Sunday, June 30, 2019

भाभी आपके स्तनो पर अब मेरा अधिकार है

Antarvasna, kamukta: मैं चेन्नई के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था मेरी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद हमारे कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट के लिए कुछ कंपनी आई थी। सब लोग इस बात से बड़े खुश थे कि अब वह लोग एक नया जीवन शुरू करने जा रहे हैं और सब को इस बात की घबराहट भी थी कि क्या उनका कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन पाएगा। जब मैंने अपना इंटरव्यू दिया तो मुझे पूरी उम्मीद थी कि मेरा सिलेक्शन जरूर हो जाएगा और मेरा सिलेक्शन चेन्नई की ही कंपनी में हो गया मैं बड़ा खुश हुआ और जब मैंने यह बात अपने मम्मी पापा से साझा की तो वह लोग बड़े खुश हुए। मेरे माता-पिता जो दोनों ही अभी भी जॉब कर रहे हैं और वह दोनों पिछले 30 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। पापा और मम्मी की मुलाकात नौकरी के दौरान ही हुई और उन दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया पापा और मम्मी ने मुझ पर कभी भी किसी बात का कोई दबाव नहीं डाला। पापा और मम्मी इस बात से बड़े ही खुश थे अब मैं अपनी नई कंपनी ज्वाइन कर चुका था। जब मैं पहले दिन ऑफिस में गया तो पहले ही दिन मेरी ऑफिस में अजय के साथ दोस्ती हो गई अजय से मिलकर मुझे अच्छा लगा और अजय के बारे में धीरे धीरे मुझे अब पता चलने लगा था अजय भी मेरे घर पर अक्सर आया करता है।

मुझे कंपनी में एक वर्ष हो चुका था और इस एक वर्ष का मुझे पता ही नहीं चल पाया कि कब मुझे कंपनी में एक वर्ष हो गया। एक दिन मेरे बॉस ने मुझे कैबिन में बुलाया और कहने लगे कि आकाश मैं तुम्हारे काम से बड़ा खुश हूं और मैं चाहता हूं कि तुम कोलकाता चले जाओ मैंने अपने बॉस से कहा ठीक है सर। मैं उनकी बात टाल नहीं सकता था उन्होंने मेरा प्रमोशन एक वर्ष में ही कर दिया था और मेरी सैलरी भी अब बढ़ चुकी थी लेकिन मेरी तनख्वाह बढ़ जाने की वजह से शायद मैं इतना खुश नहीं था। मुझे अब कोलकाता जाना था जब मैंने यह बात अपने माता पिता को बताई तो वह लोग मुझे कहने लगे कि आकाश बेटा तुम कोलकाता जाकर क्या करोगे और हम लोग तुम्हारे बिना घर में अकेले हो जाएंगे। मैं भी चाहता था कि मैं अपने मम्मी पापा के पास रहूं लेकिन मुझे भी तो अपने ऑफिस में प्रमोशन मिला था और मैं चाहता था कि मैं कोलकाता चला जाऊं और फिर मैं कोलकाता चला गया। हालांकि मम्मी पापा इस बात से बिल्कुल भी खुश नहीं थे परंतु मैं कोलकाता चला गया और अब मैं कोलकाता में ही नौकरी करने लगा।

शुरुआत में मुझे घर ढूंढने में बड़ी तकलीफ हुई लेकिन आखिरकार मुझे घर मिल ही गया मैं जिस जगह पर रह रहा था वहां आस पड़ोस में मेरी कुछ ही दिनों में अच्छी बातचीत होने लगी आस पड़ोस में सब लोग बड़े ही अच्छे थे। अजय से मेरी बात फोन पर होती रहती थी अजय मुझे कहने लगा यार तुम भी कोलकाता चले गए मैंने उसे कहा अब तुम्हें तो पता है कि मुझे प्रमोशन भी मिला था और अब मेरी तनख्वाह भी बढ़ चुकी है तो मैंने सोचा कि कोलकाता ही चले जाते हैं। मैं कोलकाता में ही काम करने लगा लेकिन कुछ दिनों बाद मैंने सोचा कि मम्मी पापा से मिल आता हूं इसलिए मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और कुछ दिनों के लिए मैं मम्मी पापा से मिलने के लिए चला गया। जब मैं मम्मी पापा से मिला तो मम्मी पापा से मिलकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा उन लोगों ने भी कुछ दिनों के लिए ऑफिस से छुट्टी ले ली लेकिन वह लोग ज्यादा दिनों के लिए ऑफिस से छुट्टी ना ले सके। मैं तीन हफ्तों के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर घर आया था मम्मी पापा ने एक हफ्ते की छुट्टी ली थी और उस दौरान हम लोगों ने साथ में अच्छा समय बिताया। मैं घर में अकेला बोर हो जाया करता था मैंने सोचा कि क्यों ना अपने दोस्तों से मिल आता हूं और जब मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए चला गया तो अपने दोस्तो से मिलकर मैं बड़ा खुश हुआ और उसके बाद मैंने अजय से मुलाकात की। अजय मुझसे पूछने लगा कि कोलकाता में कैसा है तो मैंने उसे बताया कि कोलकाता में भी सब कुछ अच्छा है और वहां का माहौल बड़ा ही अच्छा है। मैं शाम को घर लौट आया जब मैं शाम के वक्त घर लौटा तो मम्मी पापा अभी तक ऑफिस से नहीं लौटे थे एक व्यक्ति घर की डोर बेल बजा रहे थे मैं अपने रूम में था मैंने शायद ध्यान नहीं दिया लेकिन जब मैं बाहर आया तो मैंने देखा वह काफी देर से डोरबेल बजा रहे थे।

मैंने उन्हें कहा कि हां भाई साहब कहिए ना क्या काम था तो वह कहने लगे कि मुझे आपके पड़ोस में कोई बता रहा था कि आपके घर में किराए के लिए कमरा खाली है। मैंने उन्हें कहा हां कमरा तो खाली है लेकिन आपके साथ और कौन-कौन रहने वाला है वह कहने लगे कि मेरी शादी कुछ समय पहले ही हुई है मेरी पत्नी मेरे साथ रहेगी। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं इस बारे में अपनी मम्मी और पापा से बात कर लेता हूं आप मेरा नंबर ले लीजिए। मैंने उन्हें अपना नंबर दे दिया और वह कहने लगे कि ठीक है पूछकर मुझे बता दीजिएगा। थोड़ी ही देर बाद मम्मी पापा आ गए मैंने उनसे जब इस बारे में कहा तो उन्होंने मुझे कहा कि ठीक है बेटा तुम उन्हें फोन कर के कल आने के लिए कह देना कल हम लोग घर पर ही रहेंगे। मैंने उन व्यक्ति को फोन किया और कहा कि आप कल घर पर आ जाइएगा तो वह कहने लगे ठीक है मैं कल सुबह ही आपसे मिलने के लिए आ जाऊंगा। अगले दिन सुबह ही वह मिलने के लिए आ गए पापा ने उनसे जब उनके बारे में पूछा तो उन्होंने अपना नाम और अपने बारे में बताया उनका नाम मनोज है। वह कहने लगे कि मैं कल अपना सामान शिफ्ट कर देता हूं इस बात से मम्मी पापा को कोई भी आपत्ति नहीं थी और उन्होंने अगले दिन अपना सामान शिफ्ट करने के बारे में सोच लिया था।

अगले दिन वह लोग अपना सामान शिफ्ट करने के लिए आ गए उनके साथ उनकी पत्नी भी थी मैंने भी उनकी काफी मदद की क्योंकि मैं उस दिन घर पर ही था। अब वह लोग अपना सामान शिफ्ट कर चुके थे तो मैंने उन्हें कहा कि मैं आप लोगों के लिए चाय बना देता हूं वह कहने लगे कि नहीं रहने दीजिए लेकिन मैंने उन्हें घर पर बुला लिया और उनके लिए मैंने चाय बना दी। उनकी पत्नी मुझे कहने लगी कि आपने बेवजह ही कष्ट किया आपको हमारी वजह से तकलीफ हुई मैंने उन्हें कहा नहीं इसमें कोई तकलीफ की बात नहीं है। मैं कुछ दिनों तक घर पर ही रुकने वाला था और इसी दौरान अजय का एक दिन मुझे फोन आया अजय ने मुझे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है तो मैं अजय से मिलने के लिए चला गया। मैं जब अजय से मिला तो अजय ने मुझे कहा कि मैं यह कंपनी छोड़ रहा हूं मैंने उसे कहा लेकिन तुम क्यों छोड़ रहे हो। वह कहने लगा कि बस कुछ मेरी पारिवारिक समस्या है जिस वजह से कंपनी छोड़नी पड़ रही है और कुछ समय के लिए मैं घर पर ही रहूंगा। मैं अजय के साथ काफी देर तक बैठा रहा और फिर मैं अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर लौटा तो उस वक्त मनोज घर पर ही थे। मनोज मुझे कहने लगे आकाश आज आप कहीं चले गए थे? मैंने उन्हें कहा हां मैं आज अपने दोस्त से मिलने के लिए चला गया था मैं मनोज के साथ बात कर रहा था तो उनकी पत्नी कविता भाभी भी कहने लगी मनोज आप कही जाने वाले थे? मैंने उनसे पूछा आप कहां जा रहे हैं? वह कहने लगे मुझे कुछ जरूरी काम से जाना है और मनोज कुछ देर बाद चले गए। मैं जब छत पर गया तो मैंने देखा उस वक्त कविता भाभी छत पर ही थी। जब वह छत पर थी तो मैं उन्हें देख रहा था वह मेरे पास आकर मुझसे बात करने लगी। मैं उनके सुडौल स्तनो को देख रहा था मेरे अंदर से यह इच्छा जाग रही थी कि मैं उनके स्तनों पर अपने हाथ को लगा दूं। मुझे क्या पता था जैसे ही मैं उनके बूब्स पर हाथ लगाऊंगा तो वह भी मुझसे चूदने के लिए तैयार हो जाएंगी। मैंने जब अपने हाथों को उनके बूब्स पर लगाया तो वह मुझसे चूत मरवाने के लिए तैयार हो गई मुझे वह अपने रूम में ले गई।

जब मैंने उनकी साड़ी को ऊपर करते हुए उनकी जांघ को दबाना शुरू किया तो वह मचलने लगी मैंने उनके होंठों को बहुत देर तक चूमा और उनके ब्लाउज को खोलते हुए जब मैने उनकी ब्रा को उतार दिया तो उनके स्तन मैं अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। उनके बूब्स को चूसने में मुझे बड़ा आनंद आ रहा था और उनके बड़े बड़े बूब्स को जब मैं अपने मुंह में लेता तो वह भी मुझसे कहती और चूसो। मैंने उन्हें कहा आप मेरे लंड को चूसो? उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर मेरे लंड का पूरा जूस बाहर निकाल दिया वह मेरे लंड को चूस रही थी। मुझे ऐसा लगा जैसे उनको लंड को चूसने में महारत हासिल हो मैंने भी उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली डाली तो वह अपने पैरों से मुझे दबाने की कोशिश करने लगी। मैंने उनकी गर्मी बढ़ाने के लिए उनकी चिकनी चूत को चाटना शुरू किया उनकी चिकनी चूत को चाटकर मेरे अंदर की गर्मी बढ रही थी उससे मुझे बड़ा ही आनंद आ रहा था। मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अंदर घुसाना शुरू किया धीरे-धीरे मेरा लंड उनकी चूत के अंदर जा चुका था।

अब उनके मुंह से चीख निकल रही थी वह मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रही थी मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर होता तो मुझे बड़ा ही मजा आता। वह मुझे अपने दोनों पैरों के बीच मे जकडने की पूरी कोशिश करती लेकिन मैंने भी उनको बहुत तेजी से चोदा वह मुझे कहती आप मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहिए मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था और जब मैं उनकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करता तो मेरा लंड उनकी चूत की दीवार से टकरा रहा था और उनकी चूत से एक अलग ही प्रकार की आवाज आती। मैंने उन्हें कहा भाभी आप तो बड़ी कमाल है, वह कहने लगी आज तो आपने मेरे बदन की गर्मी को महसूस कर ही लिया है आज के बाद जब भी मुझे जरूरत होगी तो मैं आपको बुला लिया करूंगी। इस बात से मैं बड़ा खुश था उन्होंने कहा लेकिन मैं तो कुछ दिनों बाद चला जाऊंगा? वह कहने लगी कोई बात नहीं हम लोग फोन पर भी बात करते रहेंगे। वह अपने मुंह से जिस प्रकार की मादक आवाज मे सिसकिया निकाल रही थी उससे मेरा वीर्य बाहर आने लगा। मेरा वीर्य जब गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को उनके मुंह के अंदर ही डाल दिया। कविता भाभी के साथ सेक्स करने का मजा बड़ा ही अच्छा था जितने दिन में घर पर था तो भाभी को चोदता था। अब मै वापस लौट चुका था।



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Family Mein Chudai Ke Maze – Part 12

Mom jab chay dene jhuki to boobs ki drar puri dikh gai. Mom mudi to maine mom ko fat se kheench kr apni god mein bitha kr boobs daba diye.

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Meri Ammi Ka Halala – Part 1

Meri ammi se dobara shaadi karne ke liye, mere abu ne apne ek dost ki madad li. Par usnke dost kaise unko double cross kar gya is story me janiye.

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அக்கா நிஷா, தங்கை உஷா ஒத்த கதை – பகுதி 2

அக்கா மற்றும் தங்கை உஷார் செய்தேன். அக்காவின் சூத்தில் மேட்டர் அடித்துக் கொண்டு தங்கையின் கூதிக்கு நாக்கு போட்டேன்.

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Amit Uncle Aur Rohit Bhaiya Se Chuda – Part 9

Rohit Bhaiya ki kahani. Rohit bhaiya aur unke papa ke ek hone ki kahani. Padhiye aur dekhiye kaise baap bete ek dusre ka sahara bane.

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Sex Games With Office Colleagues – Part 1

Ye kahani Meri aur meri roommate ke sex games ki hai jaha hamne apne 2 office colleagues ko bula ke unke saath kafi naye aur mazedaar sex games khele.

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Sex Story Reader Aliya Ki Bharpur Chudai

Meri kahani last padhne ke baad ek ladki ka mail aaya. Wo mujhse chudna chhati thi. Jab main uske ghar gya, toh wo ek dam akeli thi.

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Saturday, June 29, 2019

Maya Ka Saya – Episode 4

Maya aur Mohit phir se akele the aur aakhirkaar Mohit bhi Maya ki baaton me aa kar bahak gaya aur Dimple ko dhokha de hi diya.

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Family Mein Chudai Ke Maze – Part 11

Maine soch liya ki aaj mom ko real mein hi chodna hai. Maine ek plan bna liya, Mom ko maine apne room mein bula kr gift diya.

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அக்கா நிஷா, தங்கை உஷா ஒத்த கதை – பகுதி 1

கல்லூரியில் டீச்சரை வாயில் சுன்னியை இறக்கி அடித்து விட்டு, அதே வேகத்தில் பெரியப்பா வீட்டில் இருக்கும் அக்கா மற்றும் தங்கையை ஒக்கச் சென்றேன்.

