakar ko dheela kiya aur uske hontho ko poori tareh se choos kar mai alag … Continue reading Haryali aur Raasta – Part II

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Babita Jethalal Rita Threesome

Toh kaise hai aap log. aaj la raha hoon main ek naye story Jo ki tmkoc ke related hai. Aur ye mere pehle story ka sequal hai. Toh chahiye shuru karte hai Rita ka gangbang hone ke baad bhi uska mann nhi bhara toh vo babita ji ke pass jane ka fir socha. Raat ka … Continue reading Babita Jethalal Rita Threesome

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कामिनी की कामुक गाथा (भाग 79)

प्रिय पाठकों, आप सभी को मेरा वासनामय अभिवादन। पिछली कड़ी में आपनें पढ़ा कि अपनी कामुकता के वशीभूत, किस तरह अपनी सहेली रेखा के पुत्र पंकज की अंकशायिनी बनी। कहां पंकज एक अठारह वर्षीय उभरता नवयुवक, जो अभी लड़कपन की दहलीज से पूरी तरह बाहर भी नहीं निकला था और कहां मैं 41 वर्षीय, पकी … Continue reading कामिनी की कामुक गाथा (भाग 79)

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Innocent behen anjali ki chudai uske boss ke sath

Hi mera nam rahul he meri behen ka nam anjali he uski figure 36-24-36 he gora rang pink color chut aur komol bade bade chuchi he. Jo bhi dekhe ga chod ne ko chahega. Uski figure rajkumari jesi he par bad kismet se middle class family me peda hogeyi. Ab story pe ata hu. Uski … Continue reading Innocent behen anjali ki chudai uske boss ke sath

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FIRST TIME MOMS LESBIAN SEX

I am new here I promise I will share only real stories of my lesbian life and hope you will suggest me to write better my next story. Coming to my first real story how I became lesbian my name is Johnsonika age 25, I am from Thailand I visited so many times in India … Continue reading FIRST TIME MOMS LESBIAN SEX

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My Friend, My Sex Toy pt. 3

Billy arrives at Danny’s place at about 4 pm on Friday. He walks through the door and Danny’s already lying nude on his bed. “Trevor hasn’t gotten here yet but you know what to do until he does, bitch.” Danny tells him. Billy immediately undresses as Danny sits up on the edge of the bed. … Continue reading My Friend, My Sex Toy pt. 3

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Mom Son and Neighbour

Hey guys.. This is a story about my neighbour.. I am 18 years old.. I live in an apartment.. My neighbour was a single mom and her 16 year old son.. She would sometimes call me to drink coffee of tea.. She is very beautiful.. So one day her son called me at their home.. … Continue reading Mom Son and Neighbour

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पल्लू सरक गया तो मैने साडी ही ऊठा दी

Antarvasna, hindi sex stories:

Pallu sarak gaya to maine saari hi utha di कार में बैठे हुए सज्जन मुझे कहने लगे कि भैया आप हमें यहीं उतार दीजिए मैंने उन्हें वहीं उतार दिया और उन्होंने मुझसे पूछा कितने रुपए हुए तो मैंने उन्हें कहा साहब आप से ऑफिस में तो बात हो ही गई थी और आपको मालूम है कि मैंने आपसे हजार रुपए के लिए कहा था। वह सज्जन कहने लगे कि भैया थोड़ा सा तो कम कर लीजिए मैंने उन्हें कहा नहीं सर यदि आप पहले ही मुझे कह देते तो शायद उस वक्त मैं कम कर देता लेकिन हमारी बात हजार में हो चुकी थी तो आप मुझे हजार रुपए दे दीजिए। उन्होंने मुझे हजार रुपए दिए और वह चले गए मैं अब अपने घर पहुंचा घर पहुंचते ही मुझे थकान बहुत ज्यादा महसूस हो रही थी मैंने अपनी बूढ़ी मां से कहा मां मेरे लिए कुछ ठंडा बना दो। मां कहने लगी कि बेटा अभी तुम्हारे लिए मैं लस्सी बना देती हूं मैंने मां को कहा हां मां आप मेरे लिए लस्सी बना दीजिए मां ने मेरे लिए लस्सी बना दी और उसके बाद मैं कुछ देर अपने कमरे में आराम करने लगा।

मैंने कूलर के बटन को ऑन किया और कूलर बड़ी तेजी से चलने लगा मेरी आंख लगने लगी थी कि तभी मेरी मां आई और कहने लगी कि मोहन बेटा कुछ खा लो। मैंने मां से कहा नहीं मां मेरा खाने का मन नहीं हो रहा है तो मां कहने लगी कि क्या तुमने बाहर कुछ खा लिया था मैंने मां को कहा नहीं मां मैंने बाहर कुछ भी नहीं खाया था। मां ने मुझे कहा कि देखो बेटा मैंने तुम्हारे लिए खाना बना दिया है अब तुम आकर खाना खा लो मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं खाना खा लेता हूं। मैं और मां साथ में बैठकर खाना खाने लगे मां मुझे कहने लगी कि बेटा आज तुम्हारे भैया का मुझे फोन आया था मैंने मां से कहा अब भैया क्या कह रहे थे। मां कहने लगी कि वह मुझे कह रहा था कि कुछ दिनों के लिए तुम मेरे पास आ जाओ लेकिन मैंने उसे मना कर दिया। मेरे भैया, भाभी के घर पर ही रहते हैं जब से उनकी शादी हुई है तब से वह भाभी के घर पर ही रहते हैं और कभी कबार हमसे मिलने के लिए आ जाया करते हैं।

भैया ने पैसों के लालच के चलते भाभी से शादी कर ली भाभी का व्यवहार मां के प्रति बिल्कुल भी अच्छा नहीं है और वह मां को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती इसी वजह से वह लोग कभी भी घर नहीं आते हैं। भैया कभी कबार हमसे मिलने के लिए आ जाते हैं मां को भैया की बहुत याद आती है मैं अभी भी टैक्सी चला कर ही अपना गुजारा कर रहा हूं क्योंकि मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था इसलिए मैंने टैक्सी चलाने का फैसला किया। कुछ वर्षों तक तो मैं सरदार जी के पास टैक्सी चलाता रहा लेकिन फिर मैंने वहां से काम छोड़ कर अपनी ही एक टैक्सी खरीदी और अब मैं खुद ही अपनी कार चलाया करता हूं जिससे कि मेरा और मेरी मां का घर का खर्चा चल जाता है। मां मुझे कहने लगी कि बेटा कल क्या तुम घर जल्दी आ जाओगे मैंने मां को कहा मां क्या कोई जरूरी काम था तो मां कहने लगी कि बेटा मुझे आजकल कुछ अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा है। मैंने मां को कहा मां मैं तुम्हारी आंखों का चेकअप करवा देता हूं तो मां कहने लगी ठीक है बेटा कल तुम मेरी आंखों का चेकअप करवा देना। अगले दिन मैं सुबह घर से जल्दी निकल चुका था और जब मैं वापस घर लौटा तो मैंने मां को कहा मां मैं आपको चेकअप के लिए ले चलता हूं और मैं मां को चेकअप के लिए ले गया। जब मैं उन्हें आंखों के डॉक्टर के पास ले गया तो उन्होंने मां की आंखों को जांचा तो पता चला कि मां की आंखों में मोतियाबिंद हो गया है डॉक्टर कहने लगे हमें आपकी मां की आंखों का इलाज करना होगा। मैंने डॉक्टर से कहा साहब लेकिन कब तक यह इलाज हो पाएगा तो वह कहने लगे कि यदि तुम कहो तो आज ही मैं उनका इलाज कर देता हूं। मैंने भी सोचा कि लगे हाथ मां का इलाज करवा ही देता हूं और उसी वक्त मैंने मां का इलाज करवा दिया मां की आंखों का कुछ देर तक ऑपरेशन चला और उसके बाद डॉक्टर ने कहा कि आप इन्हें आज यहीं रहने दीजिए। मैंने उस दिन मां को अस्पताल में ही रखा और मैं मां के साथ ही था अगले दिन हम लोग घर लौट आए मां की देखभाल के लिए ही मुझे कुछ दिनों तक घर पर रहना पड़ा। भैया को जब यह बात पता चली तो भैया मां से मिलने के लिए आए भैया की भी कुछ जिम्मेदारी थी लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों से मुंह फेरे हुए हैं और हम से मिलने के लिए बहुत कम ही वह आया करते थे मुझे इस बात से बहुत ही नाराजगी थी।

मैंने भैया को कहा कि भैया आप मां को देखने के लिए भी नहीं आ पाए तो वह कहने लगे कि मैं कुछ जरूरी काम में उलझा हुआ था इसलिए मां को देखने के लिए नहीं आ पाया लेकिन मैं समझ रहा था कि उनकी मजबूरी सिर्फ और सिर्फ भाभी की वजह से है ना जाने उन्होंने मां से क्यों अपना मुंह फेर लिया। भैया उसी दिन लौट गए और रात के वक्त मैं खाना बनाने लगा मैंने जब मां को कहा कि मैं खाना बना देता हूं तो मां कहने लगी कि बेटा तुम रहने दो लेकिन मैंने रात का खाना बनाया और कुछ दिनों तक मां की सेवा करता रहा। मां अब ठीक होने लगी थी तो मैं भी अपने काम पर लौट गया। मैं जब अपने काम पर लौटा तो उस दिन सुबह से ही मेरा मूड कुछ ठीक नहीं था क्योंकि सुबह के वक्त ही मेरा एक कस्टमर के साथ झगड़ा हो गया था और मैं काफी गुस्से में था। मैं सोचने लगा कि आज सुबह से ही दिन खराब है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था मैं शायद अपनी मां की आंखों की वजह से ज्यादा टेंशन में था।

उस दिन मुझे एक बुकिंग मिली वह महिला बड़ी जल्दी में थी उसके हाव भाव देखकर मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। मैंने उस महिला से कहा मैडम आप इतनी घबराई हुई क्यों है? वह कहने लगी कुछ नहीं तुम गाड़ी चलाते रहो। मैंने उसके बाद उससे कुछ नहीं पूछा लेकिन जब मैंने उसे उसके स्थान पर पहुंचा दिया तो मैंने उससे कहा मैडम पैसे। वह कहने लगी पैसे तो मेरे पास नहीं है। मैंने उससे कहा मुझे तो पैसे चाहिए वह मुझे कहने लगी चलो तुम मेरे साथ घर पर चलो। वह मुझे अपने घर में ले गई उसका घर काफी बड़ा था मैंने उसके घर को देखा और कहा मैडम आप तो अच्छे घराने से हैं। वह मुझे कहने लगी तुम्हें इससे कोई भी लेना देना नहीं है तुम पैसे लो और यहां से चले जाओ। मैंने उससे कहा ठीक है आप मुझे पैसे दे दीजिए मैं यहां से चला जाता हूं। उसने मुझे पैसे दिए जब मैं दरवाजे पर पहुंचा तो उस महिला ने मुझे रोकते हुए कहा सुनो मुझे तुमसे कुछ काम था। उसने मुझे अपने पास बुलाया और अचानक से ही उसका पूरा रवैया बदल चुका था। मैंने उससे कहा मैडम क्या हुआ अभी तो आप बड़ी गर्मी में बात कर रही थी लेकिन अचानक से आप मुझसे अच्छे से बात करने लगी। उन्होंने मुझे अपने पास बैठने को कहा और कहा मै परेशान थी। मैंने उनसे उनकी परेशानी का कारण पूछा तो पता चला कि वह अपने प्रेमी से मिल कर आई थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि उनके सेक्स की इच्छा पूरी नहीं हो पाई थी इसलिए उन्होंने मुझे रोक लिया। जब वह मेरी तरफ देखने लगी और अपने पल्लू को रसकाने लगी तो मैं भी अपने लंड को संभाल ना सका, मेरा लंड हिलोरे मारने लगा। मैं अब पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मैं चाहता था कि उनकी चूत का भोसडा बना दूं। उन्होंने मेरे होठों को चूमा तो मैंने उन्हें सोफे पर लेटा दिया मैंने जब उनको सोफे पर लेटाया तो मै उनके होठों का रसपान करने लगा। उनके होठों को चूमने में मजा आ रहा था और उन्हें भी बहुत अच्छा लग रहा था काफी देर तक वह मेरे होठों का रसपान करती रही। जब मैंने उनके बदन से कपड़े उतारे और उनकी लाल रंग की ब्रा को उतार फेंका तो मैंने उन्हें कहा आपका बदन तो बड़ा ही मस्त है।