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Sabji Wali Ki Chut Me Diya Bada Loda

Meri shop ke bahar ek chalu sabji wali aurat baitha karti thi. Wo bahot hi khuli aur hot aurat thi, ek din raat ko barish aa gyi. Aur wo meri shop me ruki!

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Mummy Ko Banya Apni Personal Rand

Mere dost ne jab mujhe btaya ki usne apni sagi bua ki chudai kar di hai. Toh uski baat sun kar mere ander bhi apni pyasi maa ko chodne ki himmat aa gyi.

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Maya Ka Saya – Episode 3

Maya ne mohit ko bahut maja dilaya. Mohit do ladkiyo ke beech fans chuka tha aur koi raasta nahi sujh raha tha. Phir dimple ne mohit ko bina protection chodne ka laalach diya aur ek bahut bada surprise bhi..

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दोस्त की ठरकी पत्नी की ठरक

Antarvasna, hindi sex story: मेरे दोस्त ने मुझे डिनर पर इनवाइट किया था मैं अपनी पत्नी को लेकर अपने दोस्त के घर गया जब मैं अमित के घर पहुंचा तो मेरी पत्नी कहने लगी कि अमित का घर तो बहुत ही अच्छा है। मेरी पत्नी अमित से एक दो बार पहले भी मिल चुकी थी लेकिन मैं अमित की पत्नी से पहली बार ही मिलने वाला था। अमित और मेरी दोस्ती काफी पुरानी है लेकिन अमित का परिवार इंदौर रहने के लिए चला गया था काफी वर्ष वह लोग इंदौर में रहे और जब अमित की शादी हो गई तो उसके बाद अमित की नौकरी बेंगलुरु में लग गई। जब हम लोग अमित के घर पर गए तो अमित की पत्नी और अमित ने हम लोगों का बड़ा ही अच्छे से स्वागत किया। अमित ने अपनी पत्नी से हम लोगों का परिचय करवाया अमित ने मुझसे कहा कि यह मेरी पत्नी आकांक्षा है अमित की पत्नी आकांक्षा भी हम लोगों से मिलकर बड़ी खुश थी। अमित ने मेरे और मेरी पत्नी का परिचय भी आकांक्षा से करवाया अमित की शादी को अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। हम लोग अमित के घर देरी से पहुंचे थे तो मैंने अमित से कहा कि अमित हम लोगों को जल्दी घर निकलना होगा। अमित कहने लगा कि अभी तो तुम लोग आए हो हम लोगों ने जल्दी से डिनर किया और उसके बाद हम लोग अपने घर वापस लौट आए।

जब हम लोग घर वापस लौटे तो मैंने देखा घर की लाइट अभी तक खुली हुई थी जैसे ही हम लोगों ने दरवाजे की डोर बेल को बजाया तो मम्मी ने तुरंत दरवाजा खोल लिया और मम्मी कहने लगी कि बेटा तुम लोग बड़ी जल्दी आ गए। मैंने मम्मी से कहा मम्मी आप अभी तक सोए क्यों नहीं हैं मम्मी कहने लगी कि बेटा मुझे नींद नहीं आ रही थी और ना जाने मुझे क्यों अजीब सी बेचैनी हो रही है। मैंने मम्मी को कहा मम्मी आप सो जाती मम्मी कहने लगी कि बेटा मुझे अजीब सी बेचैनी हो रही है और मुझे ऐसा लग रहा है कि शायद मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है। मैंने मम्मी को कहा कि आप को डॉक्टर के पास ले कर चलना है वह कहने लगी कि नहीं बेटा मुझे डॉक्टर के पास तो नहीं जाना लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी ना जाने मुझे एक बुरा स्वप्न हुआ जिसकी वजह से मेरी नींद खुल गई और उसके बाद मुझे नींद ही नहीं आई।

काफी देर तक हम लोग मम्मी के साथ बैठे रहे जब मम्मी को नींद आने लगी तो मम्मी रूम में चली गई और वह सो चुकी थी मैं और कविता अपने कमरे में आकर सो चुके थे क्योंकि हम लोगों को भी नींद आ रही थी। अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो मैंने कविता को कहा क्या आज अखबार वाला नहीं आया तो कविता कहने लगी कि नहीं राजेश आज अखबार वाला नहीं आया। मैंने कविता से कहा ना जाने आज वह क्यों नहीं आया तो कविता कहने लगी कि बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है शायद इसी वजह से वह नहीं आया होगा। मैंने जब घर के बाहर देखो तो बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी कविता मुझे कहने लगी कि आज तो बहुत तेज बारिश हो रही है। मुझे ऑफिस भी जाना बहुत जरूरी था और मैं अब ऑफिस के तैयार होने लगा। मैं ऑफिस के लिए तैयार हो चुका था और मैं नाश्ता कर ही रहा था कि अमित का फोन मुझे आया और वह कहने लगा कि राजेश क्या तुम मुझे लेने के लिए घर पर आ जा सकते हो। मैंने उसे कहा अमित लेकिन घर पर सब ठीक तो है ना अमित कहने लगा हां राजेश सब कुछ ठीक है लेकिन मेरी कार आज स्टार्ट ही नहीं हो रही है तो मैं सोच रहा हूं कि यदि तुम मुझे मेरे ऑफिस तक छोड़ देते तो अच्छा रहता। मैंने अमित को कहा ठीक है मैं अभी थोड़ी देर बाद घर से निकलता हूं अभी मैं नाश्ता कर रहा हूं, जैसे ही मैंने नाश्ता खत्म किया तो मैं अमित को लेने के लिए उसके घर चला गया। मैं अमित के घर पहुंचा तो अमित तैयार हो चुका था लेकिन बारिश काफी तेज हो रही थी तो अमित ने कहा थोड़ी देर हम लोग रुक जाते हैं। थोड़ी देर के लिए हम लोग अमित के घर पर ही रुक गए लेकिन बारिश अभी तक रुकी नहीं थी मुझे भी अपने ऑफिस के लिए देर हो रही थी इसलिए अमित ने मुझे कहा कि चलो राजेश हम लोग अब ऑफिस निकलते हैं। मैंने अमित को उसके ऑफिस छोड़ा और वहां से मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा मैं अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो सब लोग सिर्फ बारिश के बारे में ही चर्चा कर रहे थे क्योंकि बारिश रुक ही नहीं रही थी और सड़कों पर बहुत ज्यादा जाम लगने लगा था जिसकी वजह से कई लोग अभी तक ऑफिस नहीं पहुंचे थे। हमारे बॉस भी ऑफिस नहीं पहुंचे थे लेकिन हम लोगो का काम शुरू हो चुका था दोपहर के वक्त भी बारिश नहीं रुकी थी उस दिन समय ऐसा लग रहा था जैसे कि बड़ी धीमी गति से चल रहा है।

शाम के 5:00 बजे थे तो अमित का मुझे फोन आया और अमित कहने लगा कि राजेश तुम मुझे लेने के लिए ऑफिस में आ जाओगे मैंने अमित को कहा ठीक है अमित मैं तुम्हारे ऑफिस में तुम्हें लेने के लिए आ जाऊंगा। मैं अपने ऑफिस से 6:30 बजे निकल चुका था और अमित के ऑफिस पहुंचने में मुझे करीब आधा घंटा लग गया। मैं अमित के ऑफिस पहुंचा अमित अपने ऑफिस के बाहर ही मेरा इंतजार कर रहा था अमित जल्दी से मेरी कार में बैठा और हम दोनों घर की तरफ निकल पड़े लेकिन रास्ते में अचानक कार बंद हो गई। बारिश रुकी नहीं थी मैंने अमित से कहा अमित अभी हमें क्या करना चाहिए तो अमित कहने लगा थोड़ी देर हम लोग यही इंतजार करते हैं क्योंकि बाहर तो काफी तेज बारिश हो रही है। करीब 15 मिनट तक हम दोनों बारिश रुकने का इंतजार करते रहे लेकिन अभी तक बारिश रुकी नहीं थी आखिरकार मुझे देखना ही पड़ा कि कार में क्या दिक्कत आई है परंतु मुझे कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था और मैं पूरी तरीके से भीग चुका था।

अमित मुझसे कहने लगा कि मुझे लगता है कि हमें किसी को यहां बुलाना चाहिए मैंने अमित से कहा लेकिन इस वक्त कौन मकैनिक हमारे पास आएगा बारिश काफी तेज हो रही है। हम लोगों ने एक व्यक्ति से लिफ्ट मांगी और हम लोग आगे तक गए थोड़ी ही दूरी पर एक सर्विस सेंटर था वहां पर जब हम लोगों ने दुकान के मालिक से बात की तो वह हमारे साथ आने के लिए तैयार हो गए। जब वह हमारे साथ आए तो उन्होंने हमारी कार थोड़ी देर में ही ठीक कर दी हम लोग अब घर के लिए निकल चुके थे क्योंकि काफी देर हो चुकी थी इसलिए कविता का फोन मुझे बार-बार आ रहा था। जब हम लोग अमित के घर पहुंचे तो आकांक्षा कहने लगी कि आप अपने कपड़े बदल लीजिए अमित ने भी कहा कि हां आकांक्षा ठीक कह रही है। मैंने भी सोचा कि मुझे अपने कपड़े वाकई में बदल लेना चाहिए क्योंकि मुझे यज डर था कि कहीं मेरी तबीयत खराब ना हो जाए। अमित ने मुझे कपड़े दिये मैंने कपड़े चेंज कर लिए आकांक्षा ने मेरे लिए और अमित के लिए गरमा गरम चाय बनाई। अमित और मैंने चाय पी उसके बाद हम दोनों साथ में बैठकर बात करने लगे बारिश होने लगी थी लेकिन आकांक्षा कहने लगी कि आज आप यही खाना खा लीजिए। आकांक्षा ने मेरे और अमित के लिए खाना बना दिया हम दोनों ने खाना खाया। जब मैं बाथरूम में गया तो उस वक्त बाथरूम का दरवाजा खुला ही था मैं बाथरूम में गया तो मैंने देखा आकांक्षा बाथरूम में थी। जब वह बाथरूम में थी तो वह मेरी तरफ देखने लगी मैं भी उसके गोल और सुडौल स्तनों को देखकर अपनी नजर उसके स्तनों से हटा ना सका और उसके स्तनों को मैंने दबा दिया वह भी उत्तेजित हो गई थी। मैंने उसको होठों को चूम लिया उसके होठों का रसपान करने में मुझे बड़ा आनंद आ रहा था बहुत देर तक मैं उसके होठों को चूमता रहा लेकिन वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी।

मैंने उसकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाला जब मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला तो उसे भी मजा आने लगा और तभी अमित की आवाज हम दोनों को सुनाई दी हम दोनों जल्दी से बाथरूम से बाहर निकले। मेरा लंड एकदम खड़ा हो चुका था मैंने अपने लंड को अपने अंडरवियर के अंदर डालने की कोशिश की लेकिन वह अंडरवियर से बाहर आने की कोशिश कर रहा था थोड़ी देर बाद मेरा लंड अपने आप ही सो गया। जब मैं अपने घर गया तो आकांक्षा का फोन मेरे नंबर पर आया आकांक्षा ने मुझे कहा कि आज तुमने मेरे बदन की गर्मी को बढ़ा दिया है। अगले दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली अमित अपने ऑफिस जा चुका था मेरे पास बहुत ही समय था। मैं जब आकांक्षा के पास गया तो आकांक्षा मुझे देखकर खुश हो गई मैंने जब आकांक्षा को अपनी बांहों में लिया तो मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया और उसके होठों को चूम कर मुझे बड़ा ही आनंद आ रहा था बहुत देर तक मैं उसके होंठों का रसपान करता रहा उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेने की बात कही मैंने उसके मुंह के अंदर अपने लंड को घुसा दिया।

मेरा लंड आकांक्षा के मुंह के अंदर जा चुका था जिस प्रकार से वह मेरे लंड का रसपान कर रही थी मुझे बड़ा आनंद आ रहा था थोड़ी देर बाद मैंने आकंक्षा की चूत मे अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करना शुरू किया आकांक्षा की चूत से पानी निकलने लगा था। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मुझे गर्मी का एहसास होने लगा। आकांक्षा को मैंने घोड़ी बनाया हुआ था जब उसकी चूत के अंद मेरा लंड चला गया तो मैं उसे बडी तेजी से धक्के मारने लगा मैं उसे बहुत ही तेजी से धक्के मार रहा था मुझे उसे चोदने में बड़ा आनंद आता उसकी चूतडे मेरे लंड से टकरा रही थी। जिस प्रकार से उसकी चूतडो का रंग लाल होने लगा था उससे मेरे अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैं अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था काफी देर तक मैं ऐसा ही करता रहा लेकिन जब मैंने अपने वीर्य को उसकी चूत के अंदर गिराया तो वह बड़ी खुश हो गई और कहने लगी आज तो तुमने मेरी गर्मी को मिटा दिया आगे भी तुम ऐसे ही मेरी गर्मी को मिटाते रहना। उसे मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने में बड़ा मजा आया था वह आगे भी इसी उम्मीद में थी कि मैं उसको चोदता रहूंगा। मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं आकांक्षा के पास चला जाया करता।



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Friday, June 28, 2019

आंखो के सामने गोरा बदन

Antarvasna, kamukta: मैंने पायल को मैसेज करते हुए कहा कि तुम मुझे कॉलेज के बाहर मिलना पायल ने मेरे मैसेज का जवाब दिया और कहा ठीक है मैं तुम्हें कॉलेज के बाहर मिलती हूं। मैं अपनी क्लास से बाहर निकला और गेट के बाहर ही मैं पायल का इंतजार करने लगा लेकिन अभी तक पायल आई नहीं थी जब पायल आई तो वह मुझे कहने लगी कि आकाश क्या कोई जरूरी काम था। मैंने उसे कहा हां मुझे एक जरूरी काम था लेकिन तुम आजकल मुझसे मिल ही नहीं रही हो पायल मुझे कहने लगी कि आकाश जब से मेरी दीदी ने हम दोनों को साथ में देखा है तब से मुझे बहुत डर लग रहा है। पायल ने मुझे बताया कि उसके पापा ने उसे घर पर बहुत डांटा था और इस बात से पायल बहुत डरी हुई थी मैंने पायल को कहा पायल तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। पायल मुझे कहने लगी कि आकाश तुम्हें नहीं पता मेरे पिताजी कितने सख्त मिजाज हैं और यदि उन्होंने हमें कभी साथ में देख लिया तो शायद उसका अंजाम मुझे भी नहीं पता।

मैंने पायल को कहा लेकिन पायल यदि तुम ऐसे ही डरती रही तो हम दोनों का रिश्ता कैसे आगे बढ़ेगा वह मुझे कहने लगी कि आकाश मैं तुमसे प्यार करती हूं और तुम्हारे साथ मैं अपने रिश्ते को आगे भी बढ़ाना चाहती हूं लेकिन मैं डरती भी हूं कि कहीं यह बात पापा को पता चली तो वह तुम्हें कोई नुकसान ना पहुंचाएं। मैंने पायल को कहा पायल तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है पायल मुझे कहने लगी कि आकाश तुम तो जानते ही हो कि पापा पुलिस में है और किस प्रकार से उनका गुस्सा है। मैंने पायल को कहा पायल लेकिन हम लोग आपस में बात तो कर सकते हैं तुम तो मुझसे बात भी नहीं कर रही हो। पायल कहने लगी अच्छा बाबा मैं तुमसे बात करूंगी लेकिन तुम बार-बार मुझे फोन मत किया करो घर में सब लोग होते हैं और यदि किसी ने मेरा फोन देख लिया तो वह भी ठीक नहीं है मैंने पायल को कहा ठीक है पायल मैं तुम्हें बार-बार फोन नहीं किया करूंगा। हम दोनो एक दूसरे से बड़े छुपकर मिला करते क्योंकि पायल हमारी ही कॉलोनी में रहती थी इस वजह से मुझे भी डर था कि कहीं उसके पापा ने हम दोनों को देख लिया तो शायद यह ठीक नहीं होगा और पायल से मैं बहुत प्यार भी तो करता हूं।

पायल इस बात को अच्छे से जानती है कि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं इसीलिए तो उसने हमेशा ही मेरा साथ दिया है हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते हैं। पायल को मैं काफी समय से जानता हूं जब पहली बार मैंने कॉलेज में पायल को अपने दिल की बात कही तो पायल ने पहले मेरे प्रपोजल को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में उसे स्वीकार करना पड़ा। पायल और मैं एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं लेकिन हम दोनों की मजबूरियां हैं जो कि हम दोनों को मिलने नहीं देती। पायल की मजबूरी यह है कि यदि उसके पिताजी को इस बारे में पता चला तो उसके पिताजी उसे कॉलेज भी नहीं आने देंगे और मेरी मजबूरी यह है कि मुझे अपने घर की जिम्मेदारियों को देखना है। मेरे पिताजी जो कि शराब के नशे में चूर रहते हैं जिस वजह से घर का माहौल काफी खराब रहता है और कई बार घर में झगड़े भी हो जाते हैं मेरी मां इस बात से बहुत परेशान हैं घर में मैं ही बड़ा हूं इसलिए मुझे ही घर की जिम्मेदारी संभालनी है। मैं अपना कॉलेज खत्म होने के बाद कोई नौकरी करना चाहता था लेकिन अभी मेरा कॉलेज खत्म नहीं हुआ था यह मेरे कॉलेज का आखरी ही वर्ष था और मैं चाहता था कि जल्दी से मैं नौकरी कर के अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकूं। पिताजी ने हमेशा अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया था क्योंकि उनकी शराब की लत की वजह से वह काम पर भी नहीं जाते जिस वजह से मां बहुत ज्यादा परेशान रहने लगी थी। मां हमेशा ही मुझसे कहती की बेटा तुम अपनी पढ़ाई पूरी कर के जल्दी से कुछ कर लो मैं अब बहुत ज्यादा परेशान रहने लगी हूं। मुझे भी लगने लगा था कि मां बहुत परेशान रहती है और मुझे भी जल्द से जल्द कुछ करना था परंतु कॉलेज की पढ़ाई खत्म नहीं हुई थी। पायल ने हमेशा ही मेरा साथ दिया और वह मुझे हमेशा ही समझाती कि तुम अपने जीवन में जरूर कुछ अच्छा कर लोगे लेकिन हमारे घर की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी मां की तबीयत भी काफी दिनों से खराब थी और उसी बीच मेरे एग्जाम भी नजदीक आ गए थे। मां काफी दिनों से काम पर नहीं जा पा रही थी इसलिए घर में राशन भी खत्म होने लगी थी मैंने मां से कहा कि मां आप काफी परेशान नजर आ रही हैं तो मां ने मुझे बताया कि बेटा घर में राशन भी खत्म होने वाली है और मेरे पास पैसे भी नहीं बचे हैं।

मैंने मां से कहा मां मैं कोशिश करता हूं कि कहीं से कुछ पैसों का बंदोबस्त हो जाए मां ने मुझे कहा लेकिन आकाश बेटा तुम कहां से पैसों को बंदोबस्त करोगे मैंने मां से कहा मां मैं कोशिश करता हूं कि कहीं से कुछ बंदोबस्त हो सके। मैं बहुत ज्यादा परेशान था और उसी वक्त मेरे एग्जाम भी चल रहे थे इससे मेरे एग्जाम पर भी असर पड़ रहा था मेरे एग्जाम खत्म होने वाले थे लेकिन अभी तक पैसों का कोई बंदोबस्त नहीं हो पाया था मैं काफी ज्यादा परेशान था। पायल ने मुझसे मेरी परेशानी का कारण पूछा तो मैंने पायल को अपनी परेशानी का कारण नहीं बताया परंतु पायल ने जब मुझे कहा कि तुम्हें मुझे बताना ही पड़ेगा की आखिरकार क्या बात है जो तुम इतना परेशान नजर आ रहे हो। फिर मुझे पायल को सब कुछ बताना पड़ा और मैंने पायल को इस बारे में बताया कि हमारे पास पैसे नहीं हैं और घर में स्थिति बिल्कुल खराब हो चुकी है। पायल ने मुझे कहा कि तुम इतने दिनों से क्या मुझे यह बात नहीं बता सकते थे मैंने पायल को कहा लेकिन पायल तुम भी मेरी क्या मदद करती।

पायल मुझे कहने लगी कि मैं हर महीने अपने पास कुछ पैसे जमा कर लिया करती हूं और पायल ने अगले दिन मुझे वह पैसे ला कर दिए मैंने पायल को पहले तो मना किया लेकिन पायल ने मुझे कहा कि तुम्हें यह पैसे रखने ही पड़ेंगे। पायल की इज्जत मेरी नजरों में अब और भी बढ़ चुकी थी जिस प्रकार से पायल ने मेरी मदद की उससे कुछ समय तक तो मेरे घर का खर्चा चल पाया लेकिन यह अस्थाई रूप से था मैं चाहता था कि मैं नौकरी करने लगूं। मेरे कॉलेज की पढ़ाई भी अब पूरी होने लगी थी मां भी काम कर रही थी लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मां अब काम कर करें इसलिए मैंने भी अब नौकरी की तलाश शुरू कर दी आखिरकार मुझे नौकरी मिल ही गई। ऑफिस में मेरा पहला दिन था जब मैं अपने ऑफिस के लिए जा रहा था तो उस वक्त पायल मुझे मिली और पायल ने मुझे मेरे जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। मैंने पायल को कहा यह सब तुम्हारी वजह से ही तो हो पाया है मैं ऑफिस से पहले दिन लौटा तो पायल ने मुझसे पूछा तुम्हारा ऑफिस कैसा रहा। मैंने उसे बताया सब कुछ अच्छा था धीरे-धीरे समय बीतता जा रहा था। समय बड़ी तेजी से बितता जा रहा था लेकिन पायल की इज्जत दिन-ब-दिन मेरी नजरो में बढ़ती जा रही थी हम दोनों चोरी छुपे एक दूसरे से मिलते। जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो मुझे बड़ा अच्छा लगता एक दिन पायल और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैंने पायल की जांघ पर हाथ रख दिया और पायल के होठों को मैंने चूम लिया। पायल भी अपने आपको बिल्कुल रोक ना सकी वह मुझे कहने लगी आकाश यह सब अभी से ठीक नहीं है मैंने पायल को समझाया पायल मेरी बात मान गई। जब हम दोनों एक साथ एक ही कमरे में थे तो मैंने पायल के होठों को बहुत देर तक चूमा उसके नरम और गुलाबी होठों को जिस प्रकार से मैं चूम रहा था उससे मेरे अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ रही थी। पायल से मैं दिल से प्यार करता था इसलिए मैं चाहता था कि पायल के साथ अपने सेक्स संबंध को बड़े ही अच्छे से करूं। मैंने पायल से कपड़े उतारने को कहा तो पायल ने अपने कपड़े उतार दिए अब वह मेरे सामने नग्न खड़ी थी उसकी ब्रा और पैंटी को मैंने उतारना शुरू किया।

जब मैंने पायल की पैंटी और ब्रा को उतार दिया तो उसके गोरे स्तनों को देखकर मैंने उन्हें अपने हाथों से दबाना शुरू किया वह मचलने लगी थी। मैंने पायल को कहा तुम्हारे स्तन बड़े ही कमाल के हैं और यह कहते ही मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया मैं उसके स्तनों का रसपान करता उसके स्तनों पर मैंने अपने प्यार की निशानी को भी छोड़ दिया। पायल के निप्पल को मैंने बहुत देर तक चूसा मैं धीरे-धीरे पायल की चूत की तरफ बढ़ा और पायल की चूत को जब मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था। पायल ने अपने दोनों जांघों के बीच में मेरे मुंह को दबा लिया वह कहने लगी थोड़ा और अच्छे से चाटो? मैं पायल की चूत को चाट रहा था उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।

वह मेरे 9 इंच मोटे लंड को बाहर लेना चाहती थी उसने अपने मुंह के अंदर लंड को उतार लिया था जिस प्रकार से वह मेरे लंड का रसपान कर रही थी उससे तो मुझे बड़ा आनंद आ रहा था बहुत देर तक उसने मेरे लंड का रसपान किया। जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर धीरे-धीरे प्रवेश करवाना शुरू किया तो पायल की सील पैक चूत से खून आना शुरू हो गया उसकी सील पैक चूत के बाहर की तरफ खून निकाल रहा था मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे मैंने बड़ी तीव्र गति से धक्के देने शुरू किए। पायल के चेहरे पर खुशी थी और उसकी आंखों को मैं देख रहा था उसकी आंखो में मुझे प्यार नजर आ रहा था जो कि हमेशा से मेरे लिए था। मैंने पायल के होंठों को चूमा और उसे मैं तेजी से धक्के मारता रहा जिस गति से मैं उसे धक्के मार रहा था उससे उसकी चूत से पानी निकल रहा था और उसे बड़ा ही मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझसे ज्यादा देर तक रहा नहीं जाएगा। पायल की चूत और मेरे लंड की रगडन से जो गर्मी पैदा हो रही थी उस से हम दोनों ही नहीं बर्दाश्त कर पाए और मैने वीर्य को पायल की कोमल और मुलायम चूत में गिरा दिया। मैंने पायल के माथे को चूमा और कुछ देर हम दोनों एक साथ लेटे रहे पायल मेरी बाहों में आकर लेट चुकी थी उसने मुझे अपने दिल में पूरी तरीके से बसा लिया था।



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Family Mein Chudai Ke Maze – Part 10

Bahut sari pyaasi mom ne apne dil ki baat btakar tips li. Tips leker apne hi ghar ke lund se chudi to boli ki bete ka lund hi pyaas bujhata hai.

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Maa Bete Ki Romance Kahani – Part 6

Rohit ab mummy ko seduce karne ka koi moka nhi chhod rha tha, yaha tak ki usne mummy ko jean top me bahar jane ko mana liya.

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Behan Ki Chut Aur Phir Gaand Chodi

Mujhe aur mere chacha ke ladke ko apni apni behen chodne ki tharak thi. Kyoki hume apni behene bahot hi pasand aa gyi thi.

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நண்பனின் அம்மாவை ஓத்தேன்

நண்பனின் அம்மா சூத்தை பார்த்து மயங்கி அவளை வெளியில் கூப்பிட்டுச் சென்று ஒரு இருட்டான இடத்தில் வைத்து முலை புண்டையை நாக்கால் சுவைத்து சுண்ணியை...

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Meri Chudakkad Dipali Mami – Part 6

Rohit ab mummy ko seduce karne ka koi moka nhi chhod rha tha, yaha tak ki usne mummy ko jean top me bahar jane ko mana liya.

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Mummy Ki Chut Me Kale African Lode

Is saal ki garmiyo ki chuttiyo me main apni maa ke sath ghumne ke liye South Africa gya. Par waha pahoch kar mummy ke sath kya hua ye is story me janiye.

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Thursday, June 27, 2019

The Journey Delhi To Lucknow – Part 1

Hello Dosto, Kaise hai aap sab, Aaj fir se ek nayi series shuru karne ja raha hu jo ek seedhi saadhi ladki ki hai, to chaliye shuru karte hai story ussi ki jubaani….. Mera name Pooja Awasthi hai, me 28 saal ki hu, Me Lucknow ke pas ke chhote se shahar Sitapur se hu, abhi … Continue reading The Journey Delhi To Lucknow – Part 1

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Family Adventures – Part No. 1

ನನ್ನ ಹೆಸರು ಭಾರತೀ. If there is any spelling mistake, please excuse. ಇದು ನಿಜವಾದ ಕತೆ. ಇಂದು ನಾನಾ ವಯಸ್ಸು ಮೂವತ್ತ ಎಂಟು. ನಾನು ಹುಟ್ಟು ಸಲಿಂಗಿ. ನನಗೆ ಹುಡುಗರ ಮೇಲೆ ದ್ವೇಷ. ಇದು ನನ್ನ ತಂದೆ ಇಂದ ಆದ ಕೆಟ್ಟ ಅನುಭವ. ನಾನು ಏನು ಅಂತ ತಿಳಿಯುವಾಗ ನನಗೆ ೧೭ ಆಗಿತ್ತು. ಆದರೂ ಸುಂದರ ವಾಗಿದ್ದೆ. ನನ್ನ ಮಲತಾಯಿಗೆ ಒಬ್ಬಳು ತಂಗಿ ಇದ್ದಳು. ಅವಳೇ ನನಗೆ ಈ ಪ್ರಪಂಚಕ್ಕೆ ತಂದಳು. ಅವಳು ೨೦ … Continue reading Family Adventures – Part No. 1

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সিক্রেট সোসাইটি তৃতীয় পর্ব

দরজা খুলে দেখি অনিক আমার দরজার সামনে দাড়িয়ে মুখে একটা যুদ্ধ জয়ের তৃপ্তির ছাপ, আমি বুঝছি কিছু ইম্পর্টেন্ট ঘটনা সিউর ঘটছে, জেটা আমাকে বলতে অনিক আমার কাছে আসছে কিন্তু আমি ভেবে পাচ্ছিলাম না কি হতে পারে। অনিক আমায় জড়িয়ে ধরে বলল জয় আমি পারছি, ইয়েস আই ডিড ইট। আমি আজ ভাবে রাখছিলাল কোচিং এ বসে … Continue reading সিক্রেট সোসাইটি তৃতীয় পর্ব

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Tution er aunty

Hello guys j ghotonata bolbo ami ajk seta ekti sotthi ghotona. Ei ghotonata ami j bashai tution koratam se bashar aunty k niye. Auntyr nam lipi. Boyosh 35. Ekbare kasha milf. Auntyr dui chele. Ami choto chelata ke poratam. Prothom jdin cheletake porata jai sedin aunty r rup dekhe pagol hoye jai. Tokon tekei aunty … Continue reading Tution er aunty

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द जोशी काकू टेल्स

I मदन आणि जोशी काकूची पहिली भेट “कामुकनगरी”चं राज्य अगदी नावासारखच कामुक, ही अदभुत नगरी जेवढी सुंदर तेवढीच मायावी, याच नगरीच्या मोहकवाडी ह्या दहा घरांच्या वस्तीत राहतो मदन, हा साधा, भोळा, केसांचा चपट भांग पाडनारा आणि चेहरयापेक्षा मोठा चश्मा घालनारा हा किशोर (teenager) मुलगा,  मदन हा मोहकवाडितला एकमेव किशोर मुलगा आहे, बाकी ह्या वस्तित फक्त … Continue reading द जोशी काकू टेल्स