मै उनके बड़े और भारी भरकम स्तनों का रसपान कर रहा था तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैंने काफी देर तक उनके स्तनों का रसपान किया। जब उनकी चूत से पानी बाहर निकालने लगा तो उन्होने अपने पैरो को खोला और मुझे अपनी और बुलाया। मैंने उनकी चूत को चाटना जारी रखा मैने उनको उत्तेजित कर लिया उन्होंने बताया कि उनका प्रेमी आज उनकी इच्छा पूरी नहीं कर पाया तो इसलिए उन्होने मुझे रोक लिया। मै उनके गोरे बदन को देखकर पूरी तरीके से जोश मे आ चुका था। मैंने जैसे ही उनकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर लंड को करना शुरू किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी। मैं लगातार तेजी से उनको धक्के मारे जा रहा था करीब 5 मिनट तक मैंने उनकी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया था।

अब मैंने उन्हें उल्टा लेटा कर उनकी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को घुसाया तो उनके मुंह से मादक आवाज निकलने लगी मैं बहुत तेजी से उनकी चूतड़ों पर प्रहार कर रहा था। मुझे बहुत मजा आता जिस प्रकार से मैं उनके चूतड़ों पर प्रहार करता जा रहा था मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुका था और वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी लेकिन जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड के अंदर प्रवेश करवाया तो वो चिल्ला उठी। अब मैं लगातार तेजी से उनकी गांड मारे जा रहा था वह पूरी तरीके से जोश मे आ चुका था। उन्होंने मेरा साथ बडे ही अच्छे तरीके से दिया और मेरी तारीफ भी की वह कहने लगी तुम बड़े अच्छे तरीके से मेरे गांड के मजे ले रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैं खुश हो गया मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि इतनी माल भाभी को मैं चोद भी पाऊंगा। उनके साथ सेक्स कर के मैं बहुत ज्यादा खुश था और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना मेरे लिए बहुत ही सुखद एहसास था। उसके बाद वह मुझे कभी नहीं मिली लेकिन उस दिन मेरा मूड ठीक हो चुका था मैं जब घर पहुंचा तो मुझे उस दिन बहुत अच्छी नींद आई।



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आपका तोहफा मुझे मंजूर है

Antarvasna, sex stories in hindi: पिताजी ने किराने की दुकान शहर के बीचोबीच खोली थी उस वक्त शहर इतना बड़ा नहीं था लेकिन अब धीरे धीरे शहर का विकास होने लगा था और शहर काफी फैल चुका था। हमारी दुकान शहर के बीचोबीच होने के कारण हमारी दुकान पर कई ग्राहक आते थे क्योंकि मेरे पिताजी ने उन सबके साथ एक अच्छा व्यवहार बना रखा था इसलिए वह हमारे पास ही सामान खरीदने के लिए आते थे। मेरी दुकान में 6 7 लोग काम करते हैं पिताजी अब बूढ़े हो चुके हैं इसलिए वह दुकान पर नहीं आते मैं ही दुकान को पिछले 10 वर्षों से संभाल रहा हूं। मैंने दुकान को बखूबी संभाल लिया है और मैं दुकान की पूरी जिम्मेदारी अच्छे से निभा रहा हूं। दोपहर के वक्त मैं कुर्सी पर बैठा हुआ था तभी दुकान में काम करने वाला रामू मेरे पास आया और कहने लगा कि साहब मुझे आपसे कुछ बात करनी थी। मैंने उससे कहा हां रामू कहो क्या कहना था तो वह मुझे कहने लगा कि मुझे कुछ दिनों के लिए अपने घर जाना है।

मैंने रामू को कहा लेकिन तुम घर से कब लौटोगे तो रामू कहने लगा कि मुझे घर से आने में थोड़ा समय लग जाएगा। मुझे मालूम था कि यदि एक व्यक्ति भी छुट्टी पर गया तो दुकान में काम संभालना मुश्किल हो जाता है मैंने रामू से कहा तुम कुछ दिनों बाद चले जाना। रामू मुझे कहने लगा साहब मुझे कुछ जरूरी काम है मैंने रामू से कहा ठीक है तुम घर चले जाना और मैंने रामू को कुछ पैसे दे दिए। रामू को मैंने पैसे दे दिए थे और रामू घर चला गया दुकान में ही काम करने वाला दूसरा लड़का जिसका नाम सोनू है वह भी कुछ दिनों से दुकान पर नहीं आ रहा था मैंने सोनू के नंबर पर फोन किया तो उसका नंबर ही नहीं लग रहा था। मैंने दुकान में काम करने वाले और लोगों से पूछा तो वह कहने लगे साहब सोनू तो पता नहीं तीन-चार दिन से हमें भी नहीं दिखा है। सोनू को मेरे पास काम करते हुए काफी समय हो चुका था लेकिन अब कुछ दिनों से उसका पता नहीं था तभी दुकान में काम करने वाले ही एक लड़के ने कहा कि साहब वह तो अपने गांव चला गया है और मुझे नहीं लगता कि वह अब काम पर आएगा। मैंने दुकान में काम करने वाले राजा से कहा क्या तुम्हारी नजर में कोई लड़का हैं जो दुकान में काम कर पाएं लेकिन वहां ईमानदार होना चाहिए।

राजा कहने लगा साहब मैं देखता हूं लेकिन मुझे थोड़ा समय चाहिए होगा मैंने राजा को कहा कोई बात नहीं तुम देख लेना जैसे ही कोई अच्छा लड़का मिलता है तो तुम मुझे बताना। राजा कुछ दिनों बाद मेरे पास एक नौजवान युवक को ले आया उसकी उम्र 27 वर्ष थी मैंने उससे उसका नाम पूछा वह कहने लगा साहब मेरा नाम कमल है। मैंने उसे कहा क्या तुमने इससे पहले भी कहीं काम किया है तो कमल कहने लगा साहब मैंने इससे पहले तो अपने गांव में ही काम किया था कमल राजा की पहचान का था तो राजा मुझे कहने लगा कि साहब आप कमल से अपने तरीके से बात कर लीजिए। कमल और मेरे बीच में बात हो चुकी थी मैंने कमल को कहा कि मैं तुम्हें इतनी तनख्वाह दे सकता हूं कमल उसमें राजी हो चुका था और कमल दुकान में काम करने लगा। उसे दुकान में काम करते हुए करीब एक महीना हो चुका था और वह बड़ी ईमानदारी और मेहनत से काम कर रहा था लेकिन मुझे क्या पता था कि कुछ दिनों बाद दुकान में चोरी हो जाएगी। मुझे चोरी की कंप्लेंट पुलिस स्टेशन में करवानी पड़ी लेकिन अभी तक चोरी का सुराग नहीं मिल पा रहा था मैं कुछ समझ नहीं पाया क्योंकि दुकान से काफी पैसे भी चोरी हो गए थे और दुकान से काफी सामान भी गायब था। मैंने जब इसकी कंप्लेंट पुलिस में करवाई तो कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि यह सब सोनू ने किया है। सोनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था क्योंकि सोनू हमारे दुकान में पहले भी काम करता था इसलिए उसे सब कुछ मालूम था परंतु अब वह दुकान छोड़कर जा चुका था इसीलिए उसने चोरी की। कुछ दिनों बाद कमल मुझे कहने लगा कि साहब मुझे आपसे कुछ बात करनी थी तो मैंने कमल को कहा हां कमल कहो तुम्हें क्या कहना था। कमल कहने लगा कि साहब मैं आपसे कहना चाहता था कि मेरी पत्नी को मैं अपने साथ यहां लाना चाहता हूं। कमल की पत्नी बिहार में रहती है कमल ने मुझे अपने घर की परेशानी बताई और कहने लगा कि उसके भैया भाभी ने ही उसे पाला है और वह उसकी पत्नी को बहुत परेशान करते हैं इसलिए कमल चाहता था कि वह अपनी पत्नी को अपने पास बुला ले।

कमल ने मुझसे उसके लिए मदद मांगी मैंने कमल को कुछ पैसे दे दिए कमल कहने लगा कि साहब आपका एहसान जिंदगी भर नहीं भूल पाऊंगा। मैंने कमल को कहा कमल तुम्हारी इमानदारी और तुम्हारे काम को देखते हुए ही मैंने तुम पर भरोसा किया है लेकिन मेरे भरोसे को तुम कभी टूटने मत देना। कमल कहने लगा कि साहब मैं आपके भरोसे को कभी टूटने नहीं दूंगा कमल अपनी पत्नी को लेने के लिए गांव चला गया राजू भी दुकान में लौट चुका था। कमल कुछ दिन बाद लौट आया और जब वह लौटा तो मैंने उसे पूछा अपनी पत्नी को ले आए हो तो वह कहने लगा हैं साहब मैं अपनी पत्नी को लेकर आ चुका हूं। कमल बड़ी ही मेहनत से दुकान में काम कर रहा था और कभी भी मुझे कमल की तरफ से कोई शिकायत का मौका नहीं मिला कमल को काम करते हुए करीब एक वर्ष हो चुका था मैंने कमल की तनख्वाह भी बढ़ा दी थी मेरा काम भी अच्छा ही चल रहा था। पिताजी की तबीयत भी अब ठीक नहीं रहती थी इसलिए उनका इलाज डॉक्टर से चल रहा था उनको भी कभी-कबार मुझे डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ता था।

कमल बहुत ही मेहनत से दुकान में काम कर रहा था इसलिए मुझे उस पर पूरा भरोसा था वह मेरे भरोसे पर भी पूरी तरीके से खरा उतर चुका था। कमल पर मैं कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहता था वह जब भी मुझसे कुछ मांगता तो मैं उसे दे दिया करता। एक दिन उसने अपनी पत्नी को दुकान पर बुलाया जब उसकी पत्नी दुकान पर आई तो उसे देखकर मेरी नियत खराब होने लगी। मैं कमल की पत्नी को अपना बनाना चाहता था मैंने उसके लिए कमल के घर के इर्द-गिर्द डोरे डालने शुरू कर दिया। कमल पर मैं कुछ ज्यादा ही मेहरबान होने लगा था कमल इस बात से अनजान था उसे कुछ भी पता नहीं था लेकिन जब मै कमल के घर पर गया तो उसके 10 बाय 10 के कमरे में बहुत गर्मी हो रही थी। उसकी पत्नी मुझे कहने लगी साहब आप क्या लेंगे? कमल मेरे लिए शरबत बनाकर ले आया मैं कमल के घर को देख चुका था और उसके बाद तो मैं कमल के घर पर अक्सर जाने लगा। कमल की पत्नी का गदराया बदन उसके स्तन और उसकी गांड को देखकर मै अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। मैं चाहता था कि उसकी पत्नी को मैं अपनी बाहों में ले लूं कुछ दिनों बाद में उसकी पत्नी के पास गया वह घर पर अकेली थी मैंने उसे साड़ी गिफ्ट कर दी। उसके बाद तो यह सिलसिला चलता रहा मैं उसकी पत्नी को कुछ ना कुछ दे दिया करता था जिससे कि वह खुश हो जाया करती थी वह भी मेरे इशारे समझ चुकी थी। मैंने उसे जब अपने बारे में बताया मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता हूं तो वह मेरी बात मान गई और मेरे साथ सोने के लिए तैयार हो गई। कमल दोपहर के वक्त दुकान में ही काम कर रहा था मैंने उसे कहा तुम दुकान को संभाल लेना मैं भी आता हूं। मैं कमल के घर पर चला गया जब मैं कमल के घर पहुंचा तो मैंने कमल की पत्नी को अपनी बाहों में ले लिया मै उसके स्तन को दबाने लगा और उसके होठों को चूमने लगा।