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கோகிலாவை ஓத்தவர்கள் பகுதி1

என் முந்தைய பதிவை தொடர்கிறேன். நான் மாமா வீட்டில் நுழைந்த அடுத்த நிமிடமே அதிர்ச்சி காத்திருந்தது. வீட்டில் யாரும் இல்லை உள்ளே சென்று பார்தால் மாமி குளித்து கொண்டு இருக்கிறாள் அம்மணமாக தாத்தா உடன். தாத்தா வயது 50 ஆனால் பூலு 8″மாமி அவர் பூலை பிடித்து ஆட்டியதை பார்த்த எனக்கே கஞ்சி வந்து விட்டது. ஆனால் தாத்தா பூல உலக்கை மாரி நட்டுகிட்டு நிக்குது. மாமி உடம்பை பார்தால் சாமியார் கூட ஆசை வரும். சவிதா … Continue reading கோகிலாவை ஓத்தவர்கள் பகுதி1

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Three is more Fun

I am lying on this king size bed, naked. On my right is Tom, a handsome man with a proper sixpack, on my left is Selina, a beautiful shemale with an enormous cock. They are both hard, and I turn to Selina. She kisses me, and I wrap my hand around her cock and start … Continue reading Three is more Fun

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Untold story about my mother

I used to be a good boy. Still a good boy. It was all great memories from my childhood. But, frankly speaking while I was growing up. Like all, I got to be stimulated about sex. But everywhere I was chained and to be bound to my family rules. The person I love most, is … Continue reading Untold story about my mother

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I’m Falling in Love with my Brother’s Girlfriend

This is a non-fiction story so everything told in this is true. (This is a long story) Enjoy! My name is Robert. I’m 15 years old and unfortunately still a virgin. My brother is 22 years old and him and I get along pretty well. We are completely different from each other though. He had … Continue reading I’m Falling in Love with my Brother’s Girlfriend

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A mouth in need – Part I

I used a site to meet with women a while back called “Meetme.” It was a good platform to use if you wanted to have sex, because for some reason the site just let the women post their prices. The accounts wouldn’t be removed for this. Not even by selling illegal drugs. Here I am, … Continue reading A mouth in need – Part I

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चूत फाड़ता मेरा लंड

Antarvasna, kamukta: मेरे और कशिश के बीच अब दीवार बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे कशिश भी अपनी नौकरी के लिए मुंबई चली गई थी और मैं अभी भी चंडीगढ़ में ही था। मैं चंडीगढ़ में अपने पिताजी का काम संभाल रहा था हम दोनों के बीच जब पहली बार मुलाकात हुई थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा था, जिस प्रकार से हम लोग मिले थे वह किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं था। कशिश और मेरी टक्कर बस स्टॉप पर हुई थी और कशिश ने मुझे बहुत कुछ कहा था लेकिन मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा उसके बाद भी एक दो बार ऐसा ही हुआ। जब भी हम दोनों मिलते तो हम दोनों के साथ कोई ना कोई हादसा हो ही जाता था जिससे की कशिश मुझे हमेशा कहती कि यह सब तुम्हारी वजह से ही होता है। मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं कशिश से बात करूं। कशिश जब एक दिन मुझे मिली तो मैंने उससे बात की और हम दोनों की बातें आगे बढ़ने लगी मैं कशिश को जितना जानता था उससे मुझे इतना ही पता चला की कशिश दिल की बहुत अच्छी लड़की है और उसके साथ मेरा रिलेशन बड़े अच्छे से चल रहा था। मैं और कशिश बहुत ही खुश थे हम दोनों ने एक दूसरे का साथ हमेशा ही दिया लेकिन एक गलतफहमी की वजह से कशिश मेरी जिंदगी से चली गई।

कशिश को लगता था कि मैं अब उसका ध्यान बिल्कुल भी नहीं रखता लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था मैं पापा के साथ काम में कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया था जिस वजह से मुझे अपने लिए भी समय नहीं मिल पाता था और उसी दौरान कशिश ने मुझे मेरी बचपन की दोस्त शगुन के साथ देख लिया। जब उसने मुझे शगुन के साथ देखा तो कशिश ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वह ना तो मेरा फोन उठाती और ना ही उसने उसके बाद मुझसे बात की। मैंने उसे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन अब कशिश के दिल में यह बात आ चुकी थी कि मैंने उसे धोखा दिया इसलिए वह मुझे छोड़कर मुंबई चली गई। मेरा कशिश से कोई भी संपर्क नहीं था पिछले 3 महीनों से हम दोनों के बीच कोई भी बात नहीं हो रही और ना ही कशिश ने मुझे कभी फोन किया। मैं भी अब कशिश को फोन नहीं करता था मुझे लगा की कशिश को ही मुझे फोन करना चाहिए क्योकि मेरी इसमें कोई भी गलती नहीं थी मैंने कशिश को कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात समझी ही नहीं इसलिए मैंने भी उसे फोन नहीं किया।

मुझे नहीं पता था कि कशिश का जब मुझे फोन आएगा तो उसे भी अपनी गलती का एहसास हो जाएगा कशिश ने मुझे फोन किया और कहने लगी कि रमेश मुझे मेरी गलती का एहसास है मुझे नहीं पता था कि उस दिन तुम अपनी दोस्त के साथ हो। मैंने उसे कहा कशिश मैंने तुम्हें कितना समझाने की कोशिश की लेकिन तुम मेरी बात समझी ही नहीं लेकिन अब बात बहुत आगे बढ़ चुकी थी कशिश की सगाई हो चुकी थी। कशिश को लगा कि मैंने उसे धोखे में रखा है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था मैंने ना तो कशिश को कभी धोखे में रखा था और ना ही मैंने उसे कुछ कहा था। कशिश की अब सगाई हो चुकी थी और हम दोनों का रिश्ता वापस से पहले जैसा हो पाना तो मुश्किल था कशिश भी अपने माता पिता को तकलीफ नहीं देना चाहती थी क्योंकि उसके मम्मी पापा ने ही उसकी शादी के लिए लड़का देखा था। कशिश पूरी तरीके से दुविधा में थी और वह मुझे हर रोज फोन किया करती मैं कशिश को समझाता की कशिश अब तुम्हारे मम्मी पापा को जो पसंद है वही तुम्हें करना चाहिए लेकिन कशिश मुझसे शादी करना चाहती थी। कशिश ने कहा कि रमेश तुम पापा मम्मी से बात क्यों नहीं कर लेते मैंने उसको कहा कशिश पहले भी मैंने तुमसे कई बार कहा कि मैं तुम्हारे पापा मम्मी से बात कर लेता हूं लेकिन तुमने हमेशा ही मुझे मना किया और काफी समय से हम दोनों के बीच बात भी तो नहीं हो पा रही थी अब तुम ही मुझे बताओ कि मुझे ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। मैं और कशिश बहुत बड़ी दुविधा में थे लेकिन कशिश की सगाई हो चुकी थी मैंने उसको कहा तुम्हें ही अपने मंगेतर को समझाना चाहिए और उससे एक बार बात करनी चाहिए। कशिश ने मुझे कहा कि ठीक है मैं अपने मंगेतर से ही बात करती हूं कशिश ने जब अपने मंगेतर से बात की तो वह उसकी बात नहीं माना वह कहने लगा कि यदि तुम मुझे पहले बता देती तो शायद ठीक रहता लेकिन अब हमारी सगाई हो जाने के बाद तुम मुझसे यह बात कह रही हो।

अब ना तो वह सगाई तोड़ने को तैयार था और ना ही मुझसे कशिश की सगाई हो सकती थी हम दोनों के पास घर से भाग जाने के अलावा और कोई भी रास्ता नहीं था जो कि मैं बिल्कुल भी नहीं चाहता था। शायद एक रास्ता और था यदि हम लोग कशिश के मम्मी पापा से बात करें तो शायद कुछ हो सकता है लेकिन उससे पहले मैंने अपने पापा को इस बारे में बताया और कशिश को भी अपने पापा से मिलवाया। मैंने आज तक कशिश को कभी भी अपने परिवार से नहीं मिलवाया था परंतु मुझे भी लगने लगा था कि कशिश के बिना शायद मैं जिंदगी नहीं काट पाऊंगा इसलिए मैं मम्मी पापा को यह बात बताना चाहता था। मैंने अपने मम्मी पापा को इस बारे में बता दिया था और उन्होंने मेरे बड़ी मदद की पापा ने मुझे कहा कि मैं कशिश के पापा से बात करूंगा। जब पापा ने कशिश के पापा से बात की तो पहले तो वह लोग इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे उन्होंने कहा कि हमें थोड़ा समय सोचने के लिए दीजिए क्योंकि इससे हमारी भी तो बदनामी होगी।

पापा ने उन्हें कहा कि आपको जैसा ठीक लगता है आप वैसा ही कीजिए। कशिश और मैं हमेशा एक दूसरे से प्यार करते हैं जब कशिश के पापा ने कशिश से यह बात पूछी तो कशिश ने कहा कि हां पापा मैं रमेश से बहुत प्यार करती हूं हमारे बीच कुछ गलतफहमी हो गई थी जिस वजह से हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए थे परंतु अब हमारे बीच में सब कुछ ठीक है और उसी बीच मेरी सगाई भी हो गई थी इसीलिए तो मैंने आपसे कुछ भी नहीं कहा मुझे तो इस बात का डर लग रहा था कि कहीं आप मुझे कुछ कहे ना इसलिए मैंने आपको इस बारे में कभी कुछ नहीं बताया। कशिश के पापा ने भी थोड़ा समय मांगा और हम लोग अपने घर लौट आए पापा ने मुझसे कहा कि रमेश तुम्हें मुझे पहले ही बता देना चाहिए था मैंने पापा को कहा पापा मैं आपको बताना चाहता था लेकिन उस वक्त कशिश और मेरे बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था इसलिए मैंने आपको कुछ भी नहीं बताया। पापा ने कहा कि देखो बेटा कशिश के पिताजी को इस बारे में सोचने दो जो भी उनका फैसला होगा वह तुम्हें मानना पड़ेगा मैंने पापा से कहा हां पापा मैं उनका फैसला मानने के लिए तैयार हूं। अब मैं इसी टेंशन में था कि अब आगे क्या होगा क्योंकि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन कशिश और मेरी बात हो रही थी। कशिश के पापा ने एक दिन पापा को मिलने के लिए घर पर बुलाया और उन दोनों की रजामंदी इस बात को लेकर बनी की कशिश और मेरी सगाई हो जानी चाहिए। उसके बाद कशिश की सगाई मुझसे हो चुकी थी इतना कुछ हो जाने के बाद अब हम दोनों अपने रिश्ते को दोबारा सुधारने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों की सगाई हो चुकी थी हालांकि उससे पहले भी हम दोनों के बीच कई बार शारीरिक संबंध बने थे लेकिन यह पहला मौका था जब कशिश घर पर आई थी और कशिश के साथ मै सेक्स संबंध बनाना चाहता था क्योंकि उसे देखकर मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने कशिश को अपनी बाहों में ले लिया कशिश को जब मैंने अपनी गोद में बैठाया तो वह कहने लगी आज तुम्हारे अंदर कुछ ज्यादा जोश लग रहा है।

मैंने उसे कहा मेरा लंड तुम्हारी चूत को फाडते हुए अंदर जाना चाहता है वह कहने लगी अब तो मै तुम्हारी हो चुकी हूं। मैंने उसे कहा अब तुम मेरी हो चुकी हो कशिश और मैंने एक दूसरे के होंठों को चूमा काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के होठों को चुंबन करते रहे अब हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी देर तक चुम्मा चाटी करते रहे। जब कशिश ने मुझे कहा आज मैं तुम्हारे साथ जमकर सेक्स का मज़ा लेना चाहती हूं तो मैंने उसे कहा मैं भी तुम्हारे साथ आज जमकर सेक्स करना चाहता हूं। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो कशिश ने उसे अपने हाथों में लिया और हिलाना शुरू किया जब वह मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाती तो मुझे बुहत अच्छा लगता काफी देर तक वह मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाती रही। जब उसने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को लिया तो मैंने उसे कहा तुम थोड़ा सा और अपने मुंह के अंदर लंड को लो? उसने गले के अंदर तक मेरे लंड को ले लिया। जब उसने मेरे लंड को बाहर निकाला तो वह कहने लगी तुम्हारा लंड कितना मोटा है?

मैंने उसे कहा मेरा लंड तो बहुत मोटा है लेकिन आज तुम्हारी चूत को मुझे फाडना है यह कहते ही मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा है मैं लगातार उसे धक्के मारता मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे चोदना शुरू किया जिससे कि उसके मुंह से और भी तेज आवाज निकल रही थी। वह मुझे कहती मुझे तुमसे अपनी चूत को मरवाकर मजा आ रहा है उसने थोड़ी देर बाद मुझे कहा मुझे तुम्हारे ऊपर से आना है? उसने अपनी चूत के अंदर मेरे लंड को लिया मैं उसकी चूतड़ों पर बड़ी तेजी से प्रहार कर रहा था वह भी अपनी चूतड़ों को ऊपर नीचे करती जिससे कि मैं उत्तेजित हो जाता काफी देर तक मैं उसे ऐसे ही धक्के मारता रहा वह मुझे कहने लगी तुम्हार लंड चूत के अंदर तक जा रहा है। मैंने उसे कहा कितने समय बाद हम लोग सेक्स कर रहे हैं। वह कहने लगी तुम्हारे साथ तो सेक्स का मजा लेने में बड़ा मजा आता है जिस प्रकार से तुम मुझे धक्के मार रहे हो मुझे लगता मैं झड़ने वाली हूं। थोड़ी देर बाद जब वह झड गई मैंने भी अपने वीर्य को उसकी चूत के अंदर ही गिरा दिया अब हम दोनों की शादी कुछ दिनों बाद होने वाली है।



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Maya Ka Saya – Episode 2

Dimple ne Mohit ko wo saari ghatnaaye yaad dilaayi jab pahle bhi Mohit is tarah ke jhoothh bol chuka tha taaki wo dimple par apni marji chala paye.

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Family Mein Chudai Ke Maze – Part 9

Mom ab bete se sach mein chudna chahti thi. Ander ki pyas badhti hi ja rahi thi. Phir bete ka lund dekh kar mom ne kya kiya?

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Chat Friend Se Brithday Par Chudi – Part 2

Shayam ne jab mujhe hotel room me apne samne dekha, toh wo mujhe dekh kar puri tarah se shock ho gya. Fir usne mujhe kissing karna shuru kar diya.

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வீதியில் இருக்கும் ஓழை ஓத்தேன்

காம படத்தில் நடிக தெருவில் இருக்கும் விபச்சாரியை ஹோட்டல் அறைக்கு கொண்டு சென்று இதழில் முத்தம் கொடுத்து முலை கூதியை தடவி நாக்கு போடு சுன்னிய வாயில் விட்டு...