उसके होठों को चूमने मे बड़ा मजा आता वह भी पूरी तरीके से मेरी बाहों में आ चुकी थी जब मैंने अपने लंड को निकाला तो उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया वह बड़े ही अच्छे तरीके से मेरे लंड को हिला रही थी। मैं पूरी तरीके से जोश मे आ गया जब उसने मेरे लंड को चूसा तो मैंने उसे कहा मैं तुम्हे उसके बदले और भी पैसे दूंगा तो वह खुश हो गई और मेरे लंड से उसने पानी बाहर निकाल कर रख दिया। मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरे अंदर की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने जैसे ही उसकी साड़ी को ऊपर उठाते हुए उसके काले रंग की पैंटी को नीचे उतारा तो उसकी चूत गीली हो चुकी थी और उसकी गीली हो चुकी चूत को मै चाटने लगा। मैंने बहुत देर तक उसकी चूत चाटी मुझे बहुत मज़ा भी आया उसकी चूत चाटने में मुझे जितना मजा आ रहा था उस से ज्यादा उसे मज़ा आ रहा था।

मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धीरे-धीरे घुसाना शुरू किया तो वह चिल्लाने लगी उसके मुंह से चीख निकलने लगी थी मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था। मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था मैं बहुत देर तक उसको चोदता रहा वह पूरी तरीके से जोश मे आने लगी मैंने उसे अपनी बाहों में दबोच लिया था। वह मेरी बाहों में थी मैंने जब उसे घोड़ी बनाकर उसकी चूतड़ों को कसकर पकड़ लिया तो वह उत्तेजित होने लगी मैंने अपने लंड को उसकी गांड के अंदर घुसा दिया। मेरा लंड उसकी गांड के अंदर घुसते ही वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी साहब आपने तो मेरी गांड फाड कर रख दी है मैंने उसे कहा तुम्हे अब और मजा आएगा। मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था और मुझे उसक गांड मारने मे मजा आता। मैंने उसकी गांड के अंदर से खून बाहर निकाल दिया था पहली बार ही उसने किसी से अपनी गांड मरवाई थी लेकिन उसके टाइट गांड को मैं झेल ना सका मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिर गया। मेरा वीर्य जैसे ही गिरा तो मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया। मैं दुकान पर चला गया कमल मुझसे कहने लगा साहब आप कहां चले गए थे? मैंने उसे कहा मैं किसी जरूरी काम से गया था उसके बाद भी मेरे और कमल की पत्नी के बीच नाजायज संबंध ना जाने कितनी बार बनते रहे।



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आ जाओ चूत के पानी को निकालने

Antarvasna, kamukta: मैं रविवार के दिन सुबह जल्दी उठ गया था क्योकि मुझे कोई जरूरी काम था मैं सुबह जल्दी उठा और मम्मी से कहा मम्मी मेरे लिए चाय बना दो। मम्मी मुझे कहने लगी कि राजेश बेटा आज तुम जल्दी उठ गए मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मुझे कहीं जाना है तो मम्मी मुझे कहने लगी कि मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना दूं। मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं नाश्ता तो आकर करूंगा मम्मी कहने लगी ठीक है बेटा मैं तुम्हारे लिए अभी चाय बना कर ले आती हूं। मम्मी मेरे लिए चाय बना कर ले आई थी पापा मुझसे पूछने लगे राजेश बेटा तुम कहां जा रहे हो तो मैंने पापा को कहा पापा मैं अपने एक दोस्त के पास जा रहा हूं मुझे कोई जरूरी काम है। पापा कहने लगे लेकिन इतनी सुबह क्या जरूरी काम है मैंने पापा से कहा पापा कुछ नहीं बस थोड़ी देर बाद मैं आ जाऊंगा पापा कहने लगे ठीक है बेटा। मैं अब चाय पी कर तैयार होने के लिए चला गया मैं बाथरूम में जल्दी से नहाया और उसके बाद मैं अपने दोस्त के पास चला गया। मुझे अपने दोस्त से कुछ पैसे लेने थे क्योंकि मैंने उसकी भी मदद कुछ समय पहले की थी तो उसने मुझे पैसे लौटाने की बात कही थी।

मैं उसके घर पर चला गया और जब मैं उसके घर गया तो उसके साथ मैं ज्यादा देर तक नहीं बैठा उसने मेरे पैसे लौटा दिए थे और मैं अब वापस अपने घर लौट आया। मैं जैसे ही घर लौटा तो मेरे मोबाइल की घंटी बजने लगी मैंने अपनी जेब से अपने मोबाइल को बाहर निकाला तो उसकी स्क्रीन पर मैंने देखा दीदी का फोन आ रहा था। मैंने दीदी का फोन उठाते हुए हेलो कहा तो दीदी कहने लगी राजेश तुम काफी दिनों से घर नहीं आए हो मैंने दीदी से कहा दीदी मुझे आजकल समय ही नहीं मिल पा रहा है। दीदी कहने लगी कि कभी तुम हमसे मिलने के लिए भी आ जाया करो मैंने दीदी को कहा ठीक है दीदी आज आपसे मिलने के लिए आ ही जाता हूं। मैंने नाश्ता किया और मम्मी से कहा मम्मी मैं दीदी के घर जा रहा हूं मम्मी कहने लगी कि ठीक है बेटा और फिर मैं दीदी के घर चला गया। मैं जब दीदी के ससुराल पहुंचा तो वहां पर मुझे जीजाजी भी मिले वह मुझसे मेरे हाल चाल पूछने लगे और मम्मी पापा के बारे में भी उन्होंने मुझसे पूछा। मैंने उन्हें कहा मम्मी पापा भी ठीक हैं जीजा जी का अपना ही मसाले का कारोबार है और वह पिछले कई वर्षों से यही काम करते आ रहे हैं।

जीजा जी ने मुझे कहा कि हम लोग सोच रहे थे कि मम्मी पापा से मिलने के लिए घर पर आए लेकिन मुझे समय ही नहीं मिल पाता है। जीजा जी और मैं बात कर रहे थे तो दीदी कहने लगी कि राजेश तुम ठीक हो ना मैंने दीदी से कहा हां दीदी मैं ठीक हूं आप बताइए आप कैसी हैं दीदी कहने लगी मैं भी ठीक हूं। अब दीदी और मैं आपस में बात करने लगे जीजा जी कहने लगे कि तुम लोग आपस में बात करो मैं अपने किसी काम से जा रहा हूं। हम लोग साथ में बैठे हुए थे तो दीदी मुझे कहने लगी कि काफी दिनों से सोच रही थी कि तुमसे मुलाकात करूं लेकिन तुम तो मुझसे मिलने के लिए आते ही नहीं हो। मैंने दीदी को कहा दीदी आप तो जानती ही हैं ना कि ऑफिस में कितना काम रहता है आज मेरी छुट्टी थी तो सुबह मैं अपने दोस्त के घर चला गया था और जैसे ही मैं घर लौटा तो वैसे ही आपका फोन मुझे आया मैंने सोचा आप से भी काफी दिनों से मुलाकात नहीं हुई है तो आप से भी मिल लेता हूं। मैं और दीदी आपस में बात कर रहे थे तो दीदी का एक वर्षीय छोटा बालक रोने लगा दीदी कहने लगी कि मैं छोटू को अभी बाहर ले आती हूं। दीदी अपने बेडरूम में चली गई और छोटू को बाहर ले आई जब दीदी छोटू को बाहर लाई तो मैंने उसे अपनी गोद में लिया लेकिन अभी भी वह रो रहा था। दीदी मुझे कहने लगी कि छोटू अभी सो कर उठा है ना इसलिए यह रो रहा है लाओ तुम इसे मुझे दे दो मैं दीदी को छोटू को सौंप दिया। थोड़ी देर बाद छोटू अपने आप ही चुप हो गया दीदी और मैं आपस में बात कर रहे थे कि तभी जीजा जी घर पर आ गए। हम लोगों को बात करते हुए काफी समय हो गया था और मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि कब इतना समय निकल गया दीदी मुझे कहने लगी कि मैं तुम्हारे लिए खाना बना देती हूं।

मैंने दीदी को कहा दीदी मेरा खाना खाने का बिल्कुल भी मन नहीं है दीदी मुझे कहने लगी कि थोड़ा सा तो तुम खाना खा ही लेना मैंने दीदी को कहा ठीक है दीदी आप मेरे लिए बना ही दीजिए। दीदी अब रसोई में खाना बनाने के लिए चली गई दीदी ने मुझे छोटू की जिम्मेदारी सौंप दी थी थोड़ी देर बाद छोटू सोने लगा तो दीदी कहने लगी कि राजेश उसे तुम बेडरूम में ही सुला दो। मैं उसे बेडरूम में ले गया और वहां पर मैंने उसे सुला दिया जीजा जी मुझसे पूछने लगे कि साले साहब आप शादी कब कर रहे हैं। मैंने उन्हें कहा जीजा जी अभी तो मैंने इस बारे में कोई भी मन नहीं बनाया है लेकिन जब भी शादी करूंगा तो आपको तो पता चल ही जाएगा। जीजा जी कहने लगे मुझे पता नहीं चलेगा तो किसे पता चलेगा। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तभी जीजा जी का फोन आया और उन्होंने फोन रिसीव किया शायद उनके किसी काम से उनका फोन आया था वह काफी देर तक अपने फोन पर ही बात करते रहे और थोड़ी देर बाद जब जीजा जी मुझे कहने लगे कि चलो हम लोग खाना खा लेते हैं। हम लोगों ने साथ में उस दिन लंच किया और दीदी मुझे कहने लगी कि राजेश तुम थोड़ा आराम कर लो मैं रूम में लेटा हुआ था मुझे नींद की झपकी आने लगी और थोड़ी देर बाद मुझे नींद भी आ गई।

मैं जब घर लौट रहा था तो उस वक्त मेरी मुलाकात शिखा से हुई मैंने शिखा से पूछा तुम कहां जा रही हो? वह कहने लगी कहीं नहीं बस ऐसे ही कोई जरूरी काम था जब मैंने शिखा को कहां तुमने मुझे बताया नहीं कि तुम कहां जा रही हो। वह मुझे कुछ बता नहीं रही थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हें छोड़ देता हूं लेकिन उसने मुझे मना कर दिया और कहने लगी नहीं राजेश में चली जाऊंगी परंतु मैंने शिखा को अपने साथ अपनी मोटरसाइकिल में बैठा लिया और उसको मैंने छोड़ दिया। शिखा ने मरा धन्यवाद दिया और कहा तुम मुझे अपना नंबर दे दो? मैंने जब शिखा से कहा तो उसने मुझे अपना नंबर दे दिया और उसके बाद मैं घर चला आया। मैं शिखा से मैसेज पर बात किया करता था उससे बात करना मुझे अच्छा लगता लेकिन एक दिन वह मुझसे बड़ी ही अश्लील बातें करने लगी। मैंने उसे फोन करते हुए कहा आज तुम्हें क्या हो गया है? उसने मेरी बातों का जवाब नहीं दिया मैंने उसे कहा तुम ठीक तो हो। वह कहने लगी हां मै ठीक हूं वह मुझसे मिलने के लिए कहने लगी मैं उससे मिलने के लिए चला गया। जब मैं शिखा से मिला तो वह अपनी चूत में उंगली लगाते मुझे कहने लगी मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है तुम मेरी खुजली को मिटा दो। मैंने उसके बदन को सहलाना शुरू किया तो उसे अच्छा लगने लगा मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसके बाद में उसके होठों को चूमता रहा मुझे उसके होठों को चूमने में मजा आता और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके होठों का रसपान करता रहा मैंने उसके होंठो से खून बाहर निकाल दिया था वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी और मुझे कहने लगी मै रह नहीं पा रही हूं। मैने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लो उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया वह उसे चूसने लगी।