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Mummy Aur Uncle Ki Prem Kahani

Mummy aur uncle sath me ek hi school me pada rahe the aur dono ke bich staff room me se dono ka pyaar bad ne laga, jo ek din bahot aage badh gya.

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Best Friend Ke Papa Se Chudi Gayi

Friends ye kahani meri pehli chudai ki kahani hai, jisme maine apne best friend ke papa ke sath kaise khub rangralian manayi.

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Chat Friend Se Brithday Par Chudi – Part 1

Kaise Maine internet se ek chat site se ek friend banya or us se hotel me apni chut chudwai aur uske birthday par use khub maje diye.

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Wednesday, June 26, 2019

Dewar Bhabhi Ka Pyaar – Part 9

Padhiye dewar aur bhabhi ke pyaar bhari dastaan.. Kaise dewar ko pata kar bhabhi apne pyaare devar se chudi aur uski randi ban gayi.

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Maya Ka Saya – Episode 1

Kya hoga jab ek ladka apni girlfriend ke saath committed ho par phir bhi uske ek dost ki girlfriend usse milne ke baad usko chhedne lage aur haath dho kar uske peechhe pad jaye!

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கூதியை பதம் பார்த்த பேருந்து நடத்துநர்

கேரளாவுக்கு தனியாகப் பேருந்தில் சென்று கொண்டு இருந்தேன். நடத்துநர் என் முலைகளில் கையை வைத்து மயக்கி கூதிக்கு நாக்கு போட்டார்.

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Shaadi Shuda Didi Bani Meri Patni

मुझे अपनी बड़ी बहन बहुत पसन्द थी, मैं जवानी से ही उन्हें चोदना चाहता था। पर जब दीदी मेरी शादी के पीछे पड गयी तो मैंने उनके आगे एक शर्त रख दी।

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Train Se Ghar Tak Chudai Bhara Safar

Ek din train me safar karte hue mere pass ek ladki baith gyi. Train me kafi bheed thi, isliye wo mujhse chipiki hui thi. Moka tha to maine bhi fayda uthaya.

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Soteli Mummy Ki Garam Jawani

Meri pehli maa mere papa ke dost ke sath set thi, akhir un dono ne ek dusre se shadi kar li. Ab main apni nayi maa Pushpa ke sath rehta hoon.

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भाभी की रसीली चूत

Antarvasna, kamukta: मोहन का फोन मुझे आता है और कहता है कि गगन तुम भैया की शादी में तो आ रहे हो ना मैंने मोहन को कहा क्यों नहीं मैं जरूर आऊंगा। मोहन मेरा बचपन का दोस्त है और अब वह लोग इंदौर में रहते हैं पहले मोहन हमारे पड़ोस में ही रहा करता था उसके पिताजी का ट्रांसफर जब इंदौर हुआ तो उसके बाद उन लोगों ने इंदौर में ही सेटल होने का सोच लिया और वह लोग इंदौर में ही रहने लगे। मोहन से मेरी फोन पर अक्सर बात होती रहती है मोहन और मैं अभी भी वैसे ही बात किया करते हैं जैसे कि हम लोग पहले बात किया करते थे। मोहन को हमारी कॉलोनी की एक लड़की बड़ी पसन्द थी लेकिन मोहन को वह घास ही नहीं डालती थी मोहन ने भी उससे बात की परंतु उनकी दाल नहीं गली आखिरकार मोहन को थक हार कर उसका पीछा छोड़ ना ही पड़ा।

मैं और मोहन अक्सर एक दूसरे से इस बारे में बात करते रहते हैं जब भी मैं मोहन को आशा की याद दिलाता हूं तो वह कहता है कि यार अब वह दिन मुझे याद मत दिलाया करो। मोहन ने अब अपना ही बिजनेस शुरू कर लिया है और वह आपने मौसेरे भाई के साथ में काम कर रहा है वह दोनों मिलकर एक कंपनी चला रहे हैं मुझे इस बात की भी खुशी है कि मोहन अब पहले जैसा बिल्कुल भी नहीं है वह पूरी तरीके से बदल चुका है। मुझे वह दिन याद है जब मोहन ने मेरी मदद की थी वह हमेशा ही मेरी मदद के लिए सबसे आगे रहता है। जब भी मेरी मोहन से बात होती तो मुझे वह पुराने दिन याद आ जाते जब हम लोग मस्ती किया करते थे और मोहन हमेशा ही मेरा साथ दिया करता था। हम दोनों की कॉलेज की पढ़ाई साथ ही हुई थी लेकिन इस बात को करीब 8 वर्ष बीत चुके हैं और 8 वर्षों में सब कुछ बदल चुका है मैं एक कंपनी में अब अच्छे पद पर हूं और मोहन का बिजनेस भी अच्छा चल रहा है। मोहन ने अपने बिजनेस को चलाने के लिए ना जाने क्या कुछ नहीं किया मोहन आर्थिक रूप से भी परेशान था लेकिन उस वक्त मैंने मोहन की मदद की थी क्योंकि मोहन ने भी हमेशा मेरी मदद की है और मैं चाहता था कि जब भी मुझे ऐसा मौका मिले तो मैं मोहन की मदद सरूर करूं।

मोहन एक स्वाभिमानी व्यक्ति है इसलिए उसने मुझसे मदद नहीं मांगी लेकिन उसकी छोटी बहन जिसकी फिलहाल शादी हो चुकी है उसने ही मुझे मोहन की परेशानी के बारे में बताया तो मैंने तुरंत ही उसकी मदद की। हालांकि वह इस बात से बिल्कुल भी खुश नहीं था लेकिन मैंने उसे कहा कि मोहन जब मुझे भी तुम्हारी जरूरत थी तो तुमने भी मेरी मदद की थी तो मोहन मेरी बात मान गया। मैं बहुत खुश था कि मैं इंदौर जाने वाला हूं और मैं मोहन के बड़े भैया की शादी में शरीक होने वाला था मैं ट्रेन से ही इंदौर के लिए निकल चुका था मैं ट्रेन में बैठा हुआ था तो मोहन का मुझे फोन आया और कहने लगा कि गगन तुम निकल तो गए हो ना। मैंने उसे कहा हां मैं ट्रेन में ही बैठा हुआ हूं बस ट्रेन थोड़ी देर बाद चलने वाली है मोहन और मैं आपस में बात कर रहे थे कि थोड़ी देर बाद एक सज्जन आकर मेरे पास बैठे। मैंने मोहन से कहा मोहन मैं तुमसे थोड़ी देर बाद बात करता हूं अभी नेटवर्क का प्रॉब्लम आ रहा है मेरे मोबाइल में बैटरी भी कम थी तो मैंने सोचा अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगा देता हूं। मैंने चार्जिंग पर अपने मोबाइल को लगाया सामने ही बैठे हुए सज्जन ने पूछा कि क्या आप भी इंदौर जा रहे हैं तो मैंने उन्हें कहा हां साहब मैं इंदौर जा रहा हूं। हम लोग बात करने लगे उनके साथ मुझे पता ही नहीं चला कि कब समय बिता चला गया और कब इंदौर आ गया उनकी बातों से मैं बड़ा प्रभावित हुआ और उन्होंने रास्ते में बिल्कुल बोर नहीं होने दिया। जब मैं इंदौर पहुंचा तो मैंने स्टेशन से ऑटो लिया और उनके बताए हुए पते पर मैं पहुंचा, जैसे ही मैं वहां पहुंचा तो मोहन ने मुझे देखा मोहन बहुत खुश हुआ और मोहन ने मुस्कराते हुए कहा तुम से कितने समय बाद मुलाकात हो रही है। मैंने उसे कहा कम से कम इस बहाने हम लोगों की मुलाकात हो रही है तुमने तो आना ही छोड़ दिया है। मोहन मुझे कहने लगा कि गगन तुम्हे पता ही है कि मैं अपने काम के चलते कितना परेशान था लेकिन अब जाकर अच्छा चलने लगा है और मैं अपने काम पर पूरा ध्यान दे रहा हूं इसी बीच भैया की शादी तय हुई तो मैंने सोचा इस बहाने कम से कम तुमसे मुलाकात हो जाएगी मोहन ने मुझे कहा चलो मैं तुम्हे पापा मम्मी से मिलवाता हूं।

मैं जब उनसे मिला तो वह मुझसे मिलकर खुश हो गए और कहने लगे कि क्या अब भी तुम पहले जैसी ही शरारती हो या बदल चुके हो। अंकल हमेशा ही मुझे इस बात को लेकर डांटते रहते थे कि तुम लोग कब जिम्मेदार होंगे लेकिन उन्होंने मुझे देखा तो उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा मुझे बड़ी खुशी है कि तुम अब जिम्मेदार हो गए हो तुम्हारी बातों से मुझे लग रहा है कि तुम एक जिम्मेदार इंसान बन चुके हो। मैंने अंकल को कहा अंकल समय के साथ तो जिम्मेदारी कंधों पर आ ही जाती है अंकल वह कहने लगे कि बेटा घर में पापा मम्मी कैसे हैं तो मैंने उन्हें बताया वह लोग तो अच्छे हैं और जब मैंने उन्हें यह बताया कि मैं मोहन के भैया की शादी में जा रहा हूं तो वह लोग बड़े खुश हुए और आपको वह बहुत याद कर रहे थे आपकी हमेशा ही पापा बात किया करते हैं। अंकल भी मेरी बातों से भावुक हो गए और अपने कुछ पुराने दिनों की बात वह करने लगे। काफी साल तक वह लोग भी जयपुर में रह रहे थे लेकिन जब से वह इंदौर गए हैं तब से उन लोगों का जयपुर आना हुआ ही नहीं। मोहन ने मुझे कहा चलो गगन तुम अपना सामान रख दो मैंने मोहन को कहा ठीक है।

मोहन ने अपने रूम में मेरा सामान रखवा दिया कुछ देर तो हम लोग साथ में बैठे रहे फिर मोहन मुझे कहने लगा कि चलो मैं तुम्हें अपने कुछ दोस्तों से मिलवाता हूं। मोहन ने मुझे अपने कुछ दोस्तों से मिलवाया जो कि इंदौर के ही रहने वाले थे मोहन के भैया की शादी की तैयारी लगभग हो चुकी थी और जब मोहन के भैया को समय मिला तो मैंने उन्हें शादी की बधाई दी और कहा भैया आप भी अब शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। वह मुझे कहने लगे कि गगन कभी ना कभी तो शादी के बंधन में बंधना ही था तो सोचा समय से शादी कर लेते हैं। भैया बड़े ही मजाकिया किस्म के हैं और उनके साथ काफी देर तक मेरी बात हुई। मोहन मुझे कहने लगा कि आओ मैं तुम्हें अपने पड़ोसियों से मिलाता हूं? उसने मुझे जब अपने पड़ोस में रहने वाले सुजीत भैया से मिलाया मुझे उनसे मिलकर अच्छा लगा। हम लोग उनसे बात कर ही रहे थे कि उनकी पत्नी आगे से हमारी तरफ आई वह हमारे साथ बात करने लगी मैं उनकी तरफ देखता उनकी नशीली आंखें मुझे देख रही थी मैं उन्हें देख कर बड़ा खुश हो गया  मैंने मोहन से पूछा भाभी जी का क्या नाम है? वह कहने लगा भाभी जी का नाम तो कोमल है कोमल भाभी जी के कोमल बदन को देखने के लिए मैं तरस रहा था। शादी के दौरान ही उनसे मेरी अच्छी बनने लगी थी उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा आप बड़े अच्छे दिखते हैं और मैं कंधे पर हाथ रख दिया। मैंने उन्हें कहा भाभी जी कभी हमे भी तो मौका दीजिए। उन्होंने मुझे कहा लगता है आपको भी मौका देना पड़ेगा उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने साथ ले गई। उन्होंने मुझसे कहा अभी मेरे पति घर पर नहीं है चलो जल्दी से घर पर हो आते हैं। मैं भाभी जी के साथ घर पर चला गया हम दोनों ने एक दूसरे के साथ चुम्मा चाटी शुरू कर दी हम दोनों अपने आपको रोक ना सके। मैं कोमल भाभी के होठों को चूमता तो मुझे बड़ा मजा आता मुझे उनके रसीले और गुलाब होंठो को चूसने में बड़ा मजा आता मैंने उनके होठों को मजा अच्छे से लिया मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

मैंने भाभी जी से कहा मै रह नहीं पाऊंगा उन्होने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए हिलाना शुरू किया जब वह मेरे लंड को हिलाती तो मुझे बहुत मजा आता उन्होंने अपने मुंह के अंदर तक मेरे लंड को लिया। मैंने उन्हें कहा थोड़ा और अंदर ले लीजिए उन्होंने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह बड़े अच्छे तरीके से मेरे लंड का रसपान करने लगी। बहुत देर तक उन्होंने मेरे लंड का रसपान किया मै पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका। मैंने भाभी जी की चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और बड़ी तेजी से मैंने उन्हें धक्के देना शुरू कर दिया मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर होता तो वह चिल्लाती जाती मुझे बड़ा मजा आता मैं जिस प्रकार से उनकी चूत के मजे लेता वह खुश नजर आ रही थी।

वह मुझे कहने लगी तुम्हारे साथ तो आज बड़ा मजा आ रहा है मैंने उन्हें कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा है भाभी जी आपकी चूत कि खुजली जिस प्रकार से मैं मिटा रहा हूं उससे मैं बड़ा खुश हूं। वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड बड़ा मोटा है मेरा लंड उनकी चूत के अंदर तक जा रहा था मैंने उन्हें कहा घोड़ी बन जाइए? मैंने उन्हें घोड़ी बनाते ही अपने लंड को उनकी चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो मुझे बड़ा ही मजा आया। मेरा लंड भाभी जी की चूत के अंदर जाता तो मजा आता मैंने बहुत देर तक उनकी चूत के मजे लिए मेरा वीर्य पतन बाहर की तरफ को होने वाला था मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकालते हुए भाभी जी के मुंह के अंदर डाला मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर गिर चुका था। वह बड़ी खुश हुई वह मुझे कहने लगी आपके साथ तो आज मजा ही आ गया थोड़ी देर हम लोग साथ में बैठे रहे फिर वह कहने लगी चलिए हम लोग चलते हैं कहीं मेरे पति ना आ जाए हम लोग वापस बाहर चले आए। मैंने भाभी जी का नंबर ले लिया हम दोनों के बीच अक्सर फोन पर बातें होती रहती हैं।



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Tuesday, June 25, 2019

My busty aunt

Hello everyone.. After a long break I’m coming online as my phone has broken. I’m now here to share my new sex experience with my aunt named banu mathi. Talk about her she is average in color. She is 5 feet and she is little busty. She has huge pair of boobs which tease me … Continue reading My busty aunt

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My aunty became my wife..!! – part 2

Hi friends, I am Shashi 18 year old from Bangalore with 5.7 Height and with common body.. And 7 inch long and 2.6 inch thick rod.. As I continue my next part of the story (if you don’t read the 1st part plz read it) how I fucked my aunty’s big ass so hardly and badly. … Continue reading My aunty became my wife..!! – part 2

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உன்னால் முடியும் தம்பி உங்கிட்ட இருக்கு இறும்பு கம்பி