वह मेरे लंड को बड़े ही अच्छे तरीके से चूस रही थी मैंने उसे कहा तुम ऐसे ही मेरे लंड को चूसती रहो। वह कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है काफी देर तक उसने ऐसा ही किया जब वह पूरी तरीके से चुदने के लिए तैयार थी तो उसने अपने लंडे को चाटते हुए मुझे कहा कि तुम मेरी चूत को चटो। मैंने उसकी कोमल और मुलायम चूत को चाटना शुरू किया तो उसे बहुत मजा आने लगा वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है काफी देर तक मैं ऐसा ही करता रहा वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। उसके अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी थी मैंने जब अपने लंड को उसकी चूत मे डाला तो वह मुझे कहने लगी मुझे तेजी से चोदो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया वह चिल्लाने लगी। मैंने उसे कहा तुम्हें अच्छा तो लग रहा है? वह कहने लगी हां मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैं उसे लगातार तेजी से चोद रहा था वह मुझे कहने लगी मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है।

मैंने उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला और मैंने जैसे ही उसे घोड़ी बनाया तो वह मुझे कहने लगी मेरी चूत के अंदर लंड घुसा दो। जैसे ही उसकी चूत के अंदर मैने अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मेरा लंड आसानी से चूत मे जा चुका था वह चिल्लाने लगी। मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी बड़ा आनंद आता। कुछ देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और उसके पैरों को खोलते हुए उसकी चूत के अंदर लंड डाला तो उसे बड़ा मजा आया। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैं तुम्हारी चूत की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा तो वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरे चूत के अंदर ही डाल दो। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारी चूत के अंदर ही गिरा देता हूं मैने अपने वीर्य को उसके अंदर गिरा दिया वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। मैंने उससे पूछा आज तुम अपनी चूत मरवाकर खुश हो वह बोली बहुत खुश हूं।



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कैसे सील तोड़ी कभी भूल नहीं पाऊंगी

Antarvasna, hindi sex story: निर्मला दीदी मुझे कहने लगी कि काजल तुम मेरे साथ मार्केट चलो ना मैंने काफी दिन से शॉपिंग नहीं की है। मैंने निर्मला दीदी से कहा दीदी लेकिन मैं आपके साथ कैसे चलूंगी अभी तो मैं कॉलेज से लौटी हूं तो दीदी कहने लगी कि नहीं तुम मेरे साथ चलो ना। दीदी की जिद के आगे मैं कुछ ना कह सकी और दीदी के साथ मैं मार्केट चली गई लेकिन जब मैं मार्केट गई तो वहां पर मेरी मुलाकात अक्षय से हो गई। अक्षय और मैं एक दूसरे को पसंद करते हैं लेकिन हम दोनों ने कभी भी एक दूसरे से अपने दिल की बात नहीं कही। निर्मला दीदी मेरी तरफ देख कर कहने लगी कि काजल वह लड़का तुम्हें बहुत घूर कर देख रहा था क्या तुम उसे जानती हो। मैंने निर्मला दीदी से कहा नहीं दीदी मैं उसे नहीं जानती लेकिन निर्मला दीदी शायद मेरी बातों को समझ चुकी थी और वह मुझे कहने लगी तुम मुझसे झूठ कह रही हो तुम उसे जानती हो। मैंने दीदी से कहा दीदी आप शॉपिंग कर लीजिए ना आप मुझे अपने साथ क्यों लेकर आई थी तो निर्मला दीदी कहने लगी ठीक है हम लोग शॉपिंग कर लेते हैं।

हम लोग एक बड़े शोरूम में चले गए वहां पर दीदी ने काफी कुछ सामान अपने ले ले लिया था। हम लोगों को वहां पर करीब दो से तीन घंटे लग गए थे और उसके बाद हम लोग घर वापस लौट आए। निर्मला दीदी के मन में कई सवाल थे जो ह मुझसे करना चाहती थी और मुझसे वह पूछने लगी कि क्या तुम उस लड़के को पसंद करती हो। मैंने दीदी से कहा देदी मैंने आपको कह तो दिया था कि मैं उस लड़के को नहीं जानती लेकिन दीदी ने आखिरकार मेरे अंदर से वह बात निकलवा ही दी। मैंने दीदी से कहा दीदी उसका नाम अक्षय है और वह मेरे कॉलेज में ही पड़ता है हम दोनों साथ में पढ़ते हैं और शायद वह मुझे पसंद करता है और मुझे भी वह बहुत अच्छा लगता है लेकिन आज तक मैंने कभी भी उसे अपने दिल की बात नहीं कही। दीदी मुझे कहने लगी कि अच्छा तो तुम भी उसे पसंद करती हो मैंने दीदी से कहा हां दीदी मैं अक्षय को पसंद करती हूं लेकिन आज तक मैंने उसे अपने दिल की बात नहीं कही है।

दीदी कहने लगी कि तुमने उसे अपने दिल की बात आज तक क्यों नहीं कहीं तो मैंने दीदी को कहा दीदी आपको तो पता ही है ना यदि हम दोनों का रिश्ता आगे बढ़ा तो पापा मम्मी को इस बारे में मालूम चल जाएगा और फिर वह गुस्सा हो जाएंगे अब आप जानती हैं कि वह किस विचारधारा के हैं वह कभी भी मेरे और अक्षय के रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगे। दीदी कहने लगी कि लेकिन तुम्हें इस बारे में अक्षय से तो बात करनी चाहिए। मैंने दीदी से कहा दीदी मैंने अक्षय से सिर्फ इसीलिए बात नहीं की थी क्योंकि मुझे लगता है कि यदि हम दोनों का रिश्ता आगे बढ़ा तो कहीं उससे हम दोनों को ही कोई नुकसान ना हो। मेरे पापा पुलिस में हैं और वह बड़े ही सख्त मिजाज हैं दीदी की बातें मेरे दिमाग में तो आ चुकी थी लेकिन मेरा दिल अभी भी गवाही नहीं दे रहा था कि मुझे अक्षय से बात करनी चाहिए। मैं पापा से बहुत डरती थी और इसीलिए शायद मैं अक्षय को दिल से स्वीकार नहीं कर पा रही थी परंतु मैं अपने आप को कितने दिनों तक रोकती आखिरकार एक दिन मुझे अक्षय को अपने दिल की बात कहनी पड़ी। जब मैंने उससे अपने दिल की बात कही तो उसने भी मुझे कहा कि मैं भी तुम्हें बहुत पसंद करता हूं। अक्षय मुझे बहुत पसंद करता है, यह बात मुझे मालूम थी कि अक्षय मुझे पसंद करता है हम दोनों का रिश्ता आगे बढ़ने लगा था और मैं अपने रिश्ते को आगे बढ़ते हुए देखकर खुश थी। मैंने यह बात निर्मला दीदी को भी बताई कि मेरे और अक्षय के बीच में अब रिलेशन चल रहा है तो दीदी कहने लगी कि कभी तुम मुझे भी अक्षय से मिलवाना। मैंने दीदी से कहा हां दीदी मैं जरूर आपको अक्षय से मिलवाउंगी और एक दिन मैंने दीदी को अक्षय से मिलवाया तो दीदी ने अक्षय से पूछा कि क्या तुम दोनों एक साथ अपना जीवन बिताना चाहते हो। अक्षय ने जवाब दिया कि हां दीदी मैं काजल को बहुत पसंद करता हूं और उसी के साथ मैं आगे जीवन बिताना चाहता हूं लेकिन अभी तो हमारी पढ़ाई चल रही है।

मेरे और अक्षय के रिश्ते और दिन-ब-दिन गहरे होते जा रहे थे हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कि मैं अक्षय के साथ रिलेशन में हूं। एक दिन मुझे पापा ने अक्षय के साथ देख लिया और अक्षय को उन्होंने काफी भला बुरा कहा उसके बाद पापा ने मेरा घर से निकलना ही बंद कर दिया था। कुछ दिनों तक तो पापा ने मेरा घर से निकलना बंद कर दिया था और निर्मला दीदी को मेरी निगरानी रख दिया था। निर्मला दीदी भी चाहती थी कि मैं अक्षय से मुलाकात करूं और निर्मला दीदी ने एक दिन चुपके से मुझे अक्षय से मिलवाया। जब दीदी ने मुझे अक्षय से मिलवाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे इस बात की भी खुशी थी कि अक्षय से मैं काफी दिनों बाद मिल रही थी। अक्षय मुझसे कहने लगा कि क्या अब तुम कॉलेज पढ़ने के लिए नहीं आओगी। मैंने अक्षय से कहा अभी तुम्हें कुछ कह नहीं सकती कि मैं कॉलेज पढ़ने आउंगी या नहीं लेकिन पापा इस बात से बहुत गुस्सा है और वह तो शुक्र है कि निर्मला दीदी ने मुझे तुम से मिलवा दिया। मैंने जब अक्षय को यह बात कही तो अक्षय कहने लगा काजल मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है और लगता है कि तुमसे मिलने के लिए तुम्हारे घर पर ही आ जाऊं। मैंने अक्षय को कहा देखो अक्षय ऐसा कभी गलती से भी मत करना यदि यह बात पापा को मालूम चली तो पापा बहुत ज्यादा गुस्सा हो जाएंगे और तुम इस बात से अनजान हो कि पापा का गुस्सा कितना ज्यादा बढ़ जाएगा। मैं अब घर लौट चुकी थी।

जब भी मुझे अक्षय से मिलना होता  तो मैं निर्मला दीदी को कह दिया करती थी और निर्मला दीदी मुझे अक्षय से मिलवा दिया करती थी। एक दिन निर्मला दीदी मुझे कहने लगी चलो मैं तुम्हें आज अक्षय से मिलवाती हूं। मैं अक्षय से मिलने के लिए गई तो दीदी मुझे कहने लगी मुझे कुछ काम है मैं जब लौटूंगी तो तुम्हें फोन कर दूंगी। मैंने दीदी से कहा ठीक है दीदी जब आप लौटेंगे तो मुझे फोन कर दीजिएगा,  दीदी जा चुकी थी। मैं और अक्षय साथ में बैठे हुए थे अक्षय मुझे कहने लगे यार तुम्हारी बहुत याद आती है। मैंने अक्षय को कहा याद तो मुझे भी तुम्हारी बहुत आती है लेकिन मेरी मजबूरी है तुमसे मिल नहीं पाती। अक्षय ने मुझे गले लगाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा हम दोनों एक दूसरे के गले मिलकर बहुत खुश थे काफी समय बाद मैं और अक्षय एक दूसरे के गले मिलकर बहुत खुश थे। अक्षय ने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा मैं भी अपने आपको रोक न सकी। मैंने अक्षय से कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरे होठों को चूसते रहो वह मुझे कहने लगा अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है और मजा आ रहा है। अक्षय ने जब मुझे बिस्तर पर लेटाया तो मै उत्तेजित होने लगी अक्षय मेरे कपड़े उतारने लगे थे। मैंने अक्षय को रोकने की कोशिश की लेकिन मैं उसे रोक ना सकी क्योंकि कहीं ना कहीं मैं भी चाहती थी कि मैं अक्षय के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करू इसलिए मैंने अक्षय के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने का फैसला कर लिया था। वह मेरे स्तनों को चूसने लगा वह अच्छे तरीके से मेरे स्तनों का रसपान कर रहा था। जब उसने मेरी चिकनी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो मुझे अच्छा लगने लगा अक्षय को भी बहुत अच्छा लग रहा था मैंने अक्षय को कहा मुझे तुम्हारे लंड को हिलाना है। अक्षय कहने लगे क्या तुमने कभी किसी के लंड को देखा है? मैंने अक्षय से कहा नही, तुम ही मुझे दिखा दो। अक्षय ने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो मैं पूरी तरीके से मचलने लगी अक्षय बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा।

अक्षय मुझे कहने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जब मैंने अक्षय के लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया तो उसे बहुत अच्छा लग रहा था। जब मैंने अक्षय के लंड को हिलाया और मैंने उसे अपने मुंह के अंदर लेते हुए चूसना शुरू कर दिया। मैं अक्षय के लंड को बड़े अच्छे से अपने मुंह के अंदर लेकर चूस रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ऐसा मैने बहुत देर तक किया। जब मेरी चूत से गिलापन बाहर की तरफ को निकलने लगा तो मै उत्तेजित होने लगी थी और मुझे बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होने लगी थी। अक्षय ने अपने लंड को मेरी चूत पर लगाया और जैसे ही मैंने अक्षय को कहा मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी हूं तो अक्षय ने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना शुरू किया जैसी ही अक्षय का लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था और अक्षय को भी मजा आने लगा, मेरी चूत से खून बाहर निकलने लगा मै अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।

अक्षय बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था वह मुझे कहने लगा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका है। उसने मेरे पैरों पर खोलकर तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए मुझे भी अच्छा महसूस होने लगा। वह काफी देर तक मुझे धक्के मारता रहा उसका लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। जब उसने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकालकर मुझे घोड़ी बनाकर धक्के देना शुरू किया तो मैं पूरी तरीके से मचलने लगी और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। काफी देर तक उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा जब वह मुझे चोद रहा था तो उस वक्त दीदी का फोन आया। मैंने फोन उठाते हुए कहा दीदी बस आ गई, मैंने फोन रखा तो मैंने अक्षय को कहा जल्दी से अपने माल को गिरा दो। उसके बाद मैं कभी अक्षय को मिल नहीं पाई लेकिन अभी मेरे दिल में अक्षय की यादें बसी हुई है और मैं अक्षय को कभी भूल नहीं पाऊंगा।



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शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

Antarvasna, kamukta: कॉलेज में एग्जाम का आखिरी दिन था और उसके बाद शायद सब लोग एक दूसरे से अलग होने वाले थे मेरे दिल में सिर्फ यही चल रहा था कि जब मेरा कॉलेज पूरा हो जाएगा तो क्या उसके बाद भी मैं कभी शांतनु से मिल पाऊंगी। शांतनु और मैं एक ही क्लास में पढ़ते थे लेकिन मेरी हिम्मत कभी शांतनु से बात करने की नहीं हो पाई शांतनु को मैं अक्सर देखा जरूर करती थी लेकिन उससे मैं कभी बात नहीं कर पाई। मैंने शांतनु से कभी अपने दिल की बात नहीं कही थी मेरी सहेली पूजा मुझे अक्सर कहती थी कि तुम शांतनु को अपने दिल की बात क्यों नहीं बताती।

मैं शांतनु को दिल ही दिल चाहती थी लेकिन शायद शांतनु मेरी किस्मत में नहीं था। मैं और पूजा उस दिन बस से घर लौटे और मैं जब घर लौटी तो पापा उस दिन घर पर ही थे पापा मुझे कहने लगे कि महिमा बेटा तुम्हारा पेपर कैसा रहा। मैंने पापा से कहा पापा मेरा एग्जाम तो अच्छा हुआ। मेरी पापा के साथ बहुत बनती थी तो मैंने पापा से अपने दिल की बात कही और कहा कि आज मेरा मन कुछ अजीब सा है। मैंने जब पापा को यह बात कही तो पापा मुझे कहने लगे कि बेटा ऐसा होता है तुम्हें शायद अपने दोस्तों से दूर होने का गम हो सकता है क्योंकि आज के बाद उनसे तुम्हारी मुलाकात कम ही हो पाएगी या फिर हो सकता है कि शायद उनसे तुम्हारी कभी मुलाकात हो ही नहीं। पापा ने जब मुझसे ऐसा कहा तो मैं अंदर ही अंदर दुखी हो गई थी मैंने पापा से कहा पापा जब आप कॉलेज में पढ़ते थे तो आपके साथ भी तो ऐसा हुआ होगा। पापा मुझे कहने लगे कि हां बेटा कॉलेज पूरा होने के बाद मेरे कई दोस्त मुझसे दूर हो गए और शायद अब तक उनसे मेरा कोई संपर्क ही नहीं है। पापा और मैं साथ में बैठे हुए थे तभी मम्मी हमारे लिए चाय बना कर लायी मम्मी कहने लगी लो महिमा बेटा चाय पी लो। मैंने मां से कहा मां मेरा मन चाय पीने का नहीं हो रहा है लेकिन मां की जिद के आगे मुझे चाय पीनी पड़ी और मैंने चाय पी ली घर में मैं एकलौती थी इसलिए पापा मम्मी का मुझे पूरा प्यार मिला।

पापा मुझे बहुत अच्छे तरीके से समझते हैं पापा और मम्मी दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई उन दोनों ने मेरा हमेशा ही साथ दिया है। अब मेरा कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय बाद हमारा रिजल्ट भी आने वाला था जब मेरा रिजल्ट आ गया तो उस वक्त मेरी मुलाकात पूजा से हुई। पूजा मुझे कहने लगी कि चलो अब हम लोग पास तो हो ही चुके हैं तो तुमने आगे क्या सोचा है मैंने पूजा से कहा फिलहाल तो मैंने कुछ भी नहीं सोचा है और ना ही अभी इस बारे में मैं कुछ सोचना चाहती हूं। पूजा ने मुझसे शांतनु के बारे में पूछा तो मैंने पूजा से कहा देखो पूजा अब मुझे नहीं लगता कि मैं शांतनु से बात कर पाऊंगी और इस बात को यहीं खत्म कर लेना ही अच्छा रहेगा। मैं दिखने में बड़ी ही सिंपल सी हूं मैं और लड़कियों की तरह बिल्कुल भी नहीं हूं मैं पढ़ने में जरूर अच्छी हूं लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव की वजह से ही मैं शांतनु को अपने दिल की बात कह ना सकी। अब हम लोगों का कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय तक मैं घर पर ही थी तो एक दिन मम्मी मुझे कहने लगी की महिमा बेटा तुमने अब आगे क्या सोचा है। मैंने मां से कहा मां फिलहाल तो मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है लेकिन जल्द ही मैं आप लोगों को बता दूंगी कि मैं आगे क्या करना चाहती हूं। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैं घर पर ही रहती थी मुझे घर पर एक साल हो चुका था और अभी तक ना तो मैं कहीं नौकरी कर रही थी और ना ही मैंने आगे कुछ करने के बारे में सोचा। उसी वक्त मेरे मामा जी घर पर आए और वह मुझे कहने लगे की महिमा बड़ी हो चुकी है तुम्हें उसके लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए। मामा जी ने मम्मी के दिमाग में अब यह बात डाल दी थी कि मेरे लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए और मम्मी ने यह बात पापा से कहीं तो पापा भी शायद अब मेरी शादी के लिए लड़का देखने लगे थे। मेरे लिए कई रिश्ते आ रहे थे क्योंकि पापा एक अच्छी जॉब पर थे और हमारा परिवार एक अच्छा परिवार है लेकिन मेरा शादी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था परंतु अपने पापा मम्मी के आगे शायद मैं कुछ कह ना सकी और मेरी शादी पापा मम्मी ने तय कर दी।

मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यह सब इतनी जल्दी में हो जाएगा मेरी शादी का दिन भी तय हो चुका था और मेरी सगाई प्रशांत से हो चुकी थी लेकिन मेरे दिल में अभी भी शांतनु बसा हुआ था। मैं हमेशा ही सोचती रहती की शांतनु को क्या मुझे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए थी लेकिन मेरे पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था प्रशांत अब मेरी जिंदगी में आ चुके थे और हम लोगों की शादी जल्दी होने वाली थी। जब हम लोगों की शादी होने ही वाली थी उससे कुछ महीने पहले मुझे शांतनु मॉल में मिला जब शांतनु मुझे मॉल में मिला हम लोगों की बहुत कम बातें होती थी लेकिन उस दिन शांतनु ने मुझसे बात की। जब शांतनु ने मुझसे बात की तो मुझे लगा कि शायद वही पुराना प्यार दोबारा से जाग उठा है और मुझे इस बात का डर भी था कि कहीं हम दोनों का रिश्ता आगे ना बढ़ जाए। उस दिन के बाद शांतनु मुझे फोन करने लगा शांतनु को भी शायद यह एहसास हो चुका था कि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं और इसी वजह से तो उसने अपने दिल की बात कि जो वह मुझसे कभी कहना ही नहीं चाहता था लेकिन उसने अपने दिल की बात मुझे कह दी।

अब मैं इस दुविधा में थी कि मैं क्या करूं क्योंकि एक तरफ तो मेरा दिल था और एक तरफ मेरे पापा मम्मी, मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे ऐसे समय में क्या करना चाहिए।  मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था मेरी शादी नजदीक आ चुकी थी लेकिन शांतनु से मैं मिलने के लिए चली गई। मैंने शांतनु से कहा मुझे बहुत डर लग रहा है मैं शादी नहीं करना चाहती। शांतनु का दिल भी मुझे देखकर धडकने लगा था उसने मुझे गले लगाते हुए कहा महिमा मैं भी तुमसे प्यार करता हूं। मैंने शांतनु को कहा देखो शांतनु मैं तुमसे कॉलेज के समय से ही प्यार करती थी लेकिन कभी अपने दिल की बात तुम्हें कह ना सकी इसीलिए हम दोनों एक दूसरे के हो ना सके। शांतनु ने मुझे गले लगा लिया था हम दोनों के अंदर से एक करंट सा दौड़ने लगा शांतनु ने जैसे ही मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा वह मेरे होठों को अच्छे से चूम रहा था। वह जिस प्रकार से मेरे होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी थी और मेरा बदन मैने पूरी तरीके से शांतनु को समर्पित कर दिया था। शांतनु मुझे कहने लगा महिमा हमें ऐसा नहीं करना चाहिए तुम किसी और की अमानत हो। मैं शांतनु के साथ अंतरंग संबंध बनाने के लिए तैयार थी मैंने शांतनु के होठों को चूम लिया। शांतनु मेरे दिल की बात को समझ चुका था उसने मुझे अपनी बाहों में लेकर बिस्तर पर लेटा दिया। जब उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया तो वह मेरे स्तनों को दबाने लगा जब वह मेरे होठों को चूम रहा था मुझे अच्छा लग रहा था थोड़ी देर के बाद शांतनु ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया। वह जिस प्रकार से मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था शांतनु को भी बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे तरीके से किया जब हम दोनों उत्तेजित हो गए तो शायद वह भी अपने आपको ना रोक पाया और उसने मुझे कहा कि तुम अपनी सलवार उतार दो?

मैंने शांतनु से कहा तुम ही मेरी सलवार को उतार दो शांतनु ने मेरी सलवार को उतारते हुए मेरी पैंटी को भी उतार दिया। जब उसने मेरी पैंटी को उतारा तो वह मेरी योनि पर अपनी जीभ से चाटने लगा जब उसने जीभ को चूत के अंदर तक डाल था तो मुझे बहुत अच्छा लगता और शांतनु को भी बहुत खुशी मिलती। उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था। शांतनु ने जैसे ही मेरी चिकनी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसने धीरे से मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो मैं चिल्लाने लगी। पहली बार ही मैंने किसी के लंड को अपनी चूत के इतने नजदीक आने दिया था शांतनु ने धीरे से मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरी सील टूट चुकी थी और शांतनु का लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था।

शांतनु का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था मेरे मुंह से चीख निकलने लगी थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और शांतनु ने मेरा दोनों पैरों को खोल कर मुझे तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे। शांतनु मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदता रहा जब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होकर चरम सीमा पर पहुंच गई तो मैंने शांतनु से कहा मैं अब रह नहीं पाऊंगी। शांतनु ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत के अंदर उसने अपने लंड को घुसा दिया शांतनु को मोटा लंड मेरी चूत में प्रवेश हो चुका था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। उसके धक्के तेज होते ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती और कुछ क्षणो बाद शांतनु का वीर्य मेरी चूतडो पर गिर चुका था। मैंने शांतनु से कहा तुम मेरी चूतड़ों से वीर्य को साफ कर लो और शांतनु से कहा मेरी चूतडो से वीर्य को साफ कर दो। अब बहुत देर हो चुकी थी और शादी तो मुझे प्रंशात से ही करनी पड़ी लेकिन उसके बाद भी शांतनु और में मिलते रहते थे। अब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं।