வணக்கம் நண்பர்களே இது உங்கள் மணி என் அனைத்து கதைகளுக்கும் ஆதரவு அளித்து வரும் நல்ல உள்ளங்களுக்கும் நன்றி முந்தைய கதைகளை படித்த என் வாசகர் ஒருவர் என்னை பற்றிய தகவள்களை கதை ஆரம்பிக்கும் முன் பதிவிடுமாரு வேண்டி கேட்டுள்ளார் அந்த வேண்டுதலின் பேரில் என்னை பற்றிய தகவல்களை இங்கு பதிவிடுகிறேன் என் முழுபெயர் மணிகண்டன் என்னை எல்லாறும் சார்ட்டா மணி மணி னு தான் கூப்புடுவாங்க நான் சென்னையில் வசிக்கிறேன் பெயருக்கு ஏற்றாற்பாேல் பார்க்க ஓரளவு … Continue reading உன்னால் முடியும் தம்பி உங்கிட்ட இருக்கு இறும்பு கம்பி

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Didi ne pakad liya – Part 2

Hi Friends, Ye story meri pichli story “didi ne pakad liya” ka 2nd part hai. Toh aap se anurodh hai, ki iska 1st part jarur padhiye. Aur meri pichli story ke pehle parts ko dher sara like karne ke liye shukriya. Toh chaliye ab Shuru karte hai. Ab age story par aate hai. Me Subh … Continue reading Didi ne pakad liya – Part 2

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The Shelter

At sixteen years of age Dawn was homeless, her dad had been an alcoholic and because of his drinking the rent was not paid and the family got evicted from their home and now had nowhere to live, Dawn’s dad had left Dawn’s mum and had not been seen for over a year, Dawn was … Continue reading The Shelter

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Luellen – Ch 1 – Luellen Finds A Roommate

This is chapter one. Chapter two is ready for edit. The story is fairly long, but that is how I write. My name is Luellen Johnston. I’m a twenty eight year old woman who has been divorced for ten months. My ex and I physically and verbally abused each other, so we decided to end … Continue reading Luellen – Ch 1 – Luellen Finds A Roommate

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ammavai kathara kathara Othavargal

Hai friends ithu Oru thodar kathai tha Ithula en ammava epudi la othanga avala oru periya thevdiyava mathura kathai and ithu karpanai kathai tha nanbargalae seri kathaiku pogalam. En amma name Seetha age 45 semaiya irupa nalla kolu kolu nu irupa 38d bra 100cm jetty size gummunu irupa.. Aaana Rombo Rombo Nallava homely padippu Suthama … Continue reading ammavai kathara kathara Othavargal

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Threesome..

Hello everyone.. en per Raj.. once again roleplay story than.. ithu last storyoda continuation nanum revathy shriyum semmaya Panom next dayvum pesa aramichom Apo Nan epothum chat panra dhivyavum online vantha Nan dhivya Kita revathy pesunatha Sona Ava dhivya threesome panalamah keta nanum revathy Kita ketan avalum okie sollita so munu Peru senthu Oru group … Continue reading Threesome..

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ਠਾਣੇਦਾਰਨੀ ਨਾਲ ਰਾਸਲੀਲਾ

ਇਸ ਕਹਾਣੀ ਦੇ ਵਿਚ ਵਰਤੇ ਨਾਮ, ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਕਿਰਦਾਰ ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਨੇ ਤਾ ਜੋ ਅਸਲ ਵਾਲੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਗੁਪਤ ਰੱਖਿਆ ਜਾ ਸਕੇ। ਇਹ ਕਹਾਣੀ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਮੈ ਲੁਧਿਆਣੇ ਸ਼ਹਿਰ ਚ B-Tech ਦੀ ਪੜਾਈ ਕਰਦਾ ਸੀ। ਉਦੋ ਤਾ ਇਕ ਕਿਰਾਏ ਦੇ ਘਰ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ। ਉਸੇ ਕਲੋਨੀ ਚ ਇਕ ਠਾਣੇਦਾਰਨੀ ਵੀ ਰਹਿੰਦੀ … Continue reading ਠਾਣੇਦਾਰਨੀ ਨਾਲ ਰਾਸਲੀਲਾ

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ਫੁੱਦੀ ਨਰਸ ਦੀ, ਦੁਨੀਆ ਤਰਸਦੀ

ਇਹ ਕਹਾਣੀ ਉਸ ਵੇਲੇ ਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਮੇਰਾ ਇਕ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰ ਸਰਕਾਰੀ ਹਸਪਤਾਲ ਚ ਦਾਖਲ ਸੀ। ਮੈ ਹਸਪਤਾਲ ਚ ਉਸਦੀ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਨਾਲ ਰਹਿ ਰਿਹਾ ਸੀ। ਸਾਨੂੰ ਹਸਪਤਾਲ ਚ 2 ਦਿਨ ਹੋ ਗਏ ਸਨ ਤੇ ਹਾਲੇ 3-4 ਦਿਨ ਬਾਅਦ ਛੁੱਟੀ ਮਿਲਣ ਦੀ ਉਮੀਦ ਸੀ। ਮੈ 2 ਦਿਨਾਂ ਤੋਂ ਧਿਆਨ ਦੇ ਰਿਹਾ ਸੀ ਕਿ ਹਸਪਤਾਲ ਦੀ ਇਕ … Continue reading ਫੁੱਦੀ ਨਰਸ ਦੀ, ਦੁਨੀਆ ਤਰਸਦੀ

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Maa Bete Ki Romance Kahani – Part 5

Rohit (dheere se): haan aunty... Main bhi hu na aapka madarchod beta....

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விதவையை வித்தியாசமாக ஓத்தேன்

பக்கத்துவீட்டு அக்கா கணவனை இழந்து இருந்தால், அவளின் கூதி அரிப்பை அடக்குவதற்குச் சுன்னியைப் பிதுக்கி கூதியில் விட்டு அடித்து விந்தை வெளியில் எடுத்தேன்.

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Gusse Me Chodi Chachi Ki Chut

Meri mast chachi ne mere samne meri maa se ladai kar li, aur meri maa ki bahot bezjadi kari. To mene soch liya ki ab main chachi se apna badla jarur lunga.

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Mom Ke Friends Aur Mere Maje – Part 1

Ek din main ghar jaldi aa gya, mujhe ghar ka darwaja band mila. Par ander se kuch mom aur padosi Raju uncle ki awaj aa rhi thi.

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Meri Mummy Ka First Affair

Meri sexy maa ko roj office jate hue, ek ladka tang karne lag gya tha. Par mummy ko wo ladka ab pasand aane lag gya tha, jisse sab kuch badal gya.

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Tai Ji Ki Chudai Dekh Garam Ho Gaya

Ek raat maine apne tau aur tayi ko blue movie dekhte hue dekha, kasam se mera dimag kharab ho gya tha. Fir tau ne unko garam karke unki chudai shuru kar di.

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Yeh Maine Kya Kar Diya – Episode 6

ज़ीशान को तपन से पता चला कि कैसे उसकी गैरहाजिरी में हितेन ने ज़ीनत के जम कर मजे लुटते हुए सारी हदें पार कर दी। ज़ीशान की बेवकुफी की सजा उसकी बीवी ज़ीनत को मिली जिसकी वजह से ज़ीनत को शर्मिंदगी भी उठानी पड़ी और ज़ीशान सिर्फ अफसोस ही कर पाया

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चूत मिलती तो तन बदन खिल ऊठता

Antarvasna, hindi sex stories: मैंने अमन से कहा क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी अमन कहने लगा हां भैया मैंने आपके फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। मैंने अमन से कहा चलो ठीक है मैं तो इसी चिंता में था कि क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवाई होगी या नहीं क्योंकि कुछ दिनों से तुम काफी बिजी चल रहे थे और मैं भी काफी बिजी था और मुझे तुमसे बात करने तक का समय नहीं मिल पाया। अमन मुझे कहने लगा कि हां भैया मैंने आपकी टिकट बुक करवा दी है मैं आपको शाम को मिलता हूं। अमन अपने ऑफिस में ही था और मैं भी अपने ऑफिस में था मैं अमन से फोन पर बात कर रहा था शाम के वक्त जब मैं घर लौटा तो अमन से मैंने पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है। अमन मुझे कहने लगा भैया आपको तो पता ही है कि हमारे ऑफिस में हमारे बॉस का कितना ज्यादा प्रेशर रहता है काम के लिए वह बड़े ही सीरियस रहते हैं और जब भी उनसे कुछ कहो तो वह गुस्सा हो जाया करते हैं।

मैंने अमन को कहा अमन ऐसा तो मेरे साथ भी होता है और यह अक्सर होता ही रहता है अमन मुझे कहने लगा कि भैया आप कहां जा रहे हैं तो मैंने अमन को कहा मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं। अमन कहने लगा भैया क्या आप अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहा हूं अपने दोस्तों से मिले हुए काफी समय भी तो हो गया है। कॉलेज में हमारे साथ पढ़ने वाले मेरे दोस्त सुशील ने यह प्रोग्राम बनाया था वह चाहता था कि हम लोग सब मिले और काफी सालों बाद सब लोगों की मुलाकात होने वाली थी। मेरे लिए तो उससे भी अच्छा मौका तब था जब मैं फ्लाइट में था फ्लाइट में मेरे बिल्कुल सामने एक लड़की बैठी हुई थी मैं बार-बार उसकी तरफ देख रहा था और वह अपने कान में हेडफोन लगाए हुई थी। अहमदाबाद से चंडीगढ़ जाते वक्त मैं अपने दिमाग में सोच रहा था कि जब इतने समय बाद अपने दोस्तों से मिलूंगा तो कितनी खुशी होगी और वह लोग भी कितने खुश होंगे। मैं बार-बार अपनी बगल वाली सीट पर बैठी हुई लड़की को देखे जा रहा था मुझसे वह कहने लगी कि क्या आप चंडीगढ़ जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं।

उसने भी बड़े अच्छे तरीके से मुझसे बात करनी शुरू की और जब उसने मुझ से हाथ मिला कर अपना नाम बताया तो मैं उसकी तरफ देखता रहा उसने मुझे कहा मेरा नाम सुजाता है। मैं सुजाता की तरफ देखता ही रहा क्योंकि मैं भी अपने मन में यह सोचने लगा की काश सुजाता मेरे जीवन में आ जाती लेकिन ऐसा संभव होना इतना आसान भी कहा था। पहली मुलाकात में हम दोनों की इतनी बातें होने लगी कि सुजाता मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी। मैंने उसे अपने बारे में बताया और कहा कि मेरे पिताजी अहमदाबाद में स्कूल में टीचर हैं और मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए चंडीगढ़ जा रहा हूं तो सुजाता ने मुझे कहा कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हो। उसने मुझसे पूछा कि तुम अपने दोस्तों से कितने समय बाद मिलोगे तो मैंने उसे कहा कि मैं अपने दोस्तों से करीब 5 साल बाद मिलूंगा इन 5 सालों में काफी कुछ बदल चुका है। सुजाता से मेरी बात काफी समय तक हुई जब हम लोग चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंच गए तो वहां से  मैं अपने दोस्त के घर पहुंचा सुशील को मैं इतने समय बाद मिल रहा था सुशील ने मुझे गले लगाते हुए कहा की तुमसे इतने समय बाद मुलाकात हो रही है मैं बहुत खुश हूं। मैंने सुशील को कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही तो संभव हो पाया है यदि तुम सब लोगों को मिलने के लिए एक साथ नहीं बुलाते तो शायद यह संभव हो ही नहीं पाता। सुशील मुझे कहने लगा यार मैंने भी सोचा कि तुम लोगों से मुलाकात हो जाएगी और सब लोग अपने काम में इतना बिजी हो चुके हैं कि किसी के पास भी समय नहीं है तुम तो जानते ही हो कि हमारा कॉलेज खत्म हुआ और उसके बाद से तो एक दूसरे से मुलाकात ही नहीं हो पाई। मैंने सुशील को कहा हां यार तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो शुशील ने मुझे कहा तुम थोड़ी देर आराम कर लो मैंने उसे कहा नहीं मैं ठीक हूं। मैंने शुशील से कहा कि मैं अपने मामा से मिल आता हूं अभी कोई जरूरी काम तो नहीं है ना तो सुशील मुझे कहने लगा कि नहीं तुम अपने मामा जी से मिल आओ।

मेरे मामा जी की वजह से मैं चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था उन्होंने मुझे अपने साथ रखा और उनके साथ रहकर मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की मेरे मामाजी के कोई भी बच्चे नहीं है इसलिए वह मुझे मानते है। मैं जब अपने मामा जी से मिलने के लिए उनके घर पर गया तो मामा जी उस दिन घर पर ही थे मामा जी मुझसे मिलकर खुश हुए और कहने लगे कि इतने सालों बाद तुम हमसे मिलने आ रहे हो। मैंने मामा जी से कहा मामा जी जब से जॉब लगी है उसके बाद से तो अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता और मैं काफी समय से सोच रहा था कि आप लोगों से मुलाकात करुं लेकिन आप लोगों से तो मुलाकात हो ही नहीं पाई। मेरी मामी थोड़ी देर बाद रसोई से मुझे पानी दिया मैंने मामा जी से कहा मामा जी आपका स्वास्थ्य कैसा है तो वह कहने लगे कि रोहित बेटा अब स्वास्थ्य कहां ठीक रहता है बस तबीयत ही खराब रहती है और हर दूसरे दिन डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। मैं और मामा जी साथ में बात कर रहे थे तो मामी जी मुझसे पूछने लगी कि रोहित बेटा घर में तो सब कुछ ठीक है ना मैंने मामी से कहा हां मामी जी घर में सब लोग ठीक हैं और मम्मी तो आपको बहुत याद करती हैं।

मामा जी मुझसे कहने लगे कि रोहित तुम यहां कितने दिन तक रुकने वाले हो तो मैंने मामा जी को बताया कि सुशील ने एक गेट टूगेदर पार्टी रखी है उसी के सिलसिले में मैं यहां आया हूं और हो सकता है कि तीन-चार दिन तक मैं यहां पर रुंकू। मामा जी कहने लगे कि बेटा तुम हमारे पास ही रुकना मेरे मामा जी से कहा मामा जी आज तो मैं आपके पास नहीं आ पाऊंगा क्योंकि शाम के वक्त हम लोगों की गेट टुगेदर पार्टी है कल मैं आपसे मिलने के लिए आता हूं और कल मैं आपके साथ ही रुकूंगा मामा जी कहने लगे कि ठीक है रोहित बेटा। काफी देर तक मैं उन लोगों के साथ बैठा रहा और मुझे भी अच्छा लगा कुछ पुराने दिनों की बात मामाजी करने लगे उसके बाद मैं सुशील के पास उसके घर पर चला गया। उसी शाम जब हम लोग गेट टु गेदर पार्टी में गए तो वहां पर बड़ा मजा आया सब पुराने दोस्तों से मिलकर बहुत खुशी हुई। सब लोगों से इतने सालों बाद मिलकर खुशी हो रही थी ऐसा लग रहा था साथ मे समय बिताते रहो। उस रात जमकर शराब पी जब रात को घर लौटे तो मुझे होश भी नहीं था अगले दिन जब मेरी आंख खुली तो मेरे सर में बड़ा दर्द हो रहा था मैंने सुशील को कहा मुझे पानी पिला देना? सुशील ने अपने घर में काम करने वाली नौकरानी को बुलाया उसने मुझे पानी पिलाया मैं उसकी तरफ देखता रहा। मैंने उसे अपने पास बुलाया जब वह मेरे पास आई तो मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा सुशील दूसरे रूम में बैठा हुआ था। मैंने उसे पैसों का ललाच दिया उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया जब वह मेरे लंड को चूसती तो मुझे बड़ा मजा आता उसने मेरा लंड को बहुत देर तक चूसा। मैं उसे बाथरूम में ले गया वहां मैंने उसकी चूत बड़े अच्छे से मारी वह भी मेरे लंड को चूत में लेकर बड़ी खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आया जिस प्रकार से मैंने आपके लंड को अपनी चूत मे लिया। मैंने उसे कहा मुझे भी आज बड़ा मजा आ गया रात को भी मैं तुम्हें चोदूंगा लेकिन उस रात मैं अपने मामा जी के यहां रुकने वाला था इसलिए मैंने उसे कहा जब मैं जाऊंगा तो तुम से मिल कर जाऊंगा।