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स्तन टकराए तो होश खो बैठा

Antarvasna, hindi sex stories: भैया मुझे कहते हैं कि अनिल तुम अपनी भाभी को उनके घर छोड़ दोगे मैंने भैया से कहा भैया लेकिन अभी तो मैं भाभी को नहीं छोड़ सकता तो भैया मुझसे पूछने लगे कि क्यों तुम क्या कहीं जा रहे हो। मैंने भैया से कहा कि हां भैया मैं इस वक्त अपने काम से कहीं जा रहा था यदि आप कहें तो मैं भाभी को दो घंटे बाद छोड़ देता हूं। भैया कहने लगे चलो ठीक है क्योंकि मैं भी अपने काम से जा रहा था इसलिए मैं तुम्हारी भाभी को नहीं छोड़ पाऊंगा तो मैंने सोचा तुम्हें ही कह देता हूं। मैंने भैया से कहा भैया मैं दो घंटे बाद भाभी को छोड़ दूंगा अभी मुझे कुछ जरूरी काम है इसलिए मैं भाभी को नहीं छोड़ सकता भैया मुझसे कहने लगे कि ठीक है तुम मीनाक्षी को छोड़ देना। मैंने भैया से कहा भैया आप चिंता ना करें मैं भाभी को छोड़ दूंगा उसके बाद मैं अपने काम से जा चुका था। मुझे घर आने में करीब दो घंटे लग गए और भाभी भी तैयार थी मैंने मीनाक्षी भाभी को कहा भाभी क्या आप तैयार हो चुकी हैं तो वह मुझे कहने लगे हां मैं तैयार हो चुकी हूं आप बताइए कि कब हमें घर से चलना है।

मैंने उन्हें कहा भाभी मैं आपको छोड ही देता हूं, मैंने भाभी को कहा भाभी आप का सामान कहां है तो भाभी कहने लगी अंदर रूम में रखा हुआ है। मैंने भाभी का बैग उठाया और कार की डिक्की में रख दिया भाभी को मैंने उनके घर छोड़ दिया था और मैं वापस अपने घर लौट आया था। मां और भाभी के बीच में हमेशा ही किसी ना किसी बात को लेकर अनबन होती ही रहती थी इसलिए मां भाभी को पसंद नहीं करती थी भैया को यह सब बात मालूम है। भाभी मॉडल ख्यालातो की हैं और वह एक अच्छे परिवार से हैं इस वजह से भाभी और मां के बीच में ना जाने किस बात को लेकर अनबन रहती है। मैं और मां आपस में बात कर रहे थे तो मां मुझे कहने लगी कि अनिल तुम्हारे लिए भी कई लड़कियों के रिश्ते आने लगे हैं तुम कहो तो मैं शादी की बात कर लेती हूं। मैंने मां से कहा नहीं मां अभी रहने दीजिए मुझे थोड़ा समय चाहिए तो मां कहने लगी लेकिन तुम अभी शादी कर लोगे तो यह तुम्हारे लिए ही अच्छा रहेगा। मैंने मां से कहा हां मां आप बिल्कुल ठीक कह रही है लेकिन मुझे अपने लिए थोड़ा तो समय दीजिए ताकि मैं अपने पैरों पर खड़ा हो सकूं। मैं अभी अपनी जिंदगी की भागदौड़ में लगा हुआ था और अभी तक मुझे समझ नहीं आ पा रहा था कि मुझे करना क्या चाहिए। हालांकि मैं अपनी कंपनी चला जरूर रहा था लेकिन उससे भी मुझे इतना मुनाफा नहीं हो रहा था। मैं और मेरे दोस्त अक्सर शाम को मिला करते थे हम लोग जब भी शाम के वक्त मिलते तो एक दूसरे से अपने काम को लेकर जरूर बात किया करते थे।

जब शाम के वक्त मुझे सोहन मिला तो वह मुझसे कहने लगा कि अनिल तुम आजकल क्या कर रहे हो मैंने सोहन से कहा मैं तो अपने काम में ही बिजी हूं और तुम्हें तो मालूम है ना कि मैं अपना ही काम कर रहा हूं लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं इस काम से बिलकुल भी खुश हूं। सोहन मुझे कहने लगा कि अनिल तुम्हें कुछ और भी काम शुरू कर लेना चाहिए तो मैंने उससे कहा मैं काम तो शुरू करना चाहता हूं लेकिन तुम ही मुझे बताओ कि कैसे मैं काम शुरू करुं मेरे पास पैसे भी तो नहीं है। सोहन मुझे कहने लगा कि तुम अपने भैया से क्यों नहीं बात कर लेते मैंने सोहन से कहा यार अगर मैं भैया से इस बारे में बात करूंगा तो भैया गुस्सा हो जाएंगे और वह ना जाने कितने प्रकार के सवाल मुझसे करने लगेंगे इसलिए मैं उनसे पैसों की मदद तो ले नहीं सकता। मुझे एक दिन सोहन ने गरिमा से मिलवा दिया और जब गरिमा से मै मिला तो गरिमा को मिलकर मुझे अच्छा लगा गरिमा भी अपना कोई स्टार्टअप बिजनेस खोलने की सोच रही थी। मैंने गरिमा से कहा यदि तुम मेरे साथ काम करो तो हम दोनों मिलकर जरूर कुछ अच्छा कर सकते हैं गरिमा को मेरा सुझाव पसंद आया और हम दोनों ने मिलकर एक नई कंपनी शुरू की। वह कंपनी हमने गरिमा के नाम से ही खोली थी और उसके बाद हम लोगों का काम अच्छा चलने लगा गरिमा और मेरे बीच में नजदीकियां बढ़ने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से अपनी हर एक बात को साझा किया करते थे। मुझे गरिमा के साथ समय बिताना भी अच्छा लगता था और गरिमा को भी मेरे साथ समय बिताना अच्छा लगता यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा था। मैंने एक दिन गरिमा को अपने दिल की बात कही तो गरिमा मुझे कहने लगी कि अनिल मैं तुम्हें बहुत अच्छा मानती हूँ लेकिन शायद मैंने तुम्हें बताया नहीं कि मेरा एक बॉयफ्रेंड है और उससे मेरा काफी समय से रिलेशन चल रहा है।

मैंने गरिमा से कहा लेकिन तुमने मुझे उसके बारे में कभी भी नहीं बताया गरिमा की इस बात से मैं गुस्सा जरूर था लेकिन फिर भी मैंने गरिमा को कहा कि यदि तुम मुझे पहले यह सब बता देती तो शायद मैं तुम्हें कभी भी अपने दिल की बात नहीं कहता। मेरा दिल पूरी तरीके से टूट चुका था गरिमा अपने बॉयफ्रेंड के बारे में मुझे पहले भी बता सकती थी लेकिन उसने मुझसे यह सब छुपा कर रखा। गरिमा ने जब मुझे अपने बॉयफ्रेंड से मिलवाया तो उससे मिलकर मुझे ज्यादा खुशी तो नहीं हो रही थी लेकिन मुझे मालूम नहीं था कि गरिमा और उसके बीच में कुछ दिनों बाद अनबन शुरू हो जाएगी। गरिमा और उसका बॉयफ्रेंड एक दूसरे से बातें तो किया करते थे लेकिन गरिमा को शायद उसके बारे में ज्यादा पता नहीं था क्योंकि वह अपना चक्कर किसी और लड़की के साथ ही चला रहा था। जब यह बात गरिमा के कानों तक गई तो उसके बाद गरिमा ने उससे अलग होने का फैसला कर लिया था लेकिन उसका बॉयफ्रेंड उसका पीछा कहां छोड़ने वाला था और यह सब इतना आसान भी नहीं होने वाला था उसके लिए मुझे ही गरिमा की मदद करनी पड़ी और अब उसका बॉयफ्रेंड उसकी जिंदगी से दूर जा चुका था।

गरिमा बहुत ही ज्यादा दुख में थी और वह बहुत ज्यादा तकलीफ में भी थी मैंने गरिमा को समझाया और कहा देखो गरिमा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है मैं तुम्हारे साथ हूं। मैंने जब गरिमा के कंधे पर हाथ रखा तो गरिमा मुझे कहने लगी मैं बहुत अकेली हो चुकी हूं लेकिन मैंने गरिमा को अपना सहारा दिया और उसके बाद वह मुझसे प्यार करने लगी। हालांकि अब भी वह दुविधा में थी लेकिन फिर भी हम दोनों का रिलेशन अब चल ही रहा था और मुझे इस बात की खुशी भी थी कि गरिमा अब मेरे साथ रिलेशन में हैं और हम दोनों एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश किया करते। मैं गरिमा को पूरा समय देता था ताकि उसे कभी ऐसा न लगे कि वह अकेली है और गरिमा ने भी मेरा काफी साथ दिया मैंने गरिमा को कहा की अब तुम अकेली नहीं हो मैं तुम्हारे साथ हूं। गरिमा का साथ पाकर मैं बहुत खुश था। गरिमा का साथ मुझे मिल चुका था और मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि कम से कम गरिमा के मेरे जीवन में आने से मेरी खुशी में तो बढ़ोतरी हो गई है। गरिमा और मैं एक दूसरे से खुलकर बात किया करते थे एक दिन जब गरिमा मेरी बाहों में आ गई तो मुझे थोड़ा अजीब सा महसूस हुआ। गरिमा के स्तन जब मुझसे टकराने लगे तो मेरे अंदर की आग बढ़ने लगी थी और मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका। गरिमा ने मेरे होठों को चूमा और मैंने भी उसके होठों को किस किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे जब ऐसा होता रहा तो उसके बाद हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए। मैंने गरिमा के स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था वह भी बहुत खुश थी क्योंकि मैं उसके स्तनों को दबा रहा था काफी देर तक मैंने उसके स्तनों को दबाया और उसके कपडो को मैंने उतार कर अपने लंड को मैंने बाहर निकाला तो वह मेरे लंड को हिलाने लगी थी और उसे भी बहुत अच्छा लगने लगा था।

काफी देर तक उसने मेरे मोटे लंड को हिलाया और उसके बाद जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाया तो उसे बड़ा अच्छा लगा और मुझे भी अच्छा लग रहा था। काफी देर तक उसने मेर लंड को सकिंग किया और मेरे लंड से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाया लेकिन जब गरिमा ने मेरे लंड को अपनी चूत पर लगाया तो उसकी योनि से पानी बाहर निकल रहा था। वह मुझे कहने लगी कि उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा मैंने गरिमा से कहा मैं भी नहीं रह पा रहा हूं। वह कहने लगी आप अपने लंड को मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवा दीजिए मैंने गरिमा से कहा थोड़ा सा सब्र रखो मैंने जब उसकी योनि को चाटने शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा और काफी देर तक उसकी चूत को चाटता रहा। काफी देर तक मैं उसकी चूत को ऐसे ही चाटता रहा जब वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी तो वह कहने लगी अब मै रह नहीं पाऊंगी।

मैंने भी उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया और जैसे ही मेरा मोटा लंड गरिमा के अंदर जाने लगा तो वह चिल्लाने लगी उसके मुंह से बहुत तेज सिसकियां निकल रही थी वह चिल्ला रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और वह काफी देर तक ऐसा ही करती रही मैंने उसे कहा लगता है तुम अब रह नहीं पा रहे हो वह कहने लगी कि इतनी गर्मी को मे झेल नहीं पा रही हूं। मैंने गरिमा से कहा मुझे भी तो अच्छा लग रहा है वह मुझे कहने लगी मैं थोड़ी देर बाद झड जाऊंगी। उसने अपने दोनों पैरों के बीच मे मुझे जकड लिया मैं उसे तेजी से धक्के मार रहा था तो उसकी योनि के अंदर मेरा माल गिरने वाला था। मैंने उसे कहा मैं अब बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा वह कहने लगी आप अपने माल को मेरी चूत मे गिरा दो। मैंने उसकी योनि के अंदर वीर्य को गिरा दिया वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और उसके बाद तो यह सिलसिला लगातार चलता रहा अभी तक हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते रहते हैं और एक दूसरे की जरूरतो हम लोग पूरा कर दिया करते हैं।



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मेरे सवाल का जवाब चूत मे छुपा था