जब मैं वापस अहमदाबाद लौटा तो एक दिन मेरी मुलाकात सुजाता से हो गई सुजाता से मिलकर मैं बहुत खुश था वह भी बड़ी खुश हुई। सुजाता ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा मैं सुजाता के घर पर चला गया और सुजाता के साथ ही मैं बैठा कर उससे बात कर रहा था काफी देर तक हम लोगों की बातें होती रही। उसके बाद हमारा मिलना जुलना बढ़ने लगा हम दोनों की फोन पर भी बातें होने लगी बातें अब सेक्स की होने लगी थी। हम दोनों ही अपने आपको ना रोक सके जब मैं सुजाता के घर पर गया तो उसकी चूत मारने के लिए मैं बड़ा उतावला हो रहा था वह भी अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी मैंने सुजाता की जांघ पर हाथ रखा और उसे अपनी गोद में बैठा लिया मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो उसने भी लंड को दबाना शुरू किया। जब उसने लंड को अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैं उत्तेजित हो रहा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

मैंने काफी देर तक उसकी चूत चाटी जब सुजाता की चूत पूरी तरीके से गीली हो गई तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया था उसे बड़ी तेज गति से में धक्के मार रहा था। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा आनंद आता मैं काफी देर तक सुजाता की चूत के मजे लेता रहा सुजाता अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी वह मुझे कहने लगी आज तुम्हारे साथ अपनी चूत मरवा कर मजा आ रहा है मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर बाहर होता। मेरे अंडकोष उसकी चूत से टकराते मैं उसके होठों को चूमता उसके स्तनों का रसपान करता मुझे बड़ा मजा आता मै बहुत देर तक उसको चोदता रहा। उसकी टाइट चूत के मजे में ज्यादा देर तक ले ना सका मेरा वीर्य पतन हो गया मेरा वीर्य पतन होते ही मैंने सुजाता को गले लगा लिया। उसके बाद यह सिलसिला चलने लगा सुजाता को भी बड़ा मजा आया उसने उसके बाद मुझे अपने कुछ पुराने प्रेमियो के बारे में भी बताया किस प्रकार से उसने उनके साथ सेक्स किया था।



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Monday, June 24, 2019

கொரில்லாவின் காம ஆட்டம்

தெரியாமல் ஒரு காட்டு கொரில்லாவைப் போல் இருப்பவனை ஓக்க வீட்டிற்கு அழைத்து அவன் சுண்ணியை ஊம்பி கூதியில் சுண்ணியை விட்டு ஓத்து கூதி கிழியக் கதறக் கதற.

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Kaise Main Ek Gay Ban Gaya – Part 2

Ab sir meri gand har Sunday mere ghar aa kar chodte the. Par ek din unhone meri maa ko dekh liya, aur wo unke deewane ho gye.

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Chote Bhai Se Chudwayi Kuwari Chut

Jab main jawan hui toh mujhe lund lene ki bahot tadap mach rhi thi. Par main bahar lund nhi le skati thi. To iske liye maine apne chhote bhai ko chuna.

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Paisa Rishte Badal Deta Hai – Part 2

Maa ke birthday wale din maine unhe neckless gift kiya. Aur fir agle din main unhe hotel me le gya. Bas wahi se sab kuchh badal gaya.

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Yeh Maine Kya Kar Diya – Episode 5

हेतल को ज़ीशान की नीयत पर शक हो गया और फिर ज़ीशान से उसने सारा सच उगलवा लिया। मगर फिर ज़ीशान को सच का पता चला। साथ ही हेतल भी अनपेक्षित रूप से ज़ीशान के सामने अलग रूप में पेश आयी और यह देखकर ज़ीशान दंग रह गया।

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Meri Chudakkad Dipali Mami – Part 5

Maine khud tujhe kitni baar propose kiya lekin Nil ne mujhe har baar mujhe reject kiya tune.. Aur yahan sahab ne nayi girlfriend patayi.

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दरवाजा खुला और भाभी चुद गई

Antarvasna, kamukta: रचना से मेरी शादी को एक वर्ष हुआ था मेरे लिए कभी भी सुंदरता मायने नहीं रखती थी रचना का व्यवहार बहुत अच्छा था और मुझे इस बात की भी खुशी बहुत थी की रचना से मेरी शादी होने के बाद मेरा प्रमोशन भी हो गया। सब कुछ मेरे जीवन में बहुत ही अच्छे से चल रहा था मेरी मां भी बहुत खुश थी और पिताजी भी मेरी शादी के बाद बहुत खुश थे। एक दिन हमारे दूर के रिश्तेदार घर पर आए उन्होंने रचना को कभी देखा नहीं था क्योंकि वह मेरी शादी में आ नहीं पाए थे और जब उन्होंने रचना को देखा तो उन्होंने रचना की सुंदरता को लेकर कुछ बात कर दी जिससे कि रचना को यह बात बहुत बुरी लगी। रचना मुझे कहने लगी कि आज मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं मैं उस वक्त रचना की बात को समझ नहीं पाया लेकिन जब मुझे इस बात का पता चला तो मैंने रचना को समझाया और कहा तुम बेवजह ही उनकी बातों को अपने दिल पर ले रही हो तुम्हे उनकी बातों को दिल पर नहीं लेना चाहिए लेकिन रचना के दिल पर उनकी बात लग चुकी थी जिससे की रचना अब सिर्फ सुंदर दिखना चाहती थी।

मैं रचना को कई बार समझाता था लेकिन रचना ना जाने कितने प्रकार के बाजार में बिकने वाले प्रोडक्ट घर ले आई थी। मैं रचना को हमेशा कहता कि रचना तुम्हारा दिल बहुत अच्छा है और बाहरी सुंदरता मेरे लिए कभी मायने नहीं रखती लेकिन रचना के सर पर तो जैसे भूत सवार था कि उसे अब सुंदर दिखना है और उसके लिए उसने ना जाने क्या कुछ नहीं किया। मैं एक कंपनी में मैनेजर हूं लेकिन रचना के इस जुनून के चलते मेरे बहुत पैसे खर्च होने लगे थे। एक दिन मैंने रचना को यह बात कही तो रचना को यह बात बुरी लगी और इस बात से हम दोनों के बीच अब कई बार झगड़े हो जाया करते थे। यह बात जब मेरे पापा मम्मी को पता चली तो उन्होंने रचना से इस बारे में बात करने की सोची और उस दिन मेरी छुट्टी थी तो मैं घर पर ही था हम सब लोग साथ में बैठे हुए थे क्योंकि हमारा परिवार छोटा परिवार ही है घर में हम सिर्फ 4 सदस्य हैं और मेरी बहन की शादी को भी 5 वर्ष हो चुके हैं।

पापा मम्मी ने रचना को समझाया कि तुम्हारी सुंदरता हमारे लिए कभी मायने रखती ही नहीं थी तुम्हारे व्यवहार को देखते हुए हमने सुरेश की शादी तुमसे करवाई थी लेकिन रचना के सर पर ना जाने क्या भूत सवार था कि वह किसी की बात भी सुनने को तैयार नहीं थी। एक दिन उसकी सहेली ने उसे किसी प्रोडक्ट के बारे में बताया तो वह भी वह प्रोडक्ट घर पर ले आई मैंने रचना को कहा रचना तुम्हारे सांवले रंग से मुझे कभी कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं और मेरा परिवार यही कहते कहते थक चुके थे लेकिन रचना हमारी बात मानने को तैयार नहीं थी और उसे इस बात का कोई भी फर्क नहीं पड़ता कि हम लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं परंतु मुझे अब यह बात बुरी लगने लगी थी। मैंने रचना को एक दिन गुस्से में कह दिया कि तुम्हारे इस शौक को पूरा करने के चलते मैं अपनी सैलरी में से आधे से ज्यादा पैसे खर्च कर दिया करता हूं। रचना को यह बात बहुत बुरी लगी और रचना ने अब नौकरी करने के बारे में सोच लिया मैंने रचना को कई बार समझाया कि तुम्हें नौकरी करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन रचना मेरी बात कहां सुनने वाली थी एक छोटी सी बात अब इतनी बड़ी हो चुकी थी कि हमने कभी सोचा भी नहीं था। मैं इसमें किसी को भी दोष नहीं देना चाहता था लेकिन रचना को भी तो यह समझना चाहिए लेकिन रचना कहां इस बात को समझना चाह रही थी जिस वजह से हम दोनों के बीच दूरियां ही पैदा हो रही थी और हम दोनों एक दूसरे से दूर होते जा रहे थे। रचना एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगी थी क्योंकि शादी से पहले वह कंपनी में जॉब किया करती थी लेकिन शादी होने के बाद रचना ने फैसला किया कि वह जॉब छोड़ देगी इसलिए उसने जॉब छोड़ दी। अब हम दोनों के बीच की बढ़ती हुई दूरियां हम दोनों के रिश्ते में दरार पैदा करती जा रही थी मेरे मम्मी पापा भी इस बात से बहुत चिंतित थे उन्होंने रचना को कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह किसी की भी बात को समझने को तैयार नहीं थी। हालांकि रचना से किसी को कोई परेशानी नहीं थी वह घर में सारी बातों को माना करती और जब भी मम्मी पापा को कोई जरूरत होती तो रचना हमेशा उनकी बातें सुना करती लेकिन उसके सर पर एक जुनून सवार था और वह हम दोनों के बीच एक दीवार खड़ी कर रहा था जिससे कि हम दोनों ही एक दूसरे से अलग हो चुके थे। हम दोनों अब एक दूसरे से कम बात किया करते मेरी बहन ने भी रचना को कोई बार समझाने की कोशिश की लेकिन रचना कहां किसी की बात सुनने वाली थी मैं उसे बहुत प्यार किया करता था मैंने रचना के रूप रंग पर कभी भी ध्यान नहीं दिया था मैंने हमेशा से ही रचना के व्यवहार से प्यार किया था जो कि अब बदलने लगा था।

रचना अब पूरी तरीके से बदल चुकी थी और स्थिति अब पूरी तरीके से बदल चुकी थी। एक बार मेरा दोस्त आकाश मेरे साथ ऑफिस में बैठा हुआ था हम दोनों लंच के वक्त साथ में बैठे हुए थे हालांकि मैं आकाश को कुछ बताना तो नहीं चाहता था लेकिन मैंने आकाश को इस बारे में बताया तो आकाश कहने लगा कि क्या तुमने रचना से बात नहीं की। मैंने आकाश को कहा मैंने रचना से बात की थी लेकिन वह कहां मेरी बात सुनने को तैयार है और वह मेरी कुछ भी बात मानती नहीं है अब वह नौकरी भी करने लगी है और उसका व्यवहार पूरी तरीके से बदल चुका है। इस बात से आकाश भी बहुत हैरान था आकाश ने मुझे कहा कि यदि मुझे तुम्हारी कुछ मदद करनी है तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं। मैंने आकाश को कहा तुम्हारे कहने से भी कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि अब रचना पूरी तरीके से बदल चुकी है और वह पहले जैसी बिल्कुल भी नहीं रही उसके स्वभाव में परिवर्तन आ चुका है और मैं इस बात से इतना ज्यादा परेशान हो चुका हूं कि हम दोनों के बीच दरार पैदा होने लगी है।

आकाश ने मुझे कहा कि तुम चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा परंतु मुझे उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही थी। हम दोनों के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था ना तो हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चल पा रही थी और ना ही मेरे और रचना के बीच सेक्स संबंध हो पाते थे हम दोनों की सेक्स लाइफ पर भी इस बात का बुरा असर पडता था। रचना अपने जुनून के लिए इतनी पागल थी उसे कभी इस बारे में बात करो तो वह मुझसे गुस्सा हो जाए करती हालांकि मैं यह सब भूलकर अब आगे बढ़ चुका था। उसी दौरान पड़ोस की एक भाभी जो मुझे बड़ी पसंद थी जब मुझे उनके और उनके पति के बीच के रिश्तो के बारे में पता चला तो मैंने दोनों के बीच मे कूदने का फैसला कर लिया। मैं दोनों के बीच में दीवार बन चुका था भाभी जी का मेरे प्रति ज्यादा ही आकर्षण था सब कुछ बदलता जा रहा था। जब भाभी जी ने मुझे कहा मैं रात को दरवाजा खुला रखूंगी तुम घर पर आ जाना। रात के वक्त मे भाभी जी के घर पर गया उस वक्त घर पर कोई भी नहीं था भाभी जी के कमरे का दरवाजा खुला था वह नग्न अवस्था में बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैं सीधा ही उनके बिस्तर में जाकर उनके बगल में लेट गया और उनके बदन को मैंने महसूस करने लगा मेरे अंदर की आग बढ़ने लगी थी मेरी आग इतनी ज्यादा बढ़ने लगी मैंने भाभी जी के होंठों को चूमना शुरू किया और उन्हें कहा भाभी जी आपके होंठ बहुत बड़े रसीले हैं। वह कहने लगी तुम इसको अपना बना लो मैंने फैसला कर लिया मैं भाभी की चूत को मार कर ही रहूंगा। मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला भाभी ने उसे अपने हाथ में लिया और उन्होने कहा आपका लंड तो बड़ा ही मोटा है। मैंने उन्हें कहा आप इसे अपनी चूत के अंदर समा लीजिए।

उन्होने मुझे कहा पहले आपके लंड को मुझे अपने मुंह में लेने दीजिए। जब उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे बड़ा आनंद आने लगा मुझे बहुत ही खुशी हो रही थी जिस प्रकार से मैं और भाभी जी एक साथ एक ही बिस्तर पर लेटे हुए थे वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर बड़े अच्छे से चूस रही थी। उन्हें मेरे लंड को चूसने में बड़ा ही आनंद आ रहा था बहुत देर तक उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा जब मेरे लंड से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा तो उन्होंने मुझे कहा मै रह नहीं पा रही हूं। उन्होंने अपने दोनों पैर को खोला उनकी चूत के बीच में से जब मैंने अपने लंड को डाल तो उनकी वह चिल्ला उठी। उन्होंने मुझे कहा आप मुझे अपनी बाहों में भर लीजिए मैं उनसे कसकर लिपट गया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा।

मेरे धक्के जिस प्रकार से उनके बदन को हिला रहे थे उससे बहुत गर्मी पैदा हो रही थी उनकी चूत से पानी निकलता जा रहा था उनकी चूत से निकलता हुआ पानी मुझे मजबूर कर रहा था कि मैं उनकी चूत का भोसडा बना दूं और मैंने उनकी चूत का भोसडा बना दिया जब मैंने अपने वीर्य को भाभी जी की चूत में गिराया तो मुझे नहीं पता था कि उनकी गांड भी मै मार पाऊंगा। उन्होंने मेरे लंड को खड़ा कर दिया मैंने उनकी गांड भी मारनी शुरू की। मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश की हुई थी जिससे की भाभी जी की गांड के अंदर बाहर लंड आसानी से चला जाता मैं लगातार तेजी से उनकी गांड के मजे लेता। उनकी गांड से ज्यादा ही गर्मी बाहर निकलने लगी उन्होने कहा मैं अब झडने वाली हूं तुम अपने माल को अंदर गिरा दो। जब उन्होंने यह कहा तो मैंने अपने वीर्य को उनकी गांड के अंदर गिरा दिया। उन्हें बडा मजा आया वह कहने लगी आगे भी आपको मैं बुलाती रहूंगी दरवाजा आपके लिए हमेशा खुला रहेगा। रचना के सर पर अभी भी पागलपन सवार था और भाभी जी मेरी खुशियों का ध्यान रखा करती।



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Sunday, June 23, 2019

தாமரையை தாறுமாறாக ஓத்தேன்

வீட்டில் வேலை செய்து கொண்டு இருந்த பெண், நான் உறங்கும் போது சுன்னியை ஊம்பினாள். பிறகு அவளைப் படுக்கையில் படுக்க வைத்து சுன்னியைச் சூத்தின் உள்ளே...

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Kaise Main Ek Gay Ban Gaya – Part 1

Mere dost Bhanu ne mujhe lund chusna aur lund ka pani peena sikha diya tha, darsal hum dono hi gay the. Par ek din school me Maths teacher ne hum dono pakad liya.

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Paisa Rishte Badal Deta Hai – Part 1

Dosto, iss kahani mai batunga kaise mai paise kamane ke baad rishto ko sirf ek chut aur lund samjhne laga aur inhi paise ne kaise mujhe chut dilwayi.

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Maa Bete Ki Romance Kahani – Part 4

Main bhag ke gaya mummy ki taraf aur maine apne dono hath mummy ki patli si kamar me daale, aur use meri taraf kheecha aur khud pichhe se jor se unki gaand par dhakka maara.

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Meri Randi Mummy Ka Chudai Kaand

Papa meri maa ko jyada nhi chodte the, kyoki wo jyadatar ghar se bahar hi rhete the. Ek din main college se jaldi wapis aaya to mujhe ghar me jhatka laga.

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Yeh Maine Kya Kar Diya – Episode 4

जो कुछ तपन और हितेन ने ज़ीनत के साथ किया था वैसा ही ज़ीशान ने हेतल के साथ करने की कोशिश की और काफी हद तक कामयाब भी हो गया था।

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Saturday, June 22, 2019

साहब लंड है या हथौड़ा

Antarvasna, sex stories in hindi: पारुल की तबियत कुछ दिनों से बिल्कुल भी ठीक नहीं थी और मां भी बूढ़ी हो चुकी हैं, पारुल मुझे कहने लगी कि मुझे लगता है कि आपको घर में परेशानी होने लगी है क्यों ना हम लोग किसी को घर के काम के लिए रख लेते हैं। मैंने पारुल से कहा ठीक है, पारुल मुझे कहने लगी कि पड़ोस में ही एक काम वाली बाई आती है तो यदि तुम कहो तो मैं उससे बात कर लूं मैंने पारुल से कहा हां पारुल तुम उससे बात कर लो। मैं चाहता था कि घर की साफ सफाई और खाना बनाने का काम वह कर देगी क्योंकि पारुल की तबीयत अब दिन ब दिन खराब होती जा रही थी और डॉक्टरों ने उसे आराम करने की सलाह दी थी लेकिन पारुल फिर भी आराम नहीं करती थी परंतु अब उसे भी लगने लगा था कि उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने लगी है जिसकी वजह से वह मुझे कहने लगी कि मैं चाहती हूं कि हम लोग किसी को घर पर रख ले। मैंने पारुल से कहा तुम शाम को मुझे उस महिला से मिलवा देना तो पारुल कहने लगी ठीक है मैं शाम के वक्त आपको उस महिला से मिलवा दूंगी।

मैंने पारुल से कहा मैं अभी अपनी एक मीटिंग के सिलसिले में जा रहा हूं और मुझे आने में टाइम हो जाएगा तो पारुल कहने लगी ठीक है आप आते वक्त मुझे फोन कर दीजिएगा। मैंने पारुल से कहा क्या कोई जरूरी काम था तो वह मुझे कहने लगी कि हां मुझे कुछ दवाइयां मंगवानी थी यदि आप कहे तो आपको मैं वह दवाइयां बता देती हूं। मैंने पारुल से कहा मैं तुम्हारी दवाइयां ले आऊंगा पारुल ने मेरे नंबर पर मैसेज कर दिया था और मैं अब अपने काम के सिलसिले में निकल चुका था। मैं जब अपने घर से गया तो उस वक्त मैंने अपनी गाड़ी स्टार्ट की लेकिन मैं अपना बटुआ अपने कमरे में ही भूल आया था मैंने गाड़ी बंद की और अपना बटवा लेने के लिए चला गया। मैं जब वापस लौटा तो मैंने कार की चाबी को घुमाया और गाड़ी स्टार्ट हो गई उसके बाद मैं अपनी मीटिंग के लिए निकल चुका था क्योंकि मुझे जल्दी ही घर लौटना था। मैं अपनी मीटिंग के लिए गया तो वहां पर मेरी डील फाइनल हो चुकी थी मेरी प्रॉपर्टी का काम भी अच्छा चल रहा है और पिछले 10 वर्षों से मैं यही काम कर रहा हूं।

मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मेरी यह डील फाइनल हो जाएगी परंतु अब यह डील फाइनल हो चुकी थी और मैं घर लौटा तो पारुल मेरा इंतजार कर रही थी। मैंने पारुल को कहा कि मैं तुम्हें दवाई दे देता हूं तो पारूल कहने लगी कि नहीं आप रहने दीजिए मैं ले लूंगी। मैंने पारुल से कहा की क्या वह महिला आई नहीं तो पारुल कहने लगी कि वह थोड़ी देर बाद आती ही होगी मैंने जब समय देखा तो उस वक्त 6:30 बज रहे थे और कुछ ही देर बाद वह महिला आ गई। जब वह महिला आई तो मैंने उसे अपनी सारी समस्या बता दी वह मुझे कहने लगी कि साहब मैं पड़ोस में भी काम करने के लिए आती हूं यदि आपको कुछ भी पूछना है तो आप उनसे पूछ लीजिएगा। मैंने उस महिला से कहा इसमें पूछने वाली बात नहीं है मेरी पत्नी की तबीयत खराब रहती है और मेरी मां भी अब बूढ़ी हो चुकी है तो घर की सारी जिम्मेदारियों को तुम्हे ही संभालना होगा। वह महिला कहने लगी कि साहब आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए, मैंने उससे कहा तुम पैसे की चिंता मत करना मैं तुम्हे समय पर मैं पगार दे दिया करूंगा और तुम घर का काम अच्छे से करना। वह कहने लगी कि साहब आप उसके बारे में बिल्कुल निश्चिंत रहिये उसके बाद वह घर से चली गयी मैं और पारुल आपस में बात करने लगे पारुल मुझे कहने लगी कि आपको क्या लगता है कि वह अच्छे से काम कर पाएगी। मैंने पारुल से कहा कुछ दिन तक उसे देख लेते हैं यदि उसने अच्छे से काम किया तो उसे रख लेंगे नहीं तो किसी और से बात कर लेंगे। पारुल कहने लगी हां आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं, पारुल भी अब इस बात से निश्चिंत हो चुकी थी क्योंकि उसे भी घर की चिंता सताती रहती थी। मेरे दोनों बच्चे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं और वह सिर्फ छुट्टियों के लिए हमारे पास आते हैं उनसे सिर्फ मेरी फोन पर ही बात होती रहती है। अगले दिन सुबह से वही महिला हमारे घर पर काम करने के लिए आने लगी थी धीरे-धीरे उससे हमारा मेल मिलाप अच्छा होने लगा और वह हमारे घर के सदस्य की तरह ही हो गई थी उसका नाम शालू है।

शालू को भी दो बच्चे हैं उसकी उम्र 40 वर्ष के आसपास की है शालू घर का काम अच्छे से संभाल रही थी और मुझे भी घर की कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी। वह पारुल का ध्यान भी अच्छे से रखती थी और पारुल को समय पर वह दवाइयां दे दिया करती थी कुछ दिनों पहले ही मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने लगी तो हमें उन्हें अस्पताल लेकर जाना पड़ा। जब मैं मां को अस्पताल लेकर गया तो डॉक्टर ने उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में ही एडमिट करने की बात कही मैंने मां को अस्पताल में ही एडमिट करवा दिया था और मां की देखभाल के लिए मुझे अस्पताल में ही रहना पड़ा घर की सारी जिम्मेदारियां शालू के ऊपर थी और शालू भी घर का काम अच्छे से कर रही थी। इसी बीच मेरी एक जरूरी मीटिंग होनी थी तो मैं उस दिन अपनी मीटिंग के लिए अस्पताल से सीधा ही अपनी मीटिंग के लिए चला गया और जब मैं वहां पर गया तो मेरे दिमाग में ना जाने क्या चल रहा था मैं शायद कुछ और ही सोच रहा था इस वजह से वह डील मेरी कैंसिल हो चुकी थी और उसके बाद मैं अस्पताल लौट गया। मुझे अपनी मां की स्वास्थ्य की बहुत चिंता थी और मैं सिर्फ उन्ही के स्वास्थ्य के बारे में सोच रहा था। डॉक्टरों की मेहनत से मेरी मां अब ठीक हो चुकी थी और कुछ समय बाद उन्हें मैं घर ले आया था।

मां अब घर पर ही थी और मैं भी थोड़ा निश्चिंत हो चुका था क्योंकि शालू मां का पूरा ध्यान रखती थी कुछ दिनों तक मैं अपने काम पर नहीं गया उस दौरान में घर पर ही था। शालू घर की सफाई कर रही थी और सुबह के वक्त में मॉर्निंग वॉक से घर लौटा था जब मैं घर लौटा तो शालू की बड़ी चूतड़ों को देखकर ना जाने उस दिन मेरे अंदर से क्यों एक अलग ही आग पैदा होने लगी। मैंने जब शालू को अपने कमरे में बुलाया तो वह कहने लगी हां साहब कहिए ना क्या हुआ तो मैंने उसे कहा मैं चाहता हूं कि तुम मेरे साथ सेक्स संबंध बनाओ। वह मुझे कहने लगी लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती मैंने उसे समझाया तो वह मेरी बात मान गई मैंने उसे कहा मैं यह बात किसी को भी नहीं बताने वाला वह मुझे कहने लगी लेकिन मैं आपके साथ ऐसा नहीं कर सकती परंतु मैंने उसे अपनी बातों के लिए मना लिया था। वह मेरे साथ सेक्स संबंध बनाने के लिए राजी हो गई तो मैंने उसे कहा क्यों ना हम दोनों ही एक दूसरे के साथ आज जमकर मजा ले। वह कहने लगी लेकिन यदि पारुल मेम साहब को पता चला तो मैंने उसे कहा उसे कुछ भी पता नहीं चलेगा तुम मेरे साथ आज मेरे फ्लैट पर चलना मैं तैयार हो चुका था शालू ने भी अपना काम निपटा लिया था। मैं उसे लेकर अपने फ्लैट पर चला गया जब मैं वहां पर गया तो मैंने शालू से कहा कई दिनों से मेरी इच्छा पूरी नहीं हो पाई है क्योंकि पारुल की तबीयत खराब रहती है और मैं अपने काम से भी समय नहीं निकाल पाता मेरे लिए अब सेक्स बहुत दूर की कौड़ी है लेकिन आज तुम्हारी बडी गांड को देखकर मैं अपने आपको रोक नहीं पाया। वह मुझे कहने लगी साहब लेकिन मुझे अच्छा नहीं लग रहा मैंने उसके होंठों को चूमा और उसे नीचे लेटा दिया। मैं उसके साथ चुम्मा चाटी कर रहा था वह मुझसे मुझे अपने होंठो का मजा दे रही थी काफी देर तक हम लोग ऐसा ही करते रहे।

हम दोनों ही अब पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए थे मैंने शालू से अपने लंड को चूसने की बात कही तो वह मेरी बात मान गई और मेरे लंड को चूसने लगी। उसने मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से अपने मुंह में लेकर चूसा जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। काफी देर तक ऐसा करने के बाद शालू के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी मैंने शालू से कहा मुझे तुम्हारे बदन के कपड़ों को खोलने दो। मैंने जब उसके बदन से उसकी ब्रा खोलते हुए अपने होंठो को उसके स्तनों पर लगाया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा और मैं काफी देर तक उसक स्तनो को चूसता रहा वह पूरी तरीके से मचलने लगी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब मैंने अपने मोटे लंड को शालू की योनि पर लगाया तो कितने समय बाद किसी की चूत के अंदर मेरा लंड जा रहा था मुझे मजा आ रहा था। मैंने एक ही झटके में अपने पूरे लंड को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया उसके मुंह से बड़ी तेज आवाज निकली और वह कहने लगी मेरी तो फट गई। मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को चूत मे लेती रहो उसने अपने दोनों पैरों को खोल दिया मैंने उसे तेज गति से धक्के देना शुरू कर दिया था।

मै उसे धक्के मार रहा था उसके मुंह से आवाज निकल रही थी वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है मैंने उसे कहा कोई बात नहीं सब ठीक हो जाएगा। मैने अपनी स्पिड पकड ल थी शालू के दोनों पैरों को मैंने अपने कंधों पर रख लिया था। जब मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि मे गिराया तो वह कहने लगी साहब आपका हो गया। मैंने उसे कहा अभी कहां हुआ है हम लोग यहां पूरा रोमांस करने आए हैं और तुम आधे में कह रही हो क्या हो गया। मैंने उसे शराब पिलाई और वह नशे में हो चुकी थी मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर लगाते हुए अंदर की तरफ डाल दिया। मेरा लंड अंदर की तरफ जा चुका था शालू के मुंह से चीख निकल चुकी थी वह आपनी चूतडो को मेरी तरफ कर रही थी और उसने मेरे साथ काफी देर तक मजे लिए। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था और वह भी बहुत खुश नजर आ रही थी लेकिन जब उसकी गांड की गर्मी को मैं झेल ना सका तो मैंने अपने माल को अंदर गिरा दिया वह हमेशा मेरे साथ चलने के लिए तैयार रहती है।



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