Antarvasna, kamukta: मां घर की साफ सफाई का काम कर रही थी पापा कमरे से आए और वह मां पर ना जाने किस बात पर चिल्लाने लगे। बचपन से ही मैं उन दोनों के झगड़े देखता आया हूं इसलिए मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था कि वह दोनों आपस में झगड़ते रहते हैं। ना जाने उन दोनों के बीच में क्यों नहीं बनती थी मुझे लगता था कि शायद पापा और मम्मी ने एक दूसरे को कभी समझा ही नहीं है। मां गुस्से में अपने कमरे में चली गई और पापा अब भी ना जाने अपने मुंह के अंदर क्या कह रहे थे मैं अपने दोस्त के घर चला गया। मैं जब उसके घर पर गया तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था यह सब देख कर मुझे लगने लगा था कि मुझे कहीं दूर चले जाना चाहिए। घर में किसी भी चीज की कमी नहीं थी लेकिन उसके बावजूद कमी थी तो सिर्फ प्यार की, घर में प्यार की बहुत कमी थी और उसी की तलाश में मैं इधर-उधर भटकता रहा लेकिन मुझे कभी प्यार मिला ही नहीं। ना तो मुझे मां का प्यार मिला और ना हीं पापा मुझे कभी समझ पाये क्योंकि पापा अपने काम में बिजी रहते थे और मां भी ना जाने कौन से ख्यालों में डूबी रहती थी।

मुझे बचपन से लेकर आज तक कोई समझ नहीं पाया था इसलिए मैं अकेले और तनहा था। मेरा दोस्त मुझे कहने लगा कि क्या तुम मेरे साथ ट्रैकिंग पर चलोगे तो मैंने उसे कहा लेकिन तुम कब जा रहे हो वह मुझे कहने लगा कि हम लोग अगले हफ्ते ट्रैकिंग पर जा रहे हैं यदि तुम्हें भी चलना है तो तुम भी चल सकते हो। मैंने उसे कहा लेकिन हम लोग कहां जाएंगे तो वह मुझे कहने लगा कि हम लोग हिमाचल के एक छोटे से कस्बे में जाने वाले हैं और वहीं पर हम लोग रुकेंगे यदि तुम्हें चलना हो तो तुम बता देना। मैंने अपने दोस्त सुनील से कहा ठीक है मैं तुम्हें बता दूंगा और मैं जब घर लौटा तो उसके बाद भी पापा मम्मी के झगड़ों से मैं परेशान ही था मैं सोचने लगा कि क्यों ना मैं कुछ दिनों के लिए सुनील के साथ ट्रैकिंग पर चला जाऊं। हम लोग मोटरसाइकिल से ही हिमाचल जाने वाले थे और सुनील ने सारी व्यवस्था करवा रखी थी। हम लोग हिमाचल के उस छोटे से कस्बे में पहुंचे वहां का नजारा बहुत ही अच्छा था और वहां पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी इसलिए मुझे भी अच्छा लग रहा था। मैं भी काफी दिनों से सोच ही रहा था कि किसी ऐसी जगह जाऊं जहां पर मुझे अच्छा लगे।

मुझे वहां जाकर बहुत अच्छा लगा और जब हम लोग वहां के एक छोटे से होटल में रुके तो मैंने सुनील से कहा यार मुझे चाय पीनी थी। हम लोगों ने चाय का आर्डर दिया तो वह कहने लगा सर हमे चाय बाहर से लानी पड़ेगी यहां पर खाने की व्यवस्था नहीं है। मैंने सुनील से कहा क्या तुम मेरे साथ बाहर चल रहे हो तो सुनील कहने लगा चलो हम लोग बाहर से ही चाय पी आते हैं। हम दोनों वहां से बाहर निकले क्योंकि ठंड काफी ज्यादा हो रही थी इसलिए मेरा चाय पीने का काफी मन हो रहा था और हम दोनों चाय की टफरी के पास खड़े हो गए और वहां पर हम लोग चाय पीने लगे। हम दोनों चाय पी रहे थे उसके कुछ ही देर बाद मेरी नजर एक बच्चे पर पड़ी वह सड़क के किनारे बड़ी तेजी से दौड़ रहा था मैं दौड़ता हुआ उस बच्चे की तरफ गया और उसे मैंने अपनी गोद में ले लिया। मैंने जब उसे अपनी गोद में लिया तो सामने से एक महिला दौड़ी हुई आई और वह कहने लगी कि आपका बहुत शुक्रिया जो आपने मेरे बच्चे की जान बचाई। मैंने उन्हें कहा कि यह यहां पर कैसे आ गया तो वह मुझे कहने लगे कि मैं कुछ सामान खरीद रही थी तब यह रोड की तरफ चला आया मैंने इधर-उधर देखने की कोशिश की लेकिन मुझे कहीं दिखाई नहीं दिया। कुछ देर बाद उनके पति भी आ गये और वह मुझे कहने लगे कि आपका बहुत शुक्रिया कि आपने मेरे बच्चे की जान बचाई। वह मुझसे पूछने लगे कि आप क्या यहां घूमने के लिए आए हैं तो मैंने उन्हें बताया हां हम लोग यहां घूमने के लिए आए हैं। वह कहने लगे कि हम लोग यहीं पर अपना एक होटल चलाते हैं आप हमारे होटल पर जरूर आइएगा। उनकी यह बात सुनकर मैंने उन्हें कहा हां सर हम लोग कोशिश करेंगे आपके होटल में जरूर आए। मैं और सुनील अपने होटल में चले गए हम लोग वहां पर कुछ देर आराम करने लगे और उसके बाद अगले दिन जब हम लोग वहां से ट्रेकिंग के लिए गए तो मैं काफी ज्यादा थक गया था।

सुनील मुझे कहने लगा कि तुम तो बहुत जल्दी थक गए हो लेकिन जैसे तैसे हम लोगों ने ट्रैकिंग कर ही ली और शाम के वक्त हम लोग होटल में लौटे तो मेरे पैरों में काफी दर्द हो रहा था मैंने सुनील से कहा मेरे पैरों में बहुत दर्द हो रहा है मैं आराम कर रहा हूं। सुनील कहने लगा ठीक है तुम आराम कर लो और मैं रूम में आराम करने के लिए चला गया। अगले दिन हम लोग चाय पीने के लिए उसी टफरी के पास खड़े थे तो मुझे वह व्यक्ति दिखे जिनके बच्चे की मैंने जान बचाई थी वह मुझे कहने लगे कि आप हमारे होटल में नहीं आए। वह मुझसे जिद करने लगे और मुझे अपने होटल में वह लेकर चले गए। मैं जब उनके होटल में गया तो वहां पर मैंने देखा उनका होटल काफी बड़ा था और वहां पर काफी लोग आए हुए थे उन्होंने मुझे कहा आज आप हमारे साथ ही लंच करेंगे। मैंने उन्हें कहा सर रहने दीजिए लेकिन उन्होंने जिद की तो मैं भी कुछ मना ना कर सका और मैंने सुनील से कहा हम लोग आज यहीं लंच कर लेते हैं। सुनील कहने लगा ठीक है और हम लोगों ने उन्हीं के साथ लंच किया वह मेरे बारे में पूछने लगे तो मैंने उन्हें अपने बारे में बताया मेरी उनसे काफी अच्छी बातचीत हो गई थी। वह मुझे कहने लगे कि आप जब भी यहां आए तो मुझे जरूर फोन करिएगा।

उनकी पत्नी भी हमारे साथ बैठी हुई थी मैंने उन्हें पूछा आप लोग यहां कितने वर्षों से होटल चला रहे हैं तो वह कहने लगे कि हमें यहां काफी वर्ष हो चुके हैं। उन्होंने मुझे बताया कि उनके पिताजी ने यह होटल शुरू किया था और उसके बाद वही उस काम को आगे बढ़ा रहे हैं मैं और सुनील अपने होटल वापिस लौटे तो सुनील उनकी तारीफ करने लगा और कहने लगा कि वह लोग बहुत ही अच्छे हैं। मैंने सुनील से कहा वह लोग बहुत अच्छे हैं उन्होंने हमारी बहुत ही अच्छे से खातिरदारी की उसके बाद हम लोग दिल्ली लौटने की तैयारी करने लगे। अब हम लोग दिल्ली पहुंच चुके थे और जब हम लोग दिल्ली लौटे तो घर पर आकर वही मम्मी पापा का झगड़ा दोबारा से होने लगा मैं तो इस बात से बहुत तंग आ चुका था। मुझे कई बार लगता कि मुझे अब अलग ही रहना चाहिए क्योंकि मैं मम्मी पापा के झगड़े को बिल्कुल भी देख नहीं सकता था वह लोग आए दिन झगड़ा करते रहते थे मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं था। मैं सुनील के पास चला गया था सुनील मुझे कहने लगा यार तुम अपने पापा मम्मी के झगड़े से कितना परेशान रहते हो। मैंने उसे कहा यार मुझे क्या करना चाहिए मैं बहुत ही ज्यादा परेशान हो चुका हूं मैंने उन्हें कई बार इस बारे में समझाया लेकिन वह दोनों हमेशा ही एक दूसरे से झगड़ते रहते हैं। सुनील मुझे कहने लगा आज मैं तुम्हें पब मैं ले चलता हूं वहां पर तुम शराब पीना। मैंने आज तक कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाया था लेकिन जब पहली बार मैंने शराब पी तो मुझे अच्छा लगा और उसी दिन मेरी मुलाकात माया भाभी से हो गई। माया भाभी रूप की बेहद ही सुंदर थी वह अपने जीवन में तन्हाई में जी रही थी उनके जीवन में सब कुछ होते हुए भी वह अधूरा महसूस करती थी। उन्होंने मुझे अपने बारे में सब कुछ बता दिया था और कई बार में उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चला जाया करता था अब यह सिलसिला कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था।

जब पहली बार मैंने माया भाभी के बदन की तारीफ की तो वह मुझे कहने लगी क्या तुम मेरे बदन को देखना चाहती हो मैंने उन्हें कहा नहीं रहने दीजिए मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। जब उन्होंने मेरे सामने कपड़े उतारे तो मैं उन्हें देखकर मैं रह ना सका मैंने लपकते हुए उनके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया और उन्हें चूसना शुरू किया। काफी देर उनके स्तनों का रसपान करने के बाद जब मेरे अंदर से पूरी गर्मी बाहर निकलने लगी तो वह मुझे कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है। उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया कुछ देर के बाद जब उन्होंने मुझे कहा आप मेरे लंड को ऐसे ही चूसते रहिए उन्होंने मेरे लंड को काफी देर तक चूसा मेरे लंड से पानी बाहर निकलने लगा। वह मुझे कहने लगी अब मुझे मजा आ रहा है और जब मैंने उनकी चिकनी चूत पर अपने लंड को लगाया वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मैं उन्हें लगातार तेजी से धक्के मार रहा था उनकी चूत के मजे लेना मेरे लिए बड़ा ही मजेदार था।

जिस प्रकार से मै उनको चोदता वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी उनकी चूत के अंदर मैंने अपने वीर्य को गिरा दिया था। उसके बाद तो मैंने अपने लंड क उनकी गांड के अंदर डाल दिया। वह मुझे कहने लगी मेरी गांड काफी समय बाद कोई मार रहा है लेकिन तुम्हारा लंड मेरी गांड के अंदर तक चला गया है इस बात की मुझे बहुत खुशी है। मैंने उनकी चूतडो को कसकर पकड़ा था और अपने लंड को अंदर बाहर करता जा रहा था। मुझे काफी ज्यादा मजा आ रहा था और उन्हें भी बहुत मजा आता ऐसा ही हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक करते रहे लेकिन जब उनकी गांड से आग बाहर निकलने लगी तो मैं शायद उसे झेल नहीं पाया। उन्हें मैंने कहा मैं आपकी गांड की आग को नही झेल पाऊंगा वह मुझे कहने लगी मुझसे भी शायद रहा नहीं जाएगा। कुछ ही क्षणो बाद मैंने अपने वीर्य को जब माया भाभी की गांड के ऊपर गिराया तो मुझे बड़ा मजा आ गया। उसके बाद तो उन्होंने मेरी हर समस्या का समाधान ढूंढ लिया और मैं उनके पास दौड़ा चला जाता हूं।



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शादी से पहले पायल बोली चोदो मुझे

Antarvasna, hindi sex story: काफी समय बाद मैं अपने शहर दिल्ली लौटा था मैं मुंबई में ही अपने मामा जी के साथ काम करने लगा था। मामा जी का फर्नीचर का कारोबार है उसे मैं ही संभालने लगा था क्योंकि मामा जी की कोई भी संतान नहीं है इसलिए उन्होंने मुझे ही अपना वारिश मान लिया है। अब मैं ज्यादातर मुंबई में ही रहता था मेरा परिवार अब भी दिल्ली में ही रहता है और मैं उनके पास बहुत कम आया करता हूं। मैं जब घर आया तो मेरे पापा मम्मी बहुत खुश हो गए और वह कहने लगे कि काफी समय बाद तुम्हें देख कर अच्छा लग रहा है। मैं बहुत समय बाद अपने घर लौट रहा था मेरे बड़े भैया और दीदी दोनों ही खुश थे। वह मुझसे पूछने लगे कि तुम तो मुंबई में ही पूरी तरीके से ढल चुके हो मैंने उन्हें कहा हां भैया मैं मुंबई में पूरी तरीके से ढल चुका हूं। दिल्ली में भी मेरे कुछ पुराने दोस्त हैं जब मैं दिल्ली आया तो मैंने सोचा उनसे मुलाकात कर ही लेता हूं और मैंने उनसे मुलाकात करने के बारे में सोचा लिया।

जब मैं अपने दोस्तों से मिला तो उस वक्त मेरे एक दोस्त ने बताया कि वह जिस लड़की को चाहता था अब उसके साथ वह शादी करने जा रहा है। मैंने कमल से कहा लेकिन अभी तो तुम्हारी उम्र इतनी भी नहीं हुई है कि तुम शादी कर लो लेकिन कमल कहने लगा यार यह दिल का मामला है मुझे लगता है कि मुझे अब रुचि से शादी कर लेनी चाहिए। मैं रुचि से कभी मिला नहीं था लेकिन जब मुझे कमल ने रुचि से मिलवाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी मुलाकात रुचि से हो जाएगी। रुचि से मिलने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी अपने लिए कोई लड़की देख लेनी चाहिए मैं लड़कियों से ज्यादातर दूर ही रहा करता था। मैं अपने काम में ही व्यस्त रहता था इसलिए मुझे ज्यादा समय नहीं मिल पाता था लेकिन कमल और रुचि ने मेरी बहुत मदद की और रुचि के माध्यम से मेरी मुलाकात पायल से हुई। पायल के साथ मेरी पहली ही डेट थी और मुझे घबराहट हो रही थी लेकिन पायल से मिलकर मुझे अच्छा लगा और उसके बाद हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी। हम दोनों एक दूसरे से मिलने भी लगे थे लेकिन मुझे अब मुंबई लौटना था सब एक महीने के दौरान ही हुआ।

मैंने पायल से कहा की मैं कल मुंबई जा रहा हूं तो पायल कहने लगी कि तुम मुंबई से कब आओगे मैंने पायल को कहा फिलहाल तो अभी मैं कुछ कह नहीं सकता लेकिन जब आऊंगा तो तुम्हें जरूर बता दूंगा। पायल कहने लगी मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी और उसके अगले दिन मैं मुंबई चला गया। मैं जब मुंबई गया तो मैं पायल को फोन करता रहता था और पायल से मेरी फोन पर बात होती रहती थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि पायल का रिश्ता उसके पिताजी किसी और लड़के से करवा देंगे पायल अपने मां-बाप के आगे कुछ कह ना सकी। पायल के पिताजी ने अपने ही पहचान के लड़के के साथ पायल की सगाई करवा दी पायल की सगाई हो चुकी थी और मुझे इस बारे में पायल ने बताया नहीं था। पायल मुझसे यह सब छुपा रही थी लेकिन जब मैं दिल्ली आया तो मुझे यह बात पता चली तो मुझे यह सुनकर बहुत ही बुरा लगा। पायल मुझे कहने लगी कि रोहित मैं तुम्हें बताना तो चाहती थी लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कि मैं तुम्हें इस बारे में बता पाऊं। मैंने पायल से कहा देखो पायल तुम्हें कम से कम मुझे यह बात बतानी तो चाहिए थी। पायल कहने लगी यार सब इतने जल्दी में हुआ कि मैं तुम्हें बता भी नहीं पाई मैं अपने पापा के आगे कुछ भी ना कह सकी क्योंकि मुझे बहुत डर लग रहा था यदि मैं पापा को तुम्हारे बारे में बताती तो शायद पापा मुझ पर ही गुस्सा हो जाते इसलिए मैंने उन्हें कुछ भी नहीं बताया। मैंने पायल से कहा देखो पायल तुम मुझसे प्यार करती हो तो तुम्हें एक बार मुझसे तो कहना चाहिए था ना पायल मुझे कहने लगी कि रोहित मैं अब भी तुमसे प्यार करती हूं और मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल भी रह नहीं सकती। मैंने पायल से कहा यदि ऐसा था तो तुम मुझे बताती तो सही लेकिन पायल के पास कोई जवाब नहीं था पायल ने मुझे इस बारे में कुछ बताया भी नहीं बताया। मैं बहुत ही ज्यादा गुस्से में था मैंने पायल से कहा मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी तो पायल कहने लगी ऐसा मत कहो मैंने पायल से कहा तुम ही मुझे बताओ मेरे पास क्या और कोई रास्ता है।

मैं और पायल एक दूसरे से अलग हो चुके थे हम दोनों एक दूसरे से अब कोई भी संपर्क रखना नहीं चाहते थे लेकिन पायल मुझे फोन करने पर लगी हुई थी लेकिन मैं उसका फोन रिसीव नहीं कर रहा था। पायल को अपनी गलती का एहसास था इसलिए तो वह मुझे फोन कर रही थी और मैंने उसका फोन ही नहीं उठाया लेकिन जब पायल ने मुझे मेरे नंबर पर मैसेज किया तो मुझे लगा कि उससे मुझे बात करनी चाहिए। मैं पायल से बात करने के लिए चला गया हम दोनों ने एक दूसरे से बात तो की लेकिन पहले वाला प्यार कहीं भी नहीं था अब सब कुछ बदल चुका था ना तो पायल मेरी हो सकती थी और ना ही मैं पायल से शादी कर सकता था क्योंकि उसके परिवार वालों ने उसके लिए कोई और ही लड़का देख लिया था इसलिए मेरा पायल की जिंदगी से दूर चले जाना ही ठीक था। मैंने पायल से कहा पायल मैं कुछ दिनों बाद मुंबई लौट जाऊंगा वह मुझे कहने लगी कि मेरी गलती की सजा तुम्हें भुगतनी पड़ रही है। मैंने पायल से कहा देखो पायल इसमें तुम्हारी कितनी गलती है यह तो मुझे नहीं मालूम लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है और हम दोनों के रास्ते अब अलग हो चुके हैं।

मैं मुंबई लौट आया था और मुंबई में ही मैं काम करने लगा क्योंकि दिल्ली मेरा जाने का मन ही नहीं हो रहा था और ना ही मैं दिल्ली जाना चाहता था। पायल की अब सगाई हो चुकी थी और वह मुझसे दूर जा चुकी थी उसकी शादी कुछ दिनों बाद ही होने वाली थी। पायल का मुझे फोन आया और वह कहने लगी कि रोहित मुझे तुमसे मिलना है मैंने उसे कहा देखो पायल तुम्हारी सगाई हो चुकी है और कुछ दिनों बाद तुम किसी और की हो जाओगी मैं तुमसे मिलने नहीं आ सकता। पायल चाहती थी कि हम लोग शादी से पहले एक बार तो मिले मैं उसकी बात को मना ना गया और पायल से मिलने के लिए मैं दिल्ली चला गया। जब मैं दिल्ली गया तो पायल से मेरी मुलाकात हुई पायल से मिलना मुझे अच्छा तो लग रहा था लेकिन मेरे चेहरे पर खुशी का भाव नहीं था क्योंकि पायल किसी और की होने वाली थी। पायल ने मुझे गले लगाया और कहने लगी रोहित मैं तुम से हमेशा ही प्यार करती रहूंगी तुम्हारे अलावा मेरे दिल में कभी कोई नहीं रहेगा। मैंने उसे कहा देखो पायल यह सब खोखली बातें हैं शादी के बाद तुम मुझे भूल जाओगे। वह मुझे कहने लगी नहीं मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगी पायल और मेरे होंठ आपस मे टकराने लगे थे और हम दोनों के होंठो से जो गर्मी बाहर की तरफ निकली उसे हम दोनों ही नहीं बच पाए। मैंने पायल को दीवार के साहरे खडा कर दिया था और जब मैं पायल के स्तनों को दबाता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता काफी देर तक मैं ऐसा करता रहा लेकिन जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो पायल ने उसे हाथ में लेते हुए हिलाना शुरू कर दिया और कहने लगी मुझे तुम्हारे स्तनो को दबाने मे अच्छा लग रहा है। वह जिस प्रकार से मेरे लंड को अपने हाथों से हिला रही थी उससे तो मेरा लंड से पानी बाहर निकलने लगा था लेकिन जब पायल ने लंड को मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। पायल ने जिस प्रकार से मेरे लंड को मुंह के अंदर बाहर किया उससे मेरी उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी और पायल भी बहुत खुश नजर आ रही थी।

मैंने पायल से कहा देखो पायल मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं पायल कहने लगी मैं भी तुम्हारे बिना कहां रह पा रही हूं। मैंने जब पायल के कपड़े उतारकर उसके स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी और उसके अंदर भी अधिक जोश बढ़ने लगा था। मैंने पायल कि चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसके मुंह से मादक आवाज निकाल रही थी उसके मुंह से मादक आवाज निकल रही थी। पायल ने मुझे कहा कि मुझे तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लेना है तो मैंने भी पायल की चूत के अंदर अपने लंड को धक्का देते हुए घुसाया तो जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो पायल के मुंह से एक तेज चीख निकलती और वह चिल्लाने लगी। वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है पायल को मजा आ रहा था और उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था उसकी चूत से खून बाहर की तरफ निकल रहा था। मेरे अंदर बहुत ही ज्यादा उत्तेजना बढ़ चुकी थी और मैं लगातार तेजी से पायल को धक्के मार रहा था।

मुझे पायल की चूत टाइट लग रही थी मैं उसके दोनों पैरों को खोलकर उसे तेजी से चोदता जा रहा था। मैंने पायल को कसकर अपनी बाहों में पकड़ा हुआ था लेकिन जब पायल को मैंने दीवार के सहारे खड़ा किया और उसने वहां रखी मेज को अपने हाथो से पकडा। मैं उसके अंदर अपना लंड डाल चुका था मैं बड़ी तेजी से उसको धक्के मारने लगा उसके मुंह से चीख निकल रही थी और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक ऐसा करने के बाद मेरा पानी बाहर निकलने लगा तो वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैं उसे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था पायल की चूतडे मुझसे टकराने लगी थी उसकी चूतडे जब मुझसे टकराती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। मैं लगातार तेजी से उसकी चूत के मजे ले रहा था मैने जब अपने वीर्य को पायल की चूत में गिराया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे अच्छा लग रहा है। पायल और मैं एक साथ तो नहीं है लेकिन फिर भी पायल की यादें मेरे दिल में बसी हुई है और हम दोनों ही एक-दूसरे से अब भी प्यार करते हैं।



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அண்ணி வாயில் சுன்னி

வெளிநாட்டுக்கு சென்ற அண்ணனுக்குப் பதில், இரவு நேரத்தில் அண்ணிக்குக் கூதியில் நாக்குப்போட்டு விட்டு பூலைப் புண்டையில் சொருகி விந்து அடி ஆழம் வரை செல்லும்...

